Papmochani Ekadashi 2025:एकादशी तिथि को भगवान विष्णु (Lord Vishnu) और मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए उत्तम मानी जाती है। चैत्र माह के कृष्ण पक्ष में पापमोचनी एकादशी (Papmochani Ekadashi 2025) व्रत किया जाता है। एकादशी व्रत का पारण अगले दिन यानी द्वादशी तिथि पर करने का विधान है। इसके बाद दान जरूर करें। आइए जानते हैं कैसे व्रत का पारण?
एकादशी का व्रत हिंदू धर्म में बहुत अहम माना जाता है। मार्च की 25 तारीख को पापमोचनी एकादशी (Papmochni Ekadashi 2025) है, जिसका काफी महत्व है। यह दिन भगवान विष्णु की पूजा और आराधना के लिए समर्पित होता है। एकादशी के दिन भगवान विष्णु को खास भोग (Ekadashi Bhog) लगाया जाता है, जिसमें धनिया की पंजीरी (Dhaniya Panjiri For Ekadashi) एक अहम प्रसाद के रूप में तैयार की जाती है।
धनिया की पंजीरी न केवल स्वादिष्ट होती है, बल्कि इसका धार्मिक महत्व भी काफी है। एकादशी के दिन इस प्रसाद (Ekadashi Bhog) को बनाने और भगवान विष्णु को अर्पित करने से भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और उन्हें आशीर्वाद मिलता है। यह प्रसाद सात्विक होता है और इसे बनाने की विधि भी काफी आसान है। आइए जानते हैं कि एकादशी के दिन भगवान विष्णु के भोग के लिए धनिया की पंजीरी कैसे बनाई जाती है (Dhaniya Panjiri Recipe)।
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धनिया की पंजीरी कैसे बनाएं? (Dhaniya Panjiri Recipe)
सामग्री-
- 1 कप धनिया के बीज (साबुत धनिया)
- 1/2 कप गुड़
- 1/4 कप घी
- 1/2 छोटा चम्मच इलायची पाउडर
- थोड़ा सा कद्दूकस किया हुआ नारियल
- कुछ किशमिश और बादाम (सजावट के लिए)
बनाने की विधि-
सबसे पहले धनिया के बीजों को अच्छी तरह से साफ कर लें। फिर इन्हें किसी साफ कपड़े पर फैला कर धूप में सुखाएं। धनिया के बीज पूरी तरह से सूख जाने चाहिए, ताकि वे आसानी से पिस सकें।
एक कड़ाही में थोड़ा-सा घी डालें और उसमें सूखे हुए धनिया के बीजों को डालकर भूनें। धनिया को मध्यम आंच पर तब तक भूनें जब तक कि उसकी खुशबू न आने लगे और वह हल्का सुनहरा हो जाए। ध्यान रखें कि धनिया जले नहीं, वरना इसका स्वाद खराब हो सकता है।
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भुने हुए धनिया को ठंडा होने दें। फिर इसे मिक्सर या ग्राइंडर में पीस लें। धनिया को बारीक पाउडर के रूप में पीसना चाहिए। यदि आप चाहें, तो इसमें थोड़ा-सा कद्दूकस किया हुआ नारियल भी मिला सकते हैं, जो इसके स्वाद को और बढ़ा देगा।
अब को भी बारीक पीस लें।
एक बड़े कटोरे में पिसा हुआ धनिया, गुड़ का पाउडर, इलायची पाउडर और बचा हुआ घी डालें। Papmochani Ekadashi 2025 इन सभी सामग्रियों को अच्छी तरह से मिलाएं। मिश्रण को हाथों से मलकर अच्छी तरह से मिलाएं, ताकि सभी सामग्रियां आपस में अच्छी तरह मिल जाएं।
पंजीरी को एक साफ और सूखे बर्तन में निकाल लें। इसे किशमिश और बादाम से सजा सकते हैं। यह प्रसाद भगवान विष्णु को भोग लगाने के लिए तैयार है।
पापमोचनी एकादशी व्रत कथा (Papmochani Ekadashi Vrat Katha)
पापमोचनी एकादशी व्रत पारण विधि (Papamochani Ekadashi Vrat Paran Vidhi)
Papmochani Ekadashi 2025:द्वादशी तिथि के दिन सुबह जल्दी उठें और दिन की शुरुआत देवी-देवता के ध्यान से करें। स्नान करने के बाद भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करें। देसी घी का दीपक जलाकर आरती करें। प्रभु के मंत्रों के जप करें। फल मिठाई समेत आदि चीजों का भोग लगाएं। जीवन में सुख-शांति की प्राप्ति के लिए कमान करें। इसके बाद तुलसी मिश्रित जल ग्रहण कर व्रत खोलें और दान करें।
शुभ समय (Today Shubh Muhurat)
ब्रह्म मुहूर्त – प्रातः 04 बजकर 44 मिनट से 05 बजकर 31 मिनट तकगोधूलि मुहूर्त – शाम 06 बजकर 34 मिनट से शाम 06 बजकर 58 मिनट तकनिशिता मुहूर्त – देर रात 12 बजकर 03 मिनट से देर रात 12 बजकर 50 मिनट तकअभिजीत मुहूर्त – कोई नहीं
पापमोचनी एकादशी 2025 व्रत पारण टाइम (Papamochani Ekadashi 2025 Vrat Paran Time)
Papmochani Ekadashi 2025:एकादशी व्रत का पारण अगले दिन यानी द्वादशी तिथि पर किया जाता है। 26 मार्च को पापमोचनी एकादशी व्रत पारण करने का समय दोपहर 01 बजकर 41 मिनट से लेकर शाम 04 बजकर 08 मिनट तक है। Papmochani Ekadashi 2025 इस दौरान किसी भी समय व्रत का पारण किया जा सकता है। इसके बाद अन्न और धन समेत आदि चीजों का दान जरूर करना चाहिए।