Parshuram Jayanti 2025 Mai Kab Hai:भगवान परशुराम का जन्म अक्षय तृतीया के दिन हुआ था अतः उनकी शस्त्रशक्ति भी अक्षय है। भगवान शिव के दिव्य धनुष की प्रत्यंचा पर केवल परशुराम ही बाण चढ़ा सकते थे, यह उनकी अक्षय शक्ति का ही परिचय है। इन्हें विष्णु का छठा अवतार भी कहा जाता है।
भगवान परशुराम को नियोग भूमिहार ब्राह्मण, चितपावन ब्राह्मण, त्यागी, मोहयाल, अनाविल और नंबूदिरी ब्राह्मण समुदाय मूल पुरुष या स्थापक के रूप में पूजते हैं।
भगवान परशुराम के गायत्री मंत्र इस प्रकार हैं:
ॐ ब्रह्मक्षत्राय विद्महे क्षत्रियान्ताय धीमहि तन्नो राम: प्रचोदयात् ॥
ॐ जामदग्न्याय विद्महे महावीराय धीमहि तन्नो परशुराम: प्रचोदयात् ॥
ॐ रां रां ॐ रां रां परशुहस्ताय नम: ॥
आमतौर पर अक्षय तृतीया एवं परशुराम जयंती एक ही दिन होती है, Parshuram Jayanti 2025 Mai Kab Hai परन्तु तृतीया तिथि के प्रारंभ होने के आधार पर परशुराम जयंती, अक्षय तृतीया से एक दिन पूर्व भी हो सकती है।
Parshuram Jayanti tithi2025 : हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम जी की जयंती मनाई जाती है. इस साल यह 29 अप्रैल को मनाई जाएगी. आपको बता दें कि तृतीया तिथि 29 अप्रैल को शुरू होगी और 30 अप्रैल को दोपहर 02 बजकर 12 मिनट पर समाप्त होगी. भगवान परशुराम का अवतार प्रदोष काल में हुआ है. इसलिए 29 अप्रैल को परशुराम जयंती मनाई जाएगी. ऐसे में आइए जानते हैं परशुराम जयंती को कौन से शुभ योग बन रहे हैं और पूजा विधि क्या होगी.
Parshuram Jayanti 2025 Mai Kab Hai:भगवान परशुराम के बारे में
परशुराम जी की माता रेणुका तथा पिता का नाम मुनि जमदग्नि है। परशुराम जयंती भगवान परशुराम को रामभद्र, भार्गव, भृगुपति, भृगुवंशी तथा जमदग्न्य नाम से भी जाना जाता है।
परशुराम दो शब्दों से मिलकर बना है, परशु अर्थात कुल्हाड़ी तथा राम। इन दो शब्दों को मिलाकर अर्थ निकलता है कुल्हाड़ी के साथ राम।
भगवान परशुराम शस्त्र विद्या के श्रेष्ठ जानकार थे। Parshuram Jayanti 2025 Mai Kab Hai परशुरामजी का उल्लेख रामायण, महाभारत, भागवत पुराण और कल्कि पुराण इत्यादि अनेक ग्रन्थों में किया गया है। कल्कि पुराण के अनुसार परशुराम, भगवान विष्णु के दसवें अवतार कल्कि के गुरु होंगे और उन्हें युद्ध की शिक्षा देंगे। भीष्म, गुरु द्रोण एवं कर्ण उनके जाने-माने शिष्य थे।
भगवान परशुराम शिवजी के उपासक हैं। उन्होनें सबसे कठिन युद्धकला कलारिपायट्टू की शिक्षा शिवजी से ही प्राप्त की थी।
हिन्दू धर्म में परशुराम के बारे में यह मान्यता है, कि वे त्रेता युग एवं द्वापर युग से कलयुग के अंत तक अमर हैं।
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परशुराम जयंती शुभ योग 2025 – Parshuram Jayanti Auspicious Yoga 2025
परशुराम जयंती पर सौभाग्य का योग बन रहा है. यह योग 3:54 मिनट तक है. इस दिन त्रिपुष्कर योग और सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है. अगर आप इन योगों में भगवान परशुराम की पूजा करते हैं, तो फिर देवी लक्ष्मी की आप पर कृपा बरसेगी.
परशुराम जयंती पूजा विधि – Method of worship of Parshuram Jayanti
इस दिन आप ब्रह्म मुहूर्त में उठ जाएं. इसके बाद भगवान विष्णु का ध्यान करके दिन की शुरूआत करें. फिर आप घर की साफ-सफाई करिए. अब आप नहाने वाले पानी में गंगाजल मिक्स करके स्नान करिए. Parshuram Jayanti 2025 Mai Kab Hai अब आप सूर्य देव को जल का अर्घ्य दीजिए. फिर आप भगवान परशुराम की विधि-विधान से पूजा करिए. वहीं, इस दिन आप प्रदोष काल में भगवान परशुराम का व्रत करते हैं और उपवास भी रखते हैं, तो इस व्रत का फल दोगुना हो जाएगा…
Parshuram Jayanti 2025 Mai Kab Hai परशुराम से जुड़ी मान्यता
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, सभी अवतारों के विपरीत, परशुराम जी वर्तमान में भी पृथ्वी पर ही निवास करते हैं. यही कारण है कि भगवान राम और श्री कृष्ण की तरह परशुराम की पूजा नहीं की जाती है. Parshuram Jayanti 2025 Mai Kab Hai आपको बता दें कि दक्षिण भारत में, उडुपी के पास पवित्र स्थान पजाका में, एक परशुराम जी का मंदिर भी है. परशुराम जी को लेकर यह भी कहा जाता है कि भगवान विष्णु के अंतिम अवतार कल्कि को शस्त्र विद्या प्रदान करने वाले गुरु होंगे.
मान्यता यह भी है कि परशुराम जी भगवान राम और माता सीता के विवाह में भी शामिल हुए थे.