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Shivling Puja Vidhi

Shivling Puja Vidhi: शिवलिंग पर जल चढ़ाने की भी एक निर्धारित दिशा होती है। यदि जल अर्पित करते समय सही दिशा का ध्यान न रखा जाए, तो पूजा का पूर्ण फल नहीं मिल पाता। आइए जानते हैं शिवलिंग पर जल अर्पित करने के लिए कौन-सी दिशा उपयुक्त मानी जाती है?

Shivling Puja Vidhi
Shivling Puja Vidhi

Shivling Puja Vidhi: भगवान शिव की पूजा में विधि-विधान का विशेष महत्व होता है। धार्मिक ग्रंथों में वर्णित है कि यदि शिवलिंग पर विधिपूर्वक जल चढ़ाया जाए, तो भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्त की मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि शिवलिंग पर जल चढ़ाने की भी एक निर्धारित दिशा होती है? यदि जल अर्पित करते समय सही दिशा का ध्यान न रखा जाए, तो पूजा का पूर्ण फल नहीं मिल पाता। इसलिए यह जानना आवश्यक है कि शिवलिंग पर जल अर्पित करने के लिए कौन-सी दिशा उपयुक्त मानी जाती है।

Somwar upay: सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित है. इस दिन अधिकतर लोग शिव मंदिर जाते हैं और शिव जी पूजा कर उन्हें जल अर्पित करते हैं. शिवपुराण के अनुसार शिवलिंग पर श्रृद्धाभाव से जल चढ़ाने मात्र से भगवान प्रसन्न हो जाते हैं Shivling Puja Vidhi और उनकी मनोकामना पूर्ण करते हैं. लेकिन क्या आपको पता है कि शिवलिंग पर जल चढ़ाने की सही दिशा क्या होती है? अगर नहीं तो जान लें कि भोलेनाथ पर जल चढ़ाते समय दिशा का ध्यान रखना बेहद जरूरी होता है. क्योंकि अगर आप गलत दिशा में खड़े होकर जल अर्पित करते हैं तो इससे आपको पूजा का फल नहीं मिल पाता है.

दरअसल, शिवलिंग पर जल चढ़ाने के कुछ नियम होते हैं. Shivling Puja Vidhi जिसमें सही दिशा भी बहुत मायने रखती है. ऐसे में आइए पंडित रमाकांत मिश्रा के अनुसार जानते हैं कि सोमवार के दिन जब भी शिव मंदिर जाएं तो शिवलिंग पर जल किस दिशा में खड़े होकर चढ़ायें.

शिवलिंग पर जल चढ़ाने की सही दिशा: Shivling Puja Vidhi

धार्मिक शास्त्रों के अनुसार शिवलिंग पर जल अर्पित करते समय हमेशा दक्षिण दिशा में खड़े होकर जल चढ़ाना चाहिए। Shivling Puja Vidhi ऐसा करने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है और पूजा का संपूर्ण फल प्राप्त होता है।

इसके विपरीत पूर्व दिशा की ओर मुख करके जल अर्पित करना वर्जित माना गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह शिवलिंग का प्रमुख प्रवेश द्वार होता है और इस दिशा में खड़े होकर जल चढ़ाने से पूजा का प्रभाव कम हो सकता है। साथ ही जब दक्षिण दिशा में खड़े होकर जल चढ़ाएं, तो यह सुनिश्चित करें कि जल प्रवाह उत्तर दिशा की ओर जाए, इसे शुभ और फलदायी माना जाता है।

शिवलिंग पर जल चढ़ाने के महत्वपूर्ण नियम: Important rules for offering water to Shivalinga

शिवलिंग पर कभी भी अशुद्ध, बासी या गंदा जल नहीं चढ़ाना चाहिए। यह अशुभ माना जाता है।

जल चढ़ाने के लिए तांबे, पीतल या चांदी के लोटे का प्रयोग करना श्रेष्ठ माना जाता है।

अभिषेक करते समय सीधे खड़े रहने की बजाय झुककर या बैठकर जल अर्पित करना चाहिए, इससे श्रद्धा और विनम्रता प्रकट होती है।

शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय यह ध्यान दें कि जल या दूध की धारा अत्यधिक मोटी न हो, बल्कि धीमी और पतली रहे।

जल अर्पण करते समय “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करना शुभ माना जाता है, इससे पूजा का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है।

इस दिशा में खड़े होकर चढ़ाएं जल: Stand in this direction and offer water

Shivling Puja Vidhi शास्त्रों के अनुसार, शिवलिंग पर हमेशा दक्षिण दिशा में खड़े होकर जल चढ़ाना चाहिए. इसके आपको बता दें कि जल कभी भी पूर्व दिशा की तरफ मुख करके जल नहीं चढ़ाना चाहिए क्योंकि इस दिशा में शिव जी का मुख्य प्रवेश द्वार होता है. इसके साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि जब आप दक्षिण दिशा में खड़े होकर जल अर्पित कर रहे हैं तो आपका जल उत्तर दिशा की तरफ जाए. यह उत्तम माना जाता है.

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