Papankusha Ekadashi:पापांकुशा एकादशी हिंदू धर्म के 24 एकादशी व्रतों में से एक महत्वपूर्ण व्रत है, जो भगवान विष्णु की पूजा के लिए समर्पित है। यह व्रत हर साल अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को आता है। 2024 में पापांकुशा एकादशी 13 अक्टूबर को पड़ रही है। इस व्रत को करने से व्यक्ति अपने जीवन में किए गए पापों से मुक्ति पाता है और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं पापांकुशा एकादशी की पूजा विधि, व्रत विधि, और क्या करें व क्या न करें।
मान्यता है कि इस दिन भगवाव विष्णु को सबसे प्रिय तुलसी भी उनके लिए व्रत करती हैं। Papankusha Ekadashi यही वजह है कि इस दिन तुलसी को जल नहीं दिया जाता है। कहते हैं कि इस दिन तुलसी को जल देने से उनका व्रत खंडित हो जाता है, इसलिए पापांकुशा एकादशी के दिन तुलसी में जल नहीं देना चाहिए। इस दिन भगवान विष्णु को तुलसी दल अर्पित करने से वह बेहद प्रसन्न होते हैं और मनचाहा फल देते हैं।
Papankusha Ekadashi:पापांकुशा एकादशी का महत्व
पापांकुशा एकादशी का महत्व हिंदू धर्मग्रंथों में विस्तार से वर्णित है। मान्यता है कि इस एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति के समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं, Papankusha Ekadashi और उसे वैकुंठ धाम की प्राप्ति होती है। विष्णु पुराण और स्कंद पुराण में इसका उल्लेख मिलता है कि जो व्यक्ति श्रद्धापूर्वक इस व्रत को करता है, वह अपने जीवन के हर प्रकार के दुखों से मुक्ति पाता है और उसे भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है। इसके अतिरिक्त, यह व्रत धन, समृद्धि, शांति, और संतोष प्रदान करने वाला माना गया है।
Papankusha Ekadashi:पापांकुशा एकादशी व्रत की पूजा विधि
1. व्रत की तैयारी:
पापांकुशा एकादशी का व्रत करने के लिए भक्तों को एक दिन पूर्व (दशमी तिथि) से ही सात्विक भोजन ग्रहण करना चाहिए और मन को शांत रखते हुए भगवान विष्णु का स्मरण करना चाहिए। व्रत के दिन प्रातःकाल जल्दी उठकर स्नान करें और शुद्ध वस्त्र धारण करें। इसके बाद भगवान विष्णु की पूजा की तैयारी करें।
2. संकल्प:
पूजा से पहले, भगवान विष्णु के समक्ष व्रत का संकल्प लें। संकल्प के दौरान कहें कि “मैं पापांकुशा एकादशी व्रत का पालन करूंगा/करूंगी और भगवान विष्णु की पूजा करूंगा/करूंगी। भगवान मुझे सभी पापों से मुक्त करें और मोक्ष का मार्ग दिखाएं।”
3. भगवान विष्णु की पूजा:
पापांकुशा एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। पूजा की सामग्री में फूल, तुलसी के पत्ते, धूप, दीपक, चंदन, और फल शामिल करें। भगवान विष्णु की प्रतिमा या तस्वीर को अपने पूजा स्थल पर रखें। Papankusha Ekadashi सबसे पहले भगवान को गंगाजल या स्वच्छ पानी से स्नान कराएं, फिर उन्हें चंदन, अक्षत (चावल), पुष्प और तुलसी अर्पित करें। दीपक जलाकर भगवान की आरती करें और विष्णु सहस्रनाम या अन्य विष्णु स्तोत्रों का पाठ करें। इस दिन “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जप करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
4. तुलसी पूजा:
भगवान विष्णु की पूजा में तुलसी का विशेष महत्व होता है। तुलसी के बिना भगवान विष्णु की पूजा अधूरी मानी जाती है। अतः पूजा में तुलसी के पत्तों का अर्पण अवश्य करें।
5. व्रत का पालन:
इस दिन व्रत रखकर भगवान विष्णु का ध्यान करना चाहिए। कुछ लोग निर्जल व्रत रखते हैं, Papankusha Ekadashi तो कुछ फलाहार करते हैं। व्रत रखने वाले व्यक्ति को तामसिक और मांसाहारी भोजन से दूर रहना चाहिए। व्रती को दिनभर उपवास रखकर भगवान विष्णु के नाम का स्मरण करना चाहिए और उनकी लीलाओं का चिंतन करना चाहिए।
6. रात्रि जागरण:
पापांकुशा एकादशी पर रात्रि जागरण का भी महत्व है। इस दिन रातभर जागकर भगवान विष्णु की स्तुति करें और भजन-कीर्तन में लीन रहें। ऐसा करने से भगवान विष्णु की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
7. द्वादशी का पालन:
व्रत का पारण अगले दिन द्वादशी तिथि को किया जाता है। द्वादशी के दिन ब्राह्मणों को भोजन कराकर दान देने का विशेष महत्व होता है। अन्न, वस्त्र, और दक्षिणा का दान करना चाहिए और इसके बाद स्वयं भोजन ग्रहण करें।
Papankusha Ekadashi:व्रत के दौरान क्या करें और क्या न करें
क्या करें:
- सात्विक भोजन: व्रत के दौरान सात्विक भोजन का ही सेवन करें। फल, दूध, और सूखे मेवे का उपयोग किया जा सकता है।
- भगवान विष्णु का ध्यान: दिनभर भगवान विष्णु का नाम जपें और विष्णु सहस्रनाम या भगवद गीता का पाठ करें।
- दान-पुण्य: पापांकुशा एकादशी पर दान करने का विशेष महत्व है। इस दिन अन्न, वस्त्र, और धन का दान करना चाहिए। गरीबों और जरूरतमंदों की सहायता करें।
- रात्रि जागरण: रात्रि में जागकर भगवान विष्णु के भजन-कीर्तन करना शुभ माना जाता है।
- ब्राह्मण भोजन: द्वादशी के दिन ब्राह्मणों को भोजन कराएं और उन्हें दक्षिणा दें।
क्या न करें:
- तामसिक भोजन: व्रत के दिन मांस, शराब, प्याज, लहसुन, और अन्य तामसिक खाद्य पदार्थों का सेवन न करें।
- क्रोध और नकारात्मकता: इस दिन क्रोध, अहंकार, और किसी भी प्रकार की नकारात्मक भावनाओं से बचें। शांति और धैर्य से दिन व्यतीत करें।
- असत्य और हिंसा: एकादशी के दिन झूठ बोलने, किसी प्रकार की हिंसा करने, और गलत कार्यों से दूर रहें।
- अन्य कार्य: व्रत के दौरान सांसारिक और भौतिक कार्यों से जितना हो सके बचें और अपने मन को भगवान की भक्ति में लगाएं।
Papankusha Ekadashi:पापांकुशा एकादशी का फल
पापांकुशा एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति को उसके सभी पापों से मुक्ति मिलती है Papankusha Ekadashi और वह मोक्ष की प्राप्ति करता है। ऐसा माना जाता है कि जो व्यक्ति श्रद्धापूर्वक इस व्रत को करता है, उसे भगवान विष्णु के वैकुंठ धाम में स्थान मिलता है। इस व्रत का फल अन्य सभी व्रतों की तुलना में अधिक पुण्यदायक और प्रभावी माना जाता है।