Tripur Bhairavi Jayanti:सनातन धर्म में त्रिपुर भैरवी जयंती को बहुत ही शुभ माना जाता है। यह मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस दिन दस महाविद्याओं में से पांचवें उग्र रूप माता भैरवी की पूजा करने की परंपरा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माता भैरवी भगवान भैरव की पत्नी हैं, जो भगवान शिव का एक उग्र स्वरूप हैं। कहा जाता है कि माता भैरवी की पूजा करने से गुप्त शत्रुओं का नाश होता है। साथ ही सभी मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं।
Tripur Bhairavi Jayanti Puja Vidhi:त्रिपुर भैरवी जयंती पूजा विधि
❀ सुबह उठकर पवित्र स्नान करें।
❀ मंदिर की सफाई करें।
❀ मां की मूर्ति को लकड़ी के चौकी पर स्थापित करें। माँ के आगे कलश स्थापना करें।
❀ माँ को श्रृंगार की वस्तुएं भी अर्पित करें, कुमकुम का तिलक लगाएं, लाल फूलों की माला चढ़ाएं, फल, मिठाई आदि अर्पित करें।
❀ माँ के समक्ष तिल के तेल का दीपक लगाएं, त्रिपुरभैरवी के मंत्रों का जाप करें।
❀ पूजा का समापन कपूर की आरती से करें।
Tripur Bhairavi Jayanti ka Mahatv:त्रिपुर भैरवी जयंती का महत्व
तंत्र विद्या में निपुणता प्राप्त करने के लिए मां आदिशक्ति के स्वरूप त्रिपुर भैरवी की पूजा की जाती है। इसके अलावा माता भैरवी को तेरह अलग-अलग रूपों में पूजा जाता है, जैसे-त्रिपुर भैरवी, चैतन्य भैरवी, सिद्ध भैरवी, भुवनेश्वर भैरवी, संपदाप्रद भैरवी, कालेश्वरी भैरवी, कामेश्वरी भैरवी, कमलेश्वरी भैरवी, रुद्र भैरवी, भद्र भैरवी, शतकुटी भैरवी और नित्या भैरवी।
माना जाता है कि मां का यह रूप दिखने में जितना विचित्र और कठोर है, वह उतना ही दयालु भी है। ऐसे में अगर आप लगातार किसी न किसी समस्या से जूझ रहे हैं तो आपको माता दुर्गा के इस रौद्र रूप की पूजा जरूर करनी चाहिए।
Tripur Bhairavi Jayanti :त्रिपुर भैरवी जयंती: साधना और शक्ति का पावन पर्व
त्रिपुर भैरवी जयंती Tripur Bhairavi Jayanti मां त्रिपुर भैरवी की साधना और उपासना का विशेष पर्व है। यह दिन देवी त्रिपुर भैरवी, जो दस महाविद्याओं में से एक हैं, को समर्पित है। देवी त्रिपुर भैरवी को शक्ति, तंत्र और आध्यात्मिक ऊर्जा की देवी माना जाता है। उनकी उपासना से भय, नकारात्मक ऊर्जा और कष्टों का नाश होता है।
त्रिपुर भैरवी जयंती 2024 तिथि
त्रिपुर भैरवी जयंती तिथि: रविवार, 15 दिसंबर 2024
त्रिपुर भैरवी का महत्व
- आध्यात्मिक ऊर्जा की प्राप्ति: त्रिपुर भैरवी की साधना से साधक को आध्यात्मिक ऊर्जा और आत्मबल प्राप्त होता है।
- भय और बाधाओं का नाश: मां की कृपा से जीवन में आने वाले भय, विघ्न और नकारात्मकता का अंत होता है।
- मन की स्थिरता: त्रिपुर भैरवी की उपासना से ध्यान और मानसिक शांति प्राप्त होती है।
- तंत्र साधना में विशेष स्थान: मां त्रिपुर भैरवी तंत्र साधना में विशेष महत्व रखती हैं। उनकी उपासना से साधक सिद्धियों को प्राप्त कर सकता है।
त्रिपुर भैरवी जयंती पर पूजा विधि
- मां त्रिपुर भैरवी की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
- लाल पुष्प, चंदन, धूप और दीपक से मां की पूजा करें।
- मां को सिंदूर, लाल वस्त्र और फल अर्पित करें।
- त्रिपुर भैरवी मंत्र का जाप करें:
“ॐ ह्रीं त्रिपुर भैरव्यै नमः।” - मां के भैरव स्वरूप का ध्यान करें और अपने जीवन से संबंधित समस्याओं के समाधान की प्रार्थना करें।
- प्रसाद बांटकर पूजा संपन्न करें।
Tripur Bhairavi Jayanti:त्रिपुर भैरवी मंत्र और स्तुति
- बीज मंत्र: “ह्रीं भैरव्यै स्वाहा।”
- स्तोत्र:
“त्रैलोक्य जननी देवी त्रिपुरा भैरवी शुभा।
करुणा रस संपन्ना सर्वसिद्धि प्रदायिनी।”
त्रिपुर भैरवी जयंती के लाभ
- तांत्रिक और आध्यात्मिक बाधाएं समाप्त होती हैं।
- जीवन में सकारात्मकता और उन्नति का मार्ग प्रशस्त होता है।
- भय, शत्रु और नकारात्मकता का अंत होता है।
- मनोकामनाओं की पूर्ति होती है और आत्मविश्वास बढ़ता है।
विशेष संदेश
त्रिपुर भैरवी जयंती Tripur Bhairavi Jayanti केवल पूजा का पर्व नहीं है, यह आत्मा को जागृत करने और जीवन में नई ऊर्जा लाने का अवसर है। मां त्रिपुर भैरवी की आराधना से साधक को न केवल भौतिक, बल्कि आध्यात्मिक उन्नति का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है।