
तुलसीदास जयंती, गोस्वामी तुलसीदास जी के जन्मदिवस के रूप में मनाई जाती है, जो भारतीय साहित्य और भक्ति परंपरा के एक महान संत कवि थे। उन्होंने रामचरितमानस जैसे कालजयी ग्रंथ की रचना की, जिसने करोड़ों लोगों के जीवन को प्रभावित किया है। 2025 में, तुलसीदास जयंती 31 जुलाई को मनाई जाएगी। इस पावन अवसर पर, आइए जानते हैं कि हमें क्या करना चाहिए और क्या नहीं, और किन मंत्रों का जाप करना चाहिए।
तुलसीदास जयंती पर क्या करें (What to do on Tulsidas Jayanti):
- रामचरितमानस का पाठ: इस दिन का सबसे महत्वपूर्ण कार्य रामचरितमानस के सुंदरकांड या बालकांड का पाठ करना है। यह गोस्वामी तुलसीदास जी के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी और आपको मानसिक शांति प्रदान करेगा।
- Tulsidas तुलसीदास जी की पूजा: भगवान राम और माता सीता के साथ-साथ गोस्वामी तुलसीदास जी की प्रतिमा या चित्र की पूजा करें। उन्हें फूल, धूप, दीप और नैवेद्य अर्पित करें।
- दीप प्रज्ज्वलन: अपने घर के मंदिर में और विशेष रूप से तुलसी के पौधे के पास घी के दीपक जलाएं। यह सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है।
- दान-पुण्य: इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को भोजन, वस्त्र या धन का दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
- भजन-कीर्तन: घर में भगवान राम और हनुमान जी के भजन-कीर्तन का आयोजन करें। यह भक्तिमय वातावरण बनाता है।
- तुलसी के पौधे की सेवा: तुलसीदास जी को तुलसी का पौधा अत्यंत प्रिय था। इस दिन तुलसी के पौधे की विशेष देखभाल करें, उसे जल दें और उसकी परिक्रमा करें।
- सात्विक भोजन: इस दिन प्याज, लहसुन और मांसाहारी भोजन का सेवन न करें। सात्विक भोजन ही ग्रहण करें।
तुलसीदास जयंती पर क्या न करें (What not to do on Tulsidas Jayanti):
- तामसिक भोजन: मांड़, मांस, मछली या किसी भी प्रकार के तामसिक भोजन का सेवन करने से बचें।
- लड़ाई-झगड़ा: इस पवित्र दिन पर किसी भी प्रकार के वाद-विवाद या झगड़े से बचें। घर में शांति और सद्भाव बनाए रखें।
- बुरी भाषा का प्रयोग: किसी के प्रति अपशब्द या कटु वचन का प्रयोग न करें।
- नशे का सेवन: शराब या किसी भी प्रकार के नशे का सेवन करने से बचें।
- तुलसी के पत्ते तोड़ना: इस दिन तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए। यदि आपको आवश्यकता हो तो एक दिन पहले तोड़ कर रख सकते हैं।
कौन सा मंत्र पढ़ें (Which Mantra to Chant):
तुलसीदास जयंती पर भगवान राम, हनुमान जी और स्वयं तुलसीदास जी से संबंधित मंत्रों का जाप करना अत्यंत फलदायी होता है।
- श्री राम मंत्र: “श्री राम जय राम जय जय राम” यह भगवान राम का सबसे सरल और शक्तिशाली मंत्र है, जो शांति और समृद्धि प्रदान करता है।
- हनुमान मंत्र: “ॐ हं हनुमते नमः” यह मंत्र हनुमान जी को समर्पित है, जो शक्ति, बुद्धि और ज्ञान के प्रतीक हैं। हनुमान जी तुलसीदास जी के आराध्य देव भी थे।
- तुलसीदास जी को समर्पित मंत्र (आप अपनी श्रद्धा अनुसार जप कर सकते हैं): यद्यपि तुलसीदास जी के लिए कोई विशेष मंत्र नहीं है, आप उनकी रचनाओं का पाठ करते हुए या उनके प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हुए निम्न पंक्ति को स्मरण कर सकते हैं: “जय जय गोस्वामी तुलसीदास, कृपा करो गुरु दीनदास।”
तुलसीदास जयंती हमें गोस्वामी तुलसीदास जी के जीवन और शिक्षाओं को याद करने का अवसर प्रदान करती है। इस दिन उनके दिखाए मार्ग पर चलकर और भक्तिमय वातावरण में लीन होकर हम अपने जीवन को सफल बना सकते हैं।