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Sawan Bael Patra: भोलेनाथ की पूजा में बेलपत्र का महत्व हर अनुष्ठान में है क्योंकि इसके बिना शिवजी की पूजा पूरी नहीं होती। मान्यता है कि बेलपत्र शिवलिंग पर चढ़ाने से महादेव जल्दी प्रसन्न होते हैं। बेलपत्र चढ़ाते समय कुछ नियमों का पालन करना जरूरी है जैसे कि बेलपत्र की तीनों पत्तियों पर चंदन लगाना और सूखे पत्ते नहीं चढ़ाना।

Sawan Bael Patra
Sawan Bael Patra

Sawan Right Way Of Offering Bael Patra: सावन का महीना भगवान शिव को बेहद प्रिय है. इस महीने में कई ऐसी चीजें हैं, जो भगवान शिव को जरूर अर्पण करनी चाहिए. मान्यता है कि इससे प्रभु बेहद खुश होते हैं और भक्त की मनोकामनाएं जरूर पूरी करते हैं. इसके साथ ही घर में सुख-समृद्धि की भी बढ़ोतरी होती है. वहीं, सावन के महीने में बेलपत्र का भी खास महत्व होता है, क्योंकि बेलपत्र भगवान शिव को बहुत प्रिय है.

बेलपत्र दूर करता है सारी परेशानियां:Belpatra removes all the troubles

शास्त्रों के अनुसार कहा जाता है कि अगर सावन के महीने में, विशेषकर सोमवार के दिन, एक भी शुद्ध और पवित्र बेलपत्र विधि-विधान के साथ Sawan Bael Patra भगवान शिव के शिवलिंग पर अर्पण कर दिया जाए, तो भक्त के जीवन में रोग, दोष, कष्ट, दुख और काल सब खत्म हो जाता है. लेकिन बेलपत्र चढ़ाने के भी कुछ खास नियम होते हैं. क्या हैं वे नियम? जानते हैं……

Sawan Bael Patra: बेलपत्र की तीनों पत्तियों पर लगाएं चंदन

बेल पत्र की पत्तियां त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु, महेश का प्रतीक मानी जाती हैं। यह भगवान शिव के त्रिशूल का भी प्रतिनिधित्व करती हैं। यह त्रिगुण यानी सत्व, रजस और तमस का भी प्रतीक हैं। ये तीन अवस्थाओं वात, पित्त और कफ प्रकृति को भी दर्शाती हैं। 

इसीलिए शिवलिंग पर चढ़ाया जाने वाला बेलपत्र हमेशा तीन पत्ती वाला होना चाहिए। टूटी हुई, कटी-फटी और खंडित बेलपत्र को शिवलिंग पर नहीं चढ़ाना चाहिए। पूर्ण और अक्षत बेलपत्र ही भगवान शिव को प्रिय है। इसे चढ़ाते समय तीनों पत्तियों पर चंदन जरूर लगाएं। 

सूखे पत्ते न चढ़ाएं : Do not offer dry leaves

हमेशा ताजा और स्वच्छ बेलपत्र ही भोलेनाथ को चढ़ाना चाहिए। सूखा या मुरझाया Sawan Bael Patra बेलपत्र नहीं चढ़ाना चाहिए। यदि ताजा बेलपत्र नहीं मिले, तो शिवलिंग पर चढ़ाए गए बेलपत्र को उठा लें। इसके बाद उसे धोकर फिर से शिव पूजन में प्रयोग कर सकते हैं। 

दरअसल, विधान है कि बेलपत्र कभी निर्माल्य नहीं होता है। शास्त्रों के अनुसार, बेलपत्र को 6 महीने तक बासी नहीं माना जाता है। बशर्ते वह सूखा न हो और मुरझा न गया हो। 

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क्या हैं बेलपत्र चढ़ाने के खास नियम

ज्योतिषाचार्य बताते हैं कि बेलपत्र चढ़ाने से भगवान भोलेनाथ बहुत खुश होते हैं. लेकिन Sawan Bael Patra बेलपत्र नियमपूर्वक चढ़ाना चाहिए, जो इस प्रकार हैं.

कटा-फटा न हो बेलपत्र

बेलपत्र हमेशा साफ-सुथरा ही भगवान भोलेनाथ के शिवलिंग पर चढ़ाना चाहिए. कटा-फटा या मुरझाया हुआ बेलपत्र भूलकर भी नहीं चढ़ाना चाहिए.

तीन दलों का हो

भगवान भोलेनाथ के शिवलिंग पर हमेशा तीन दलों वाला ही Sawan Bael Patra बेलपत्र चढ़ाना चाहिए. तीन दल वाला बेलपत्र त्रिदेव का प्रतीक हैं- ब्रह्मा, विष्णु और महेश. वहीं, अगर पांच दलों वाला बेलपत्र मिल जाए तो वह बहुत शुभ होता है.

बेलपत्र की डंडी जलहरी की तरफ रखें

लोग जैसे-तैसे शिवलिंग पर बेलपत्र अर्पण कर देते हैं. इससे आपकी पूजा व्यर्थ हो सकती है. शिवलिंग पर बेलपत्र हमेशा नियमपूर्वक अर्पण करें, जैसे बेलपत्र की जो डंडी होती है, वह जलहरी की तरफ रहनी चाहिए और जो पत्ता होता है यानी चिकना भाग, वह शिवलिंग के मस्तक पर होना चाहिए.

राम नाम लिखा होना चाहिए

भगवान भोलेनाथ को राम नाम बेहद प्रिय है. अगर आप बेलपत्र पर राम नाम लिखकर शिवलिंग पर अर्पण करते हैं, तो दोगुना फल मिलता है और आपकी मनोकामनाएं जरूर पूरी होती हैं. इन नियमों का ध्यान रखकर बेलपत्र चढ़ाने से भक्त की सारी समस्याएं खत्म होने की मान्यता है.

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