
Shardiya Navratri Day 6, Maa Katyayini Puja Vidhi:देवी भागवत पुराण में कहा गया है कि मां कात्यायनी की पूजा करने से भक्त को अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
Shardiya Navratri 6 Day, Maa Katyayani Puja Vidhi, Aarti In Hindi: शास्त्रों के अनुसार नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा- अर्चना करने का विधान है। वहीं आपको बता दें कि देवी कात्यायनी को महिषासुर मर्दनी के नाम से भी जाना जाता है। वहीं अगर मां के स्वरूप की बात करी जाए तो मां 4 भुजाधारी और सिंह पर सवार हैं। Navratri Day 6 उन्होंने एक हाथ में तलवार और दूसरे हाथ में कमल का पुष्प धारण किया हुआ है। अन्य दो हाथ वरमुद्रा और अभयमुद्रा में हैं। मान्यता है कि कात्यायनी की पूजा करने से भक्त को अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं मां कात्यायनी का भोग, आरती और पूजा- विधि…
Shardiya Navratri Day 6, Maa Katyayini Puja Vidhi: मां कात्यायनी की पूजा- विधि
Navratri 2025: इस दिन सुबह जल्दी उठ जाएं। साथ ही स्नान करने के बाद साफ- सुथरे वस्त्र धारण कर लें। वहीं सबसे पहले धूप अगरबत्ती जलाएं। साथ ही पूजा आरंभ करें। सबसे पहले कलश की विधिवत पूजा करें। इसके बाद Navratri Day 6 मां दुर्गा के साथ मां कात्यायनी की पूजा करें। वहीं माता को फूल चढ़ाएं। साथ ही माला, सिंदूर, कुमकुम, रोला, अक्षत लगाने के साथ मां का श्रृंगार भी करें।
वहीं इसके बाद मां को भोग में शहद, फल, मिठाई का भोग लगाएं। इसके साथ ही एक पान में 2 लौंग, एक इलायची, बाताशा, एक सिक्का रखकर चढ़ा दें। साथ ही अंत में माता के सभी मंत्रों का उच्चारण करें। Navratri Day 6 साथ ही दुर्गा सप्तशती का पाठ करें। वहीं अंत में आरती करें और जो प्रसाद लगाया है, वो घर के सभी सदस्यों में बांट दें और अंत में क्षमा प्रार्थना करें।
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मां कात्यायनी प्रिय भोग:Maa Katyayini Priy bhog
नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा के समय शहद का भोग लगाना चाहिए। Navratri Day 6 इससे मां प्रसन्न होकर सुख- समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करती हैं।
मां कात्यायनी का प्रिय रंग:Maa Katyayini Ka Priy Rang
मां कात्यायनी को लाल रंग अति प्रिय है। Navratri Day 6 इसलिए इस रंग के वस्त्र अर्पित करने के साथ लाल रंग के गुलाब अर्पित करें।
मां कात्यायनी का बीज मंत्र:Maa Katyayini Ka Beej Mantra
क्लीं श्री त्रिनेत्रायै नम:।
मां कात्यायनी आराधना मंत्र:Maa Katyayini Aradhana Mantra
1- या देवी सर्वभूतेषु माँ कात्यायनी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
2-चंद्र हासोज्जवलकरा शार्दूलवर वाहना|
कात्यायनी शुभंदद्या देवी दानवघातिनि||
मां कात्यायनी स्तोत्र पाठ:Maa Katyayini Stotra Path
कंचनाभा वराभयं पद्मधरा मुकटोच्जवलां।
स्मेरमुखीं शिवपत्नी कात्यायनेसुते नमोअस्तुते॥
पटाम्बर परिधानां नानालंकार भूषितां।
सिंहस्थितां पदमहस्तां कात्यायनसुते नमोअस्तुते॥
परमांवदमयी देवि परब्रह्मा परमात्मा।
परमशक्ति, परमभक्ति, कात्यायनसुते नमोअस्तुते॥
मां कात्यायनी कवच: Maa Katyayini Kavach
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कात्यायनी मुखं पातु कां स्वाहास्वरूपिणी।
ललाटे विजया पातु मालिनी नित्य सुन्दरी॥
कल्याणी हृदयं पातु जया भगमालिनी॥
मां कात्यायनी की आरती:Maa Katyayini Ki Aarti
जय-जय अम्बे जय कात्यायनी
जय जगमाता जग की महारानी
बैजनाथ स्थान तुम्हारा
वहा वरदाती नाम पुकारा
कई नाम है कई धाम है
यह स्थान भी तो सुखधाम है
हर मंदिर में ज्योत तुम्हारी
कही योगेश्वरी महिमा न्यारी
हर जगह उत्सव होते रहते
हर मंदिर में भगत हैं कहते
कत्यानी रक्षक काया की
ग्रंथि काटे मोह माया की
झूठे मोह से छुडाने वाली
अपना नाम जपाने वाली
बृहस्पतिवार को पूजा करिए
ध्यान कात्यायनी का धरिए
हर संकट को दूर करेगी
भंडारे भरपूर करेगी
जो भी मां को ‘चमन’ पुकारे
कात्यायनी सब कष्ट निवारे।।