
Sawan 2025: श्रावण के महीने में शिवलिंग पर जल चढ़ाने की परंपरा निभाई जाती है, जिसे जलाभिषेक कहा जाता है। इसके साथ ही एक अन्य महत्वपूर्ण विधि है रुद्राभिषेक। आइए जानते हैं कि जलाभिषेक और रुद्राभिषेक में क्या अंतर होता है।
Jalabhishek and Rudrabhishek: क्या आप जानते हैं कि जलाभिषेक और रुद्राभिषेक में क्या फर्क है? जलाभिषेक और रुद्राभिषेक दोनों ही शिवभक्ति के महत्वपूर्ण माध्यम हैं। Sawan 2025 एक सरल आस्था की अभिव्यक्ति है, तो दूसरा गहराई से जुड़ी वैदिक परंपरा। दोनों का अपना अलग महत्त्व है और शिवजी हर उस श्रद्धा को स्वीकार करते हैं जो सच्चे मन से की जाए। इस लेख में जानिए दोनों पूजाओं की विधि, नियम, महत्व और धार्मिक दृष्टिकोण से इनका महत्व।
Sawan 2025 Jalabhishek vs Rudrabhishek: शिवभक्तों के लिए विशेष माने जाने वाले श्रावण मास की शुरुआत इस बार 11 जुलाई 2025 से चुकी है। यह महीना भगवान शिव की पूजा, व्रत, उपवास और कांवड़ यात्रा जैसे अनुष्ठानों के लिए विशेष महत्व रखता है। श्रावण के महीने में शिवलिंग पर जल चढ़ाने की परंपरा निभाई जाती है, जिसे जलाभिषेक कहा जाता है। Sawan 2025 इसके साथ ही एक अन्य महत्वपूर्ण विधि है रुद्राभिषेक, जो वैदिक मंत्रों और विशेष सामग्री के साथ किया जाता है। कई बार लोग इन दोनों पूजा विधियों को एक ही समझ लेते हैं, जबकि दोनों में बड़ा अंतर होता है। आइए जानते हैं कि जलाभिषेक और रुद्राभिषेक में क्या अंतर होता है
Sawan 2025: जलाभिषेक और रुद्राभिषेक में होता है ये बड़ा अंतर
क्या होता है जलाभिषेक: What is Jalabhishek?
जलाभिषेक का अर्थ है शिवलिंग पर शुद्ध जल अर्पित करना। Sawan 2025 यह सबसे सरल और प्रचलित अभिषेक विधि है, जिसे कोई भी भक्त आसानी से कर सकता है। विशेष रूप से श्रावण मास में भक्तजन सुबह उठकर शिव मंदिर जाते हैं और शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं। यह एक सामान्य लेकिन अत्यंत पुण्यदायक पूजा मानी जाती है।
Top rated products
-
Gayatri Mantra Jaap for Wisdom and Knowledge
View Details₹5,100.00 -
Kaal Sarp Dosh Puja Online – राहु-केतु के दोष से पाएं मुक्ति
View Details₹5,100.00 -
Saraswati Mantra Chanting for Intelligence & Academic Success
View Details₹11,000.00 -
Surya Gayatri Mantra Jaap Online
View Details₹1,000.00 -
Kuber Mantra Chanting – Invoke the Guardian of Wealth
View Details₹11,000.00
जलाभिषेक की विधि: Method of Jalabhishek
प्रातः स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें
कांसे या तांबे के लोटे में शुद्ध जल लें
“ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जाप करते हुए शिवलिंग पर जल अर्पित करें
जल के साथ बेलपत्र, आक, धतूरा और सफेद फूल भी अर्पित करें
महत्त्व: importance
जलाभिषेक से मन की शुद्धि होती है, पापों का नाश होता है और व्यक्ति में मानसिक शांति आती है। Sawan 2025 यह शिवभक्ति की पहली और सरल सीढ़ी मानी जाती है।
क्या होता है रुद्राभिषेक :What is Rudrabhishek?
रुद्राभिषेक एक विशेष वैदिक प्रक्रिया है जिसमें ऋग्वेद या यजुर्वेद के रुद्र सूक्त मंत्रों का उच्चारण करते हुए शिवलिंग पर जल, दूध, दही, घी, शहद आदि से अभिषेक किया जाता है। यह पूजा विशेष अवसरों पर ब्राह्मणों द्वारा की जाती है और इसमें मंत्रोच्चारण की विशेष भूमिका होती है।
रुद्राभिषेक की विधि: Method of Rudrabhishek
शुभ मुहूर्त में पंडित के साथ पूजा आरंभ करें
पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, शक्कर) से शिवलिंग का अभिषेक करें
रुद्र सूक्त, शिवोपासना मंत्र, महामृत्युंजय मंत्र आदि का उच्चारण करें
अंत में आरती, प्रसाद वितरण और शिव चालीसा का पाठ करें
Sawan Amavasya 2025: कब पड़ेगी सावन महीने की अमावस्या? जानें इस दिन किन कामों की है सख्त मनाही
Sawan Amavasya 2025: श्रावण मास की अमावस्या पर कुंडली और जीवन से जुड़े तमाम तरह के दोषों को दूर करने…
Sawan Shivratri 2025: सावन शिवरात्रि पर भद्रावास योग, जलाभिषेक और पूजा के लिए चार पहर का समय जान लें
Sawan Shivratri 2025: सावन मास की चतुर्दशी तिथि को सावन शिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। ऐसा कहा जाता है…
Sawan 2025: जलाभिषेक और रुद्राभिषेक में होता है ये बड़ा अंतर, जानें पूजा के नियम और महत्त्व
Sawan 2025: श्रावण के महीने में शिवलिंग पर जल चढ़ाने की परंपरा निभाई जाती है, जिसे जलाभिषेक कहा जाता है।…
महत्त्व: importance
रुद्राभिषेक अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है। इससे कष्टों का निवारण, ग्रहदोष शांति, स्वास्थ्य लाभ और समृद्धि प्राप्त होती है। विशेष रूप से श्रावण सोमवार, महाशिवरात्रि या जन्मदिन/विवाह के अवसर पर यह करवाना अत्यंत फलदायक होता है।
उद्देश्य और प्रक्रिया में महत्वपूर्ण अंतर:Important differences between purpose and process
जलाभिषेक और रुद्राभिषेक दोनों ही भगवान शिव की आराधना के प्रभावशाली माध्यम हैं, लेकिन इनकी विधि, उद्देश्य और प्रक्रिया में महत्वपूर्ण अंतर होता है। जलाभिषेक एक सरल प्रक्रिया है जिसमें भक्त केवल शुद्ध जल को शिवलिंग पर अर्पित करता है। यह पूजा कोई भी व्यक्ति बिना पंडित की सहायता के कर सकता है और यह किसी भी दिन की जा सकती है। इसका मुख्य उद्देश्य सरल भक्ति के माध्यम से मन की शुद्धि और शांति प्राप्त करना होता है।
वहीं दूसरी ओर, रुद्राभिषेक एक विस्तृत और वैदिक प्रक्रिया है जिसमें विविध पवित्र द्रव्यों जैसे दूध, दही, घी, शहद आदि से शिवलिंग का अभिषेक किया जाता है। इस पूजन में रुद्रसूक्त, महामृत्युंजय मंत्र और अन्य वैदिक मंत्रों का उच्चारण आवश्यक होता है, अतः इसे पंडित की उपस्थिति में ही संपन्न किया जाता है। रुद्राभिषेक विशेष रूप से श्रावण सोमवार, महाशिवरात्रि या किसी विशेष अवसर पर किया जाता है। इसका उद्देश्य विशेष फल की प्राप्ति, ग्रहदोषों की शांति और मानसिक व आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त करना होता है।