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Shiv ki puja ke Niyam

Shiv ki puja ke Niyam: सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सोमवार के दिन भगवान शिव (Lord Shiv) की पूजा और व्रत करने का विधान है। धार्मिक मान्यता के अनुसार सोमवार के दिन भगवान महादेव की सच्चे मन से पूजा और व्रत करने से साधक को बिजनेस में सफलता मिलती है और धन का लाभ मिलता है।

Shiv ki puja ke Niyam
Shiv ki puja ke Niyam

Sawan Mein Shivling Puja Kaise Kare: सावन का महीना देवों के देव महादेव को प्रसन्न करने और उनकी कृपा पाने के लिए सबसे खास होता है. हिंदू कैलेंडर के मुताबिक सावन का महीना साल का पांचवां महीना होता है. धार्मिक ग्रंथों और शास्त्रों के अनुसार, यह महीना भगवान शिव को सबसे प्रिय माना गया है. सावन के महीने में भगवान शिव की विधि-विधान से पूजा करने और जलाभिषेक करने का विशेष महत्व होता है. धार्मिक मान्यता है कि सावन के महीने में माता पार्वती ने कठोर तपस्या करते हुए भगवान शिव को पति के रूप में पाया था.

 Lord Shiv Puja Vidhi: Shiv ki puja ke Niyam सोमवार का दिन भगवान शिव को प्रिय है। यही वजह है कि इस दिन भगवन भोलेनाथ की पूजा और व्रत करने का विधान है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, Shiv ki puja ke Niyam सोमवार के दिन भगवान महादेव की सच्चे मन से पूजा-व्रत करने से साधक को बिजनेस में सफलता मिलती है और धन का लाभ मिलता है। Shiv ki puja ke Niyam ऐसा माना जाता है कि अगर भगवान शिव की पूजा विधिपूर्वक और अंत में आरती की जाए, तो ईश्वर प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा साधक पर सदैव बनी रहती है। आइए जानते हैं कि महादेव की पूजा किस तरह करना फलदायी होता है।

Shiv ki puja ke Niyam:ऐसे करें पूजा

  • सोमवार के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें और दिन की शुरुआत भगवान शिव के ध्यान से करें।
  • अब स्नान कर साफ वस्त्र धारण करें।  
  • सूर्य देव को जल अर्पित करें।
  • पंचामृत से विधिपूर्वक भोलेनाथ का अभिषेक करें।
  • अब एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर भगवान शिव की प्रतिमा स्थापित करें।
  • अब उन्हें सफेद चंदन का तिलक लगाएं।
  • इसके बाद महादेव को सफेद फूल, धतूरा, भांग और बेलपत्र अर्पित करें।
  • देशी घी का दीपक जलाएं और आरती करें।  
  • सोमवार की व्रत कथा का पाठ करें या सुनें।
  • इसके बाद खीर, फल और मिठाई का भोग लगाएं।  
  • अंत में लोगों में प्रसाद का वितरण करें और खुद भी ग्रहण करें।  

सावन में शिवलिंग पूजा का महत्व (Sawan shiv puja significance)

हिंदू कैलेंडर के अनुसार सावन को एक बेहद पूजनीय और पावन महीना माना जाता है जो विशेष रूप से भगवान शिव की आराधना के लिए समर्पित होता है. इस शुभ महीने के दौरान भक्त समृद्धि, स्वास्थ्य और आध्यात्मिक विकास का आशीर्वाद पाने के लिए विभिन्न अनुष्ठान करते हैं. सावन में किए जाने वाले सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठानों में से एक है शिवलिंग की पूजा. धार्मिक मान्यता है कि शिवलिंग की पूजा का विशेष लाभ मिलते हैं और भक्तों की सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है.

शिव पुराण में सावन के दौरान शिवलिंग की पूजा का महत्व माना गया है क्योंकि सावन हिंदू चंद्र कैलेंडर का पांचवां महीना होता है. ऐसा माना जाता है कि इस महीने के दौरान, ब्रह्मांड शिव में दिव्य ऊर्जा भर जाती है, Shiv ki puja ke Niyam जिससे यह शिवलिंग की पूजा के लिए आदर्श समय बताया गया है. सावन चातुर्मास के दौरान पड़ता है और इस दौरान जगत पालनहार भगवान विष्णु सृष्टि का कार्यभार भगवान शिव को सौंप देते हैं. इसी वजह से जो भी भक्त सावन में शिवलिंग की पूजा करता है, उसके जीवन की हर परेशानी दूर हो जाती है.

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घर में कौन से शिवलिंग की पूजा करनी चाहिए? Which Shivalinga should be worshiped at home?

सावन में घर में शिवलिंग की पूजा करें तो आपको घर में कौन सा शिवलिंग रखना चाहिए यह भी बेहद महत्वपूर्ण होता है. ज्योतिष के अनुसार, घर में पारद शिवलिंग रखना सबसे शुभ माना गया है. इसके अलावा आप स्फटिक का शिवलिंग भी घर में रख सकते हैं.

अगर आप नर्मदा नदी के शिवलिंग की पूजा करते हैं तो यह सबसे ज्यादा शुभ होता है. Shiv ki puja ke Niyam शिवलिंग भगवान शंकर के निराकार रूप का प्रतिनिधित्व करता है और उनके अनंत स्वरूप का प्रतीक भी माना गया है, इसलिए कुछ विशेष प्रकार के शिवलिंग की ही पूजा घर में करने की सलाह दी जाती है.

सावन शिवलिंग पूजा सामग्री (Sawan Shivling puja samagri)

अगर आप घर में शिवलिंग की पूजा या अभिषेक करने करने जा रहे हैं, तो आपको कुछ खास सामग्रियों की जरूरत होती है. आइए इनके बारे में जानें –

बेलपत्र, भांग, धतूरा, शमी के पत्ते, बिल्व पत्र, चंदन का लेप, आक के फूल, सफेद फूल, कमल, मौसमी फल, शहद, शक्कर, चीनी, गंगाजल, गाय का दूध, अगरबत्ती, कपूर, घी का दीपक, धूप, दीप, गंध, नैवेद्य, प्रसाद के लिए मिठाई, आचमन के लिए जल का पात्र.

सावन में शिवलिंग की पूजा विधि (Sawan Shivling Puja vidhi)

  • धार्मिक मान्यता ह कि शिवलिंग की पूजा हमेशा विधि-विधान से की जानी चाहिए, इससे आपके जीवन में खुशहाली बनी रहती है. शिवलिंग के पूजा के लिए आपका तन और मन दोनों पवित्र होना चाहिए. सावन में शिवलिंग की पूजा करने की विधि नीचे बताई गई है-
  • सावन में शिवलिंग का पूजा करने के लिए सबसे पहले शिवलिंग का अभिषेक करें. इसके लिए दूध, दही, शहद और गंगाजल से शिवलिंग को स्नान कराएं. जब भी शिवलिंग का अभिषेक करें, उन्हें जल से भी स्नान कराना चाहिए.
  • शिवलिंग को स्नान कराने के लिए तांबे के लोटे में जल भरकर जलहरी पर चढ़ाएं. सबसे पहले शिवलिंग के चारों तरफ बनी जलहरी में जल दाहिनी तरफ से जल चढ़ाएं.
  • मान्यता के अनुसार, यह स्थान गणपति बप्पा का माना जाता है और हमेशा जलाभिषेक इसी स्थान से शुरू करना चाहिए. जलहरी के बाद इसके बाईं ओर जल चढ़ाएं जहां कार्तिकेय का निवास माना गया है. इसके बाद आप शिवलिंग के बीच में जल चढ़ा सकते हैं.
  • अगर आप शिवलिंग की पूजा घर में कर रहे हैं तो ध्यान रखें कि हमेशा जलाभिषेक बैठकर ही करें. घर में शिवलिंग की पूजा के बाद आप भगवान शिव की आरती करें और प्रसाद चढ़ाएं.
  • अगर आप मंदिर में शिवलिंग की पूजा करें तो कभी भी शिवलिंग की पूरी परिक्रमा न करें. साथ ही ध्यान रहे कि कभी भी जलहरी को लांगना नहीं चाहिए.
  • शिवलिंग का जलाभिषेक करने के बाद उसपर चंदन का तिलक लगाएं और उसके बाद बेलपत्र, फूल-माला, भांग-धतूरा आदि चढ़ाएं. शिवलिंग की पूजा के समय उसके आस-पास की जगह खाली रखनी चाहिए, जिससे जल सीधे ही जलहरी से नीचे एक प्रवाह में बहे.

सावन में शिव पूजा के नियम (Sawan shivling puja niyam)

1. इन चीजों का करें त्याग- Shiv ki puja ke Niyam सावन के शुरू होते ही तामसिक चीजों जैसे मांस, शराब, नशीले पदार्थ, लहसुन, प्याज आदि का सेवन नहीं करना चाहिए. सावन में पूरे महीने सात्विक भोजन करना चाहिए. पूजा से पहले स्नान करके साफ कपड़े पहनने चाहिए.

2. शिवलिंग पर ये चीजें न चढ़ाएं- महादेव की पूजा में तुलसी के पत्ते, हल्दी, केतकी का फूल, सिंदूर, शंख, नारियल आदि चीजों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. ये सभी चीजें शिव पूजा में वर्जित मानी गई हैं.

3. इन दिनों पर व्रत रखना है शुभ- Shiv ki puja ke Niyam सावन के सोमवार, प्रदोष व्रत और शिवरात्रि के दिन व्रत रखकर भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए. ये तीनों ही दिन शिव जी की कृपा पाने के लिए सबसे विशेष माने गए हैं.

4. शिव जी मंत्रों का जाप करें- Shiv ki puja ke Niyam सावन में सामान्य पूजा के दौरान आप ओम नम: शिवाय मंत्र का जाप कर सकते हैं. आप शिव चालीसा पढ़कर भी भगवान शिव की आरती कर सकते हैं. आरती करने से पूजा की कमियां दूर हो जाती हैं.

5. शिवलिंग के आकार का रखें ध्यान- Shiv ki puja ke Niyam ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, घर में स्थापित किए जाने वाले शिवलिंग का आकार हमेशा छोटा ही होना चाहिए. घर में अंगूठे के आकार का शिवलिंग स्थापित करना सबसे उत्तम है. इसके अलावा शिवलिंग अकेले नहीं रखना चाहिए. उसके साथ में नंदी या शिव परिवार की फोटो जरूर रखें.

6. जलधारा युक्त शिवलिंग- Shiv ki puja ke Niyam शास्त्रों के मुताबिक, शिवलिंग से हमेशा सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. उस ऊर्जा के प्रवाह को संतुलित करने के लिए ही शिवलिंग पर जल चढ़ाया जाता है. शिवलिंग की ऊर्जा को शांत रखने के लिए जलधारा होना जरूरी है.

7. इस दिशा में रखें शिवलिंग – Shiv ki puja ke Niyam घर में शिवलिंग की स्थापना ऐसे करें कि जलधारा उत्तर दिशा की ओर रहे. वहीं, घर में हमेशा एक शिवलिंग की ही स्थापना करना चाहिए. घर में एक से ज्यादा शिवलिंग की स्थापना करना अशुभ माना जाता है.

शिव जी की आरती (Shiv ji aarti)

ओम जय शिव ओंकारा, ओम जय शिव ओंकारा।

ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा॥ ओम जय शिव

एकानन चतुरानन पंचानन राजे।

हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे॥ ओम जय शिव

दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।

त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे॥ ओम जय शिव

अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी।

चंदन मृगमद सोहै भाले शशिधारी॥ ओम जय शिव

श्वेताम्बर पीताम्बर बाघम्बर अंगे।

सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे॥ ओम जय शिव

कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूल धर्ता।

जगकर्ता जगभर्ता जगसंहारकर्ता॥ ओम जय शिव

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका।

प्रणवाक्षर मध्ये ये तीनों एका॥ ओम जय शिव

काशी में विश्वनाथ विराजत नन्दी ब्रह्मचारी।

नित उठि भोग लगावत महिमा अति भारी॥ ओम जय शिव

त्रिगुण शिवजीकी आरती जो कोई नर गावे।

कहत शिवानन्द स्वामी मनवांछित फल पावे॥ ओम जय शिव

अगर आप सावन में Shiv ki puja ke Niyam इस विधि और इन नियमों को ध्यान में रखकर शिवलिंग की पूजा करते हैं तो Shiv ki puja ke Niyam आपकी पूजा स्वीकार्य होती है और आपके जीवन की सभी बाधाएं दूर हो सकती हैं.

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