KARMASU

Mokshada Ekadashi

Mokshada Ekadashi 2025: मोक्षदा एकादशी का व्रत मार्गशीर्ष (अगहन) शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है. इस साल 1 दिसंबर 2025 को मोक्षदा एकादशी का व्रत रखा जाएगा. यह एकादशी भगवान विष्णु और श्री कृष्ण की पूजा के लिए बहुत महत्वपूर्ण है.

यह व्रत रखने से साधक को आध्यात्मिक शुद्धि और आत्मिक शांति मिलती है, Mokshada Ekadashi साथ ही यह मोक्ष का रास्ता खोलने वाली एकादशी मानी जाती है. मोक्षदा एकादशी को गीता जयंती के रूप में भी मनाया जाता है.

मोक्षदा एकादशी व्रत के कठोर नियम (Mokshada Ekadashi Vrat Ke Niyam)

मोक्षदा एकादशी का व्रत नियमों का कठोरता से पालन मांगता है। व्रत की शुरुआत दशमी तिथि से ही हो जाती है:

1. दशमी तिथि के नियम: एकादशी व्रत से एक दिन पहले, यानी दशमी तिथि पर सात्विक भोजन करें. Mokshada Ekadashi इस दिन चावल और जौ आदि का सेवन भूलकर भी न करें.

2. एकादशी की दिनचर्या: व्रत की सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और भगवान का ध्यान करें. भगवान विष्णु और श्री कृष्ण की उपासना और पूजा करें और व्रत का संकल्प लें.

3. मंत्र जाप: मोक्षदा एकादशी पर “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप 108 बार करना चाहिए.

4. रात में कीर्तन: रात में जागकर भगवान का कीर्तन करें.

5. पारण और दान: द्वादशी तिथि पर शुभ मुहूर्त में पारण (व्रत खोलना) करें और दान करें.

6. भोजन से संबंधित नियम: एकादशी तिथि पर व्रत रखें या न रखें, लेकिन इस तिथि पर दो बार भोजन नहीं करना चाहिए. साथ ही, बासी भोजन न करें और न ही भोजन को दोबारा गर्म करके खाएं.

व्रत के दौरान क्या खाएं और क्या न खाएं? (Vrat Diet: What to Eat and Avoid)

भगवान विष्णु को समर्पित Mokshada Ekadashi मोक्षदा एकादशी व्रत के दौरान कुछ विशेष खाद्य पदार्थों का सेवन वर्जित होता है, जबकि कुछ चीजें खाई जा सकती हैं.

मोक्षदा एकादशी व्रत में क्या खा सकते हैं:

खाद्य वस्तुविवरण
फलताजे और मौसमी फलों का सेवन करें, जैसे केला, सेब, संतरा, अंगूर. फलाहार व्रत में इन फलों से शक्ति मिलती है.
डेयरी उत्पाददूध, दही, पनीर और छाछ का सेवन पाचन के लिए अच्छा होता है, इन्हें खाया जा सकता है.
आटा/खाद्य पदार्थआलू, शकरकंद, अरबी व सिंघाड़े के आटे से बने प्रसाद या व्रत का भोजन करें. कुट्टू का आटा, सिंघाड़े का आटा या साबूदाना और राजगिरा का सेवन पौष्टिक हो सकता है.
सब्जियांअगर आप फलाहार व्रत नहीं कर रहे हैं, तो सात्विक सब्जियों का सेवन वर्जित नहीं है, जैसे टमाटर, गाजर, लौकी, ककड़ी आदि.
नमक और मसालेफलाहार में सेंधा नमक, काली मिर्च या अदरक का सेवन करने में कोई मनाही नहीं है.

मोक्षदा एकादशी व्रत में क्या क्या न खाएं:

वर्जित खाद्य वस्तुकारण/विवरण
अन्न और दालेंलहसुन, प्याज, चावल, गेहूं और दालें न खाएं.
मांस और मदिरामांस, मछली, अंडा, मदिरा (शराब) जैसी तामसिक चीज़ों का सेवन न करें.
नमकएकादशी तिथि पर नमक का त्याग करें.
मसालेहल्दी, हींग, राई (सरसों) के साथ ही मेथी दाना और अन्य गंभीर मसालों का सेवन न करें.
Mokshada Ekadashi 2025 Puja Vidhi: मोक्षदा एकादशी व्रत के कठोर नियम, क्या खाएं और क्या नहीं! पितरों के मोक्ष के लिए करें ये विशेष उपाय… Mokshada Ekadashi

Mokshada Ekadashi 2025 Puja Vidhi: मोक्षदा एकादशी व्रत के कठोर नियम, क्या खाएं और क्या नहीं! पितरों के मोक्ष के लिए करें ये विशेष उपाय…

Mokshada Ekadashi 2025: मोक्षदा एकादशी का व्रत मार्गशीर्ष (अगहन) शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को रखा जाता है. इस साल…

Mokshada Ekadashi 2025 Date And Time: मोक्षदा एकादशी 2025, तिथि, शुभ मुहूर्त, महत्व और उपाय, जानें मोक्ष दिलाने वाले इस व्रत की पूरी जानकारी Mokshada Ekadashi

Mokshada Ekadashi 2025 Date And Time: मोक्षदा एकादशी 2025, तिथि, शुभ मुहूर्त, महत्व और उपाय, जानें मोक्ष दिलाने वाले इस व्रत की पूरी जानकारी

Mokshada Ekadashi full information 2025: सनातन धर्म में अगहन (मार्गशीर्ष) महीने का विशेष महत्व होता है। यह महीना जगत के…

Utpanna Ekadashi 2025 Kab Hai: उत्पन्ना एकादशी 2025: सही तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और पारण का समय जानें Utpanna Ekadashi

Utpanna Ekadashi 2025 Kab Hai: उत्पन्ना एकादशी 2025: सही तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और पारण का समय जानें

Utpanna Ekadashi 2025: हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का अत्यंत पवित्र और धार्मिक महत्व माना गया है. मार्गशीर्ष मास के…

मोक्ष और पितरों की शांति के लिए विशेष उपाय (Remedies for Pitru Moksha)

मोक्षदा एकादशी Mokshada Ekadashi के दिन पितरों की आत्मा की शांति और उन्हें मोक्ष दिलाने के लिए भी उपाय बताए गए हैं. ये उपाय करने से पितरों को वैकुंठ धाम की प्राप्ति होती है.

1. तुलसी पूजा: भगवान विष्णु को तुलसी दल अर्पित करें. पूजा के बाद कुछ तुलसी दल उठाकर अपने पितरों के नाम से जल में प्रवाहित करें या उन्हें पीपल के पेड़ की जड़ में रखें. देवी तुलसी को मोक्ष दायिनी माना गया है.

2. दीपदान: शाम के समय अपने घर की दक्षिण दिशा में या किसी पीपल के पेड़ के नीचे पितरों के नाम से शुद्ध घी का एक दीपक जलाएं. दक्षिण दिशा को पितरों की दिशा माना जाता है, यहाँ दीपदान करने से पितृ प्रसन्न होते हैं.

3. पीपल के वृक्ष की पूजा: मोक्षदा एकादशी पर पीपल के वृक्ष को जल दें. जल देते समय अपने पितरों का ध्यान करें और ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप करें. इससे पितृ दोष शांत होता है.

4. गीता का पाठ: चूँकि यह एकादशी ‘गीता जयंती’ के रूप में मनाई जाती है, Mokshada Ekadashi इसलिए इस दिन श्रीमद्भगवद्गीता का पाठ या उसके किसी अध्याय का पाठ करें. इससे शुभ फल मिलते हैं और पितरों की आत्मा को शांति मिलती है.

5. ब्राह्मण भोज और दान: एकादशी व्रत Mokshada Ekadashi पारण से पहले किसी गरीब या ब्राह्मण को श्रद्धापूर्वक घर बुलाकर सात्विक भोजन कराएं. भोजन के बाद उन्हें वस्त्र, अन्न या दक्षिणा का दान करें. दान की वस्तुएं पीले रंग की हों तो उत्तम माना जाता है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *