Vinayak chaturthi 2025: किसी भी नए काम की शुरुआत से पूर्व भगवान गणेश की पूजा की जाती है। मान्यता है कि गजानन की उपासना से जीवन की सभी समस्याएं और बाधाएं दूर होती हैं।
Vinayak chaturthi 2025: किसी भी नए काम की शुरुआत से पूर्व भगवान गणेश की पूजा की जाती है। मान्यता है कि गजानन की उपासना से जीवन की सभी समस्याएं और बाधाएं दूर होती हैं। इसके अलावा व्यक्ति को व्यापार में भी लाभ मिलता है। शास्त्रों में गणेश जी को बुद्धि के देवता कहा गया है, इसलिए उनकी कृपा से साधक की बुद्धि का विकास होता है और करियर में अच्छे परिणाम प्राप्त होते हैं। वहीं विनायक चतुर्थी पर उन्हें केवल मोदक का भोग लगाने से वह प्रसन्न होते हैं। बता दें, विनायक चतुर्थी हर माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर मनाई जाती हैं।
इस तिथि पर उपवास रखने से संतान की लंबी उम्र, अच्छी सेहत व सुख के योग बनते हैं। आषाढ़ माह में 28 जून 2025 को विनायक चतुर्थी का व्रत रखा जा रहा है। इस तिथि पर पुष्य नक्षत्र और हर्षण योग बना हुआ है। ऐसे में आइए इस दिन की पूजा विधि को जानते हैं।
कब है विनायक चतुर्थी: Kab Hai: Vinayak chaturthi
Vinayak chaturthi हर साल सावन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन विनायक चतुर्थी मनाई जाती है। इस साल 24 जुलाई को हरियाली अमावस्या है। वहीं, हरियाली अमावस्या या सावन अमावस्या के चार दिन बाद विनायक चतुर्थी मनाई जाती है। इस शुभ अवसर पर भगवान गणेश की पूजा की जाती है।
विनायक चतुर्थी शुभ मुहूर्त (Vinayaka Chaturthi 2025 Shubh Muhurat)
वैदिक पंचांग के अनुसार, 27 जुलाई को देर रात 10 बजकर 41 मिनट पर सावन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी की शुरुआत होगी। वहीं, 28 जुलाई को देर रात 11 बजकर 24 मिनट पर सावन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि का समापन होगा। Vinayak chaturthi सनातन धर्म में सूर्योदय से तिथि की गणना की जाती है। इसके लिए 28 जुलाई को विनायक चतुर्थी मनाई जाएगी।
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विनायक चतुर्थी शुभ योग (Vinayaka Chaturthi 2025 Shubh Yog)
सावन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर कई मंगलकारी संयोग बन रहे हैं। इन योग में शिव परिवार की पूजा की जाएगी। इस शुभ अवसर पर परिघ, हर्षण और रवि योग का संयोग बन रहा है। हर्षण योग का संयोग रात भर है। वहीं, रवि योग शाम 05 बजकर 35 मिनट तक है। इन योग में भगवान गणेश की पूजा करने से साधक के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होगी।
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Vinayak chaturthi 2025 Puja vidhi: विनायक चतुर्थी पूजा विधि
- विनायक चतुर्थी पर सुबह ही स्नान कर लें और हरें रंग के वस्त्र धारण करें।
- गणेश जी की मूर्ति को अब एक साफ चौकी पर स्थापित कर लें।
- प्रभु का गंगाजल से अभिषेक करें।
- चंदन का तिलक लगाएं।
- गणेश जी को 21 दूर्वा चढ़ाएं।
- वस्त्र, फूल, अक्षत और पान अर्पित करें।
- अब गणेश जी के समक्ष दीप जलाएं।
- पूजा के दौरान गणेश जी के प्रिय मंत्र “ॐ गण गणपतये नमः” का जप करें।
- गणेश जी को मोदक का भोग लगाएं।
- विनायक चतुर्थी व्रत की कथा पढ़ें।
- अंत में गणेश जी की आरती करें और प्रसाद का वितरण करें।





