Pramukh Swami Maharaj Jayanti:बोचासनवासी अक्षर पुरूषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (बीएपीएस) के प्रमुख स्वामी महाराज का जन्म 7 दिसंबर 1922 को हुआ था, लेकिन तिथि के अनुसार यानी मगशर सूद अथम को उनके जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। प्रमुख स्वामी महाराज हिंदू धर्म के एक महान संत हैं। उनका जन्म वडोदरा जिले और पादरा तहसील के चांसद गांव में हुआ था।

Pramukh Swami Maharaj Jayanti:स्वामी महाराज ने युवावस्था में ही अपना घर छोड़कर आध्यात्म का मार्ग अपना लिया था। Pramukh Swami Maharaj Jayanti वह शास्त्री महाराज के शिष्य बन गए और 10 जनवरी 1940 को नारायण स्वरूप दासजी के रूप में अपनी आध्यात्मिक यात्रा शुरू की। लगभग 74 साल पहले, 1950 में, महज 28 साल की उम्र में, उन्होंने बीएपीएस प्रमुख का पद संभाला था। इस समय BAPS में कई ऐसे संत थे जो उनकी उम्र से बड़े थे, लेकिन प्रमुख स्वामी की साधुता, विनम्रता, करुणा और सेवा भावना के कारण ही संस्था ने उन्हें इस पद पर नियुक्त किया।

प्रमुख स्वामी महाराज जयंती का महत्व
आज प्रमुख स्वामी महाराज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध आध्यात्मिक नेता हैं। उन्होंने देश-विदेश में 1100 भव्य मंदिरों का निर्माण कराया है और कई विशाल मंदिरों का निर्माण कार्य चल रहा है। अमेरिका के न्यू जर्सी में बना BAPS मंदिर दुनिया का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर है, जिसकी शुरुआत स्वामी जी ने ही की थी।

प्रमुख स्वामी महाराज जयंती कैसे मनाई जाती है?
स्वामी नारयण संस्था द्वारा इस अबसर को बड़े धूम धाम से मनाया जाता है। सारे अनुयायी इस महान गुरु को याद करते हैं और उनके बचन का पालन करते हैं। इस महत्वपूर्ण अवसर को मनाने के लिए, बीएपीएस मंदिर में वीडियो, Pramukh Swami Maharaj Jayanti स्वामी के कथन और सांस्कृतिक प्रदर्शन का एक ज्ञानवर्धक कार्यक्रम आयोजित किया जाता है और लाइव वेबकास्ट के माध्यम से स्ट्रीम किया जाता है। यह यूके के साथ-साथ यूरोप, भारत के सभी BAPS मंदिरों और केंद्रों के लिए राष्ट्रीय त्योहार के रूप में कार्य करता है।

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