Putrada Ekadashi 2024 : पुत्रदा एकादशी का व्रत करने से आपको अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है, जानिए शुभ मुहूर्त और तिथि…
Putrada Ekadashi पुत्रदा एकादशी 2024: संतान प्राप्ति के लिए रखा जाता है पुत्रदा एकादशी व्रत, जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त और धार्मिक महत्व
पुत्रदा एकादशी 2024 हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत है, जो संतान प्राप्ति की कामना से रखा जाता है। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है, जिनको संतान दाता देवता माना जाता है।
Putrada Ekadashi पुत्रदा एकादशी 2024 की तिथि और शुभ मुहूर्त
- तिथि: पुत्रदा एकादशी साल में दो बार आती है – एक बार सावन मास में और दूसरी बार पौष मास में।
- सावन मास की पुत्रदा एकादशी 2024: यह व्रत 16 अगस्त, 2024 को रखा गया था।
शुभ मुहूर्त: शुभ मुहूर्त के लिए आपको किसी पंडित या ज्योतिषी से संपर्क करना चाहिए।
Putrada Ekadashi पुत्रदा एकादशी का धार्मिक महत्व
- संतान प्राप्ति: यह व्रत मुख्य रूप से संतान प्राप्ति के लिए रखा जाता है। माना जाता है कि भगवान विष्णु की कृपा से निःसंतान दंपतियों को संतान की प्राप्ति होती है।
- पाप मोचन: यह व्रत पापों का नाश करने और पुण्य अर्जित करने में भी सहायक माना जाता है।
- आयुष्य वृद्धि: पुत्रदा एकादशी व्रत रखने से आयुष्य में वृद्धि होती है।
- सुख-समृद्धि: इस व्रत को रखने से घर में सुख-समृद्धि आती है।
पुत्रदा एकादशी व्रत कैसे करें?
- पूजा विधि: इस दिन भगवान विष्णु की पूजा विशेष रूप से की जाती है। भगवान को फूल, फल, मिठाई आदि चढ़ाए जाते हैं।
- व्रत नियम: इस दिन उपवास रखा जाता है। कुछ लोग केवल फलाहार करते हैं, जबकि कुछ लोग पूरी तरह से उपवास रखते हैं।
- कथा सुनना: पुत्रदा एकादशी की कथा सुनना बहुत शुभ माना जाता है।
- दान: इस दिन दान करना बहुत पुण्यदायी होता है।
पुत्रदा एकादशी व्रत के लाभ
- मानसिक शांति: यह व्रत मन को शांत और स्थिर करता है।
- आध्यात्मिक विकास: यह आध्यात्मिक विकास में सहायक होता है।
- स्वास्थ्य लाभ: उपवास रखने से शरीर स्वस्थ रहता है।
Putrada Ekadashi Kab Hai : हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। यह तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है। साथ ही आपको बता दें कि एक महीने में दो एकादशी पड़ती हैं, जिसमेंं एक शुक्ल पक्ष तो दूसरी कृष्ण पक्ष में। वहीं यहां हम बात करने जा रहे हैं पुत्रदा एकादशी के बारे में, जो इस साल 16 अगस्त को मनाई जाएगी। साथ ही इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। वहीं मान्यता है इस दिन वे महिलाएं जो पुत्र पाना चाहती हैं अगर व्रत करें तो उन्हें पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं तिथि और पूजा का शुभ मुहूर्त…
पुत्रदा एकादशी की तिथि
पुत्रदा एकादशी की शुरुआत 15 अगस्त को सुबह 10 बजकर 25 मिनट से होगी। साथ ही इस एकादशी का अंत 16 अगस्त को सुबह 9 बजकर 38 मिनट पर होगा। इसलिए उदयातिथि को आधार मानते हुए पुत्रदा एकादशी का व्रत 16 अगस्त को रखा जाएगा। वहीं व्रत का पारण 17 अगस्त को सुबह 5 बजकर 52 मिनट से 8 बजकर 4 मिनट तक किया जा सकता है।
पुत्रदा एकादशी शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार श्रावण पुत्रदा एकादशी व्रत पर प्रीति योग बन रहा है। इस योग का निर्माण दोपहर 1 बजकर 13 मिनट से हो रहा है। इस समय में भगवान विष्णु की पूजा करने से साधक को भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होगा। Putrada Ekadashi साथ ही पूजा का दोगुना फल प्राप्त होता है।
पुत्रदा एकादशी धार्मिक महत्व
पुत्रदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा- अर्चना करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में सुख- समृद्धि बनी रहती है। वहीं मान्यता है कि व्यक्ति को मृत्यु उपरांत बैकुंठ लोक की प्राप्ति होती है। Putrada Ekadashi साथ ही इस व्रत के पुण्य-प्रताप से राजा महीजित महिष्मती को पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई थी। इसलिए इस एकादशी का व्रत रखने से पुत्र रत्न की प्राप्ति के योग बनते हैं। साथ ही विवाहित महिलाओं के सुख और सौभाग्य में भी वृद्धि होती है।