Secrets of Mahadev:शिव पुराण में भगवान शिव को देवों का देव अर्थात महादेव कहा गया है। भगवान शिव को सृष्टि का संहारक भी कहा जाता है लेकिन संहारक का अर्थ यहां केवल सृष्टि के अंत से नहीं है बल्कि सृजन की प्रक्रिया से है। जब-जब पाप धरती पर हावी हो जाता है और मनुष्यता का अंत होने लग जाता है, तो धरा को नवजीवन की आवश्यता होती है, ऐसे में धरती के सृजन के लिए भगवान शिव संहारक की भूमिका निभाते हुए सृष्टि का संहार करते हैं।
Secrets of Mahadev:इसके बाद ब्रह्मा धरा का सृजन करते हैं और फिर भगवान विष्णु जगत के पालनहार की भूमिका निभाते हैं। बात करें, भगवान शिव के जीवन की,तो महादेव के बारे में कहा जाता है कि शिव समस्त मोह-माया से दूर रहकर भी संसार से प्रेम करते हैं। कुछ पौराणिक कहानियों में महादेव को निर्मोही भी कहा गया है। आइए, जानते हैं भगवान शिव के जीवन के 7 अद्भुत रहस्य, जो आपको कलियुग के कई सवालों के जवाब देकर आपको जीवन को समझने में मदद करेंगे। इन रहस्यों में जीवन के ऐसे उत्तर छुपे हैं, जो जीवन के प्रति आपको एक उम्मीद भी देंगे।
Secrets of Mahadev:शिव से जुड़े ये 7 गुप्त रहस्य?
1. Shiv Ji Ki Kitni Wife Thi:कितनी थीं शिव की पत्नियां?
यह रहस्य की बात है कि भगवान शंकर का विवाह सर्वप्रथम प्रजापति दक्ष की पुत्री सती से हुआ फिर जब वे यज्ञकुंड में कूदकर भस्म हो गईं, तब उन्होंने दूसरा जन्म लिया और हिमवान की पुत्री पार्वती कहलाईं। कहते हैं कि गंगा, काली और उमा भी शिव की पत्नियां थीं।
2. कितने हैं शिव के पुत्र:How many sons does Shiva have?
भगवान शिव ने पार्वती से विवाह करने के बाद कार्तिकेय नाम का एक पुत्र प्राप्त किया। Secrets of Mahadev गणेश तो माता पार्वती के उबटन से बने थे। सुकेश नामक एक अनाथ बालक को उन्होंने पाला था। जलंधर शिव के तेज से उत्पन्न हुआ था। अय्यप्पा शिव और मोहिनी के संयोग से जन्मे थे। भूमा उनके ललाट के पसीने की बूंद से जन्मे थे। अंधक और खुजा नामक 2 पुत्र और थे जिसके बारे में ज्यादा उल्लेख नहीं मिलता है।
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3. शिव के कितने शिष्य:How many disciples does Shiva have?
शिव के प्रमुख 7 शिष्य हैं जिन्हें प्रारंभिक सप्तऋषि माना गया है। इन ऋषियों ने ही शिव के ज्ञान को संपूर्ण धरती पर प्रचारित किया जिसके चलते भिन्न-भिन्न धर्म और संस्कृतियों की उत्पत्ति हुई। शिव ने ही गुरु और शिष्य परंपरा की शुरुआत की थी। शिव के शिष्य हैं- बृहस्पति, विशालाक्ष, शुक्र, सहस्राक्ष, महेन्द्र, प्राचेतस मनु, भरद्वाज इसके अलावा 8वें गौरशिरस मुनि भी थे। Secrets of Mahadev शिव के शिष्यों में वशिष्ठ और अगस्त्य मुनि का नाम भी लिया जाता है।
4. क्या शिव ही बुद्ध थे Was Shiva the Buddha?
बौद्ध साहित्य के मर्मज्ञ अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त विद्वान प्रोफेसर उपासक का मानना है कि शंकर ने ही बुद्ध के रूप में जन्म लिया था। उन्होंने पालि ग्रंथों में वर्णित 27 बुद्धों का उल्लेख करते हुए बताया कि इनमें बुद्ध के 3 नाम अतिप्राचीन हैं- तणंकर, शणंकर और मेघंकर।
5. क्या शिव और शंकर एक ही हैं Are Shiv and Shankar the same?
कुछ पुराणों के अनुसार भगवान शंकर को शिव इसलिए कहते हैं कि वे निराकार शिव के समान हैं। निराकार शिव को शिवलिंग के रूप में पूजा जाता है। कई लोग शिव और शंकर को एक ही सत्ता के 2 नाम बताते हैं। असल में दोनों की प्रतिमाएं अलग-अलग आकृति की हैं। शंकर को हमेशा तपस्वी रूप में दिखाया जाता है। कई जगह तो शंकर को शिवलिंग का ध्यान करते हुए दिखाया गया है। अत: शिव और शंकर 2 अलग-अलग सत्ताएं हैं। माना जाता है कि महेश (नंदी) और महाकाल, भगवान शंकर के द्वारपाल हैं। रुद्र देवता शंकर की पंचायत के सदस्य हैं।
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6. हर काल में शिव:Shiva in every era
भगवान शिव ने हर काल में लोगों को दर्शन दिए हैं। Secrets of Mahadev वे सतयुग में समुद्र मंथन के समय भी थे और त्रेता में राम के समय भी। द्वापर युग की महाभारत काल में भी शिव थे और कलिकाल में विक्रमादित्य के काल में भी शिव के दर्शन होने का उल्लेख मिलता है। भविष्य पुराण के अनुसार राजा हर्षवर्धन को भगवान शिव ने मरुभूमि पर दर्शन दिए थे।
7. वनवासी और आदिवासियों के देवता:God of forest dwellers and tribals?
भारत की असुर, दानव, राक्षस, गंधर्व, यक्ष, आदिवासी और सभी वनवासियों के आराध्य देव शिव ही हैं। Secrets of Mahadev शैव धर्म भारत के आदिवासियों का धर्म है। सभी दसनामी, शाक्त, सिद्ध, दिगंबर, नाथ, लिंगायत, तमिल शैव, कालमुख शैव, कश्मीरी शैव, वीरशैव, नाग, लकुलीश, पाशुपत, कापालिक, कालदमन और महेश्वर सभी शैव धर्म से जुड़े हुए हैं। चंद्रवंशी, सूर्यवंशी, अग्निवंशी और नागवंशी भी शिव की ही परंपरा से ही माने जाते हैं।