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Varuthini Ekadashi Par Kya Na Khaye

Varuthini Ekadashi Par Kya Na Khaye: वरूथिनी एकादशी पर भक्त उपवास रखकर विष्णु भगवान की आराधना करेंगे। वरूथिनी एकादशी पर कुछ कामों को करना अशुभ माना जाता है, जो प्रभु की नाराजगी का कारण भी बन सकता है।

वरूथिनी एकादशी पर क्या न करें?

1. चावल- वरूथिनी एकादशी पर चावल का सेवन बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। मान्यता है इस दिन चावल का सेवन करने से दोष लगता है। 

2. तुलसी की पत्तियां- तुलसी की पत्तियां भगवान श्री हरि विष्णु को बेहद प्रिय हैं, जिनके बिना भगवान को भोग नहीं लगाया जाता है। इसलिए वरूथिनी एकादशी के दिन भूलकर भी तुलसी की पत्तियों को न तो स्पर्श करना चाहिए और न ही इन्हें तोड़ना चाहिए। तुलसी की पत्तियां तोड़ने से मां लक्ष्मी नाराज हो सकती हैं।

3. काले वस्त्र- धर्मिक मान्यताओं के अनुसार, किसी भी शुभ अवसर या फिर पूजा-पाठ के दौरान काले रंग के कपड़े नहीं पहनने चाहिए। इसलिए वरूथिनी एकादशी के दिन काले रंग के कपड़े पहनने से बचें। भगवान विष्णु की असीम कृपा पाने के लिए इस दिन पीले रंग के वस्त्र धारण करना अत्यंत शुभ रहेगा।

4. मास-मदिरा- वरूथिनी एकादशी के दिन भूलकर भी मास-मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए। इस दिन तामसिक भोजन का सेवन करने से भगवान विष्णु नराज हो सकते हैं। 

5. अपमान- कोशिश करें की इस दिन आप किसी का दिल न दुखाएं और वाद-विवाद से भी बचें। Varuthini Ekadashi Par Kya Na Khaye किसी का भी अपमान करने से बचें और न ही किसी का मजाक उड़ाएं। 

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। 

वरुथिनी एकादशी पर क्या करना चाहिए?

इस दिन भगवान विष्णु की पूजा में तुलसी का भोग जरूर अर्पित करें. विष्णु जी को तुलसी बेहद प्रिय है. अगर आपने एकादशी व्रत नहीं भी रखा है तब भी इस दिन सात्विक चीजों का ही सेवन करें.

एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि के समाप्त होने से पहले कर लेना चाहिए. Varuthini Ekadashi Par Kya Na Khaye इसके अलावा, एकादशी के दिन दान-पुण्य करने का खास महत्व है, इसलिए एकादशी तिथि को दान देना न भूलें.

वरुथिनी एकादशी के दिन जगत के पालनहार श्रीहरि विष्णु के साथ ही धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा करें और पूरे दिन ईश्वर का ध्यान करते हुए व्रत का पालन करें. एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि यानी एकादशी के अगले दिन तक किया जाता है.

पान माता लक्ष्मी को किया जाता है अर्पित

Varuthini Ekadashi Par Kya Na Khaye वरुथिनी एकादशी पर पान के पत्ते भी न चबाएं या फिर किसी भी तरह से पान का उपयोग न करें क्योंकि पान के पत्ते माता लक्ष्मी की पूजा में रखे जाते हैं, इसलिए इस दिन पान को चढ़ावे का एक रूप माना जाता है, Varuthini Ekadashi Par Kya Na Khaye इसलिए वरुथिनी एकादशी पर पान न खाएं।

पालक खाना वर्जित है

Varuthini Ekadashi Par Kya Na Khaye इस दिन पालक खाना भी वर्जित है। पालक खाने से भी भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा आपको नहीं मिल पाती है। साथ ही इस दिन पालक खाने से आपको त्वचा सम्बधित कई परेशानियां हो सकती है।

शहद खाने से नाराज होती है मां लक्ष्मी

वरुथिनी एकादशी पर शहद भी न खाएं क्योंकि इस दिन शहद से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी को स्नान कराया जाता है, इसलिए शहद खाने को वर्जित माना गया है। वरुथिनी एकादशी पर शहद खाने से माता लक्ष्मी और विष्णु जी की कृपा आपको नहीं मिलती।

चना खाने से आर्थिक तंगी होती है

इस दिन चने खाने को भी वर्जित माना गया है। Varuthini Ekadashi Par Kya Na Khaye मान्यता है कि आप अगर इस दिन चना खाते हैं, तो आर्थिक तंंगी आपका पीछा नहीं छोड़ती है। इसके अलावा चना खाने से आपको कई तरह की समस्याएं हो सकती है। वरुथिनी एकादशी पर चना खाना वर्जित है।

उड़द की दाल से रोगों का खतरा

वरुथिनी एकादशी पर उड़द की दाल खाने से परहेज करना चाहिए। माना जाता है कि अगर आप वरुथिनी एकादशी पर उड़द की दाल खाते हैं, तो इससे आपको कई रोग होने का खतरा हो सकता है, Varuthini Ekadashi Par Kya Na Khaye इसलिए इस दिन उड़द की दाल खाने को वर्जित माना गया है।

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