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Shani pradosh vrat 2025

Shani pradosh vrat 2025: सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का नाम महत्वपूर्ण व्रतों में आता है, क्योंकि इस व्रत की महिमा का वर्णन स्वयं शिवपुराण में किया गया है। यह पवित्र व्रत देवों के देव महादेव और माता पार्वती को समर्पित होता है। Shani pradosh vrat 2025 हर महीने में यह व्रत दो बार किया जाता है: एक कृष्ण पक्ष में और दूसरा शुक्ल पक्ष में, त्रयोदशी तिथि पर। मान्यताओं के अनुसार, इस दिन व्रत रखकर प्रदोष काल (सायंकाल) में पूजा करने से साधकों को धन और समृद्धि की प्राप्ति होती है।

Shani Pradosh Vrat 2025: सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का नाम महत्वपूर्ण व्रत में आता है। क्योंकि इस व्रत की महिमा वर्णन खुद शिवपुराण में किया गया है। यह व्रत भगवान शिव को समर्पित होता है। Shani pradosh vrat 2025 प्रदोष का व्रत हर महीने में दो बार किया जाता है, एक कृष्ण पक्ष में तो दूसरा शुक्ल पक्ष में, इस दिन महादेव और माता पार्वती की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करने का विधान है।

मान्यताओं के अनुसार इस दिन व्रत रखकर प्रदोष काल में पूजा करने से धन- समृद्धि की प्राप्ति होती है। Shani pradosh vrat 2025 वहीं यहां हम बात करने जा रहे हैं आश्विन प्रदोष व्रत के बारे में, जो 4 अक्टूबर को रखा जाएगा। वहीं यह शनि प्रदोष होगा, क्योंकि इस दिन शनिवार है। Shani pradosh vrat 2025 आइए जानते हैं प्रदोष व्रत पूजा का शुभ मुहूर्त और व्रत के नियम…

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अक्टूबर 2025 का अजब संयोग: दो शनि प्रदोष व्रत:Strange coincidence of October 2025: Do Shani Pradosh fast

अक्टूबर 2025 में एक ऐसा दुर्लभ संयोग बन रहा है, जब दोनों प्रदोष व्रत शनिवार को पड़ रहे हैं, जिसके कारण ये दोनों ही ‘शनि प्रदोष व्रत’ कहलाएंगे। ज्योतिष के अनुसार, शनि देव के आराध्य देव महादेव ही हैं, Shani pradosh vrat 2025 इसलिए भगवान शिव की पूजा करने वाले साधकों पर शनिदेव की असीम कृपा बरसती है।

आइए जानते हैं अक्टूबर 2025 में पड़ने वाले दोनों शनि प्रदोष व्रतों की तिथि और शुभ मुहूर्त:

पहला शनि प्रदोष व्रत (04 अक्टूबर 2025):First Shani Pradosh Vrat (04 October 2025)

अक्टूबर 2025 का पहला प्रदोष व्रत आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को पड़ेगा।

विवरणतिथि/समय (Pradosh Vrat 2025 Date)
व्रत का दिन04 अक्टूबर 2025 (शनिवार)
त्रयोदशी तिथि का आरंभशाम 05 बजकर 08 मिनट/09 मिनट पर (04 अक्टूबर)
त्रयोदशी तिथि का समापनदोपहर 03 बजकर 04 मिनट/03 मिनट पर (05 अक्टूबर)
पूजा का शुभ मुहूर्त (प्रदोष काल)शाम 05 बजकर 29 मिनट से लेकर रात 07 बजकर 55 मिनट तक
विशेष योगइस दिन द्विपुष्कर योग बन रहा है (सुबह 06 बजकर 13 मिनट से 09 बजकर 09 मिनट तक), जिसमें पूजा करने से दोगुना फल प्राप्त होता है

दूसरा शनि प्रदोष व्रत (18 अक्टूबर 2025):Second Shani Pradosh Vrat (18 October 2025)

अक्टूबर 2025 का दूसरा प्रदोष व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर आएगा।

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विवरणतिथि/समय (Pradosh Vrat 2025 Date)
व्रत का दिन18 अक्टूबर 2025 (शनिवार)
त्रयोदशी तिथि का आरंभदोपहर 12 बजकर 18 मिनट पर (18 अक्टूबर)
त्रयोदशी तिथि का समापनदोपहर 01 बजकर 51 मिनट पर (19 अक्टूबर)
पूजा का शुभ मुहूर्त (प्रदोष काल)शाम 05 बजकर 15 मिनट से लेकर 07 बजकर 45 मिनट के बीच

शनि प्रदोष व्रत का धार्मिक महत्व (Shani Pradosh Vrat Mahatva)

शनि प्रदोष व्रत को अत्यंत कल्याणकारी माना गया है। यह व्रत रखने से कई प्रकार के दोषों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि का वास बना रहता है।

1. शनि देव की कृपा: शनि प्रदोष का व्रत करने से शनि देव का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे साधक को शनि दोष से मुक्ति मिलती है।

2. संतान सुख और आरोग्य: यह व्रत संतान सुख की प्राप्ति के लिए बहुत लाभकारी माना जाता है। साथ ही, व्रत रखने से आरोग्य (स्वास्थ्य) की प्राप्ति भी होती है।

3. दोषों से मुक्ति: जिन लोगों की कुंडली में राहु-केतु और कालसर्प दोष हैं, उन्हें इस दिन व्रत रखने और पूजा करने से इन दोषों के अशुभ प्रभावों से मुक्ति मिलती है।

4. सुख-समृद्धि: महादेव की कृपा से घर में सुख-समृद्धि का वास बना रहता है और सभी कष्टों से मुक्ति मिलती है।

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