
Masik Shivratri 2025: भक्तों के लिए मासिक शिवरात्रि भगवान शिव की कृपा पाने का एक पावन अवसर होता है. हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है. यह व्रत और पूजा विशेष रूप से भगवान शिव को समर्पित होता है. सावन माह की शिवरात्रि के बाद अब भाद्रपद मास की मासिक शिवरात्रि आने वाली है, जो बेहद शुभ मानी जाती है.
Masik Shivratri 2025: प्रत्येक माह की कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है. यह दिन भगवान शिव को समर्पित होता है और भक्त इस दिन उनकी पूजा-अर्चना कर उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं. Masik Shivratri अगर आप भी अगस्त 2025 में आने वाली मासिक शिवरात्रि के बारे में जानना चाहते हैं, तो यह लेख आपके लिए है. यहां हम आपको इसकी तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा के महत्व के बारे में विस्तार से बताएंगे.
Masik Shivratri 2025 : प्रत्येक माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। इस शुभ दिन पर देवों के देव महादेव की पूजा-अर्चना की जाती है और सुख-सौभाग्य की प्राप्ति के लिए उपवास भी रखा जाता है। Masik Shivratri मान्यता है कि ऐसा करने से भोलेनाथ अपने भक्तों को सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। इस समय वैशाख माह चल रहा है।
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Kab Hai August Masik Shivratri: कब है अगस्त 2025 की मासिक शिवरात्रि
पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 21 अगस्त 2025 को दोपहर 12 बजकर 44 मिनट पर शुरू होगी. वहीं, यह तिथि अगले दिन यानी 22 अगस्त को सुबह 11 बजकर 55 मिनट पर इसका समापन होगा. मासिक शिवरात्रि की पूजा निशाकाल (रात के समय) में की जाती है, इसलिए इस बार मासिक शिवरात्रि 21 अगस्त 2025, गुरुवार को मनाई जाएगी.
मासिक शिवरात्रि की पूजा का शुभ मुहूर्त
मासिक शिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा के लिए निशाकाल का समय सबसे शुभ माना जाता है. 21 अगस्त की रात, पूजा का शुभ मुहूर्त रात 12 बजकर 2 मिनट से 12 बजकर 46 मिनट तक रहेगा. इस दौरान भक्त भगवान शिव की विशेष पूजा और अभिषेक कर सकते हैं.
मासिक शिवरात्रि की पूजा का महत्व
मासिक शिवरात्रि का व्रत बहुत ही फलदायी माना जाता है. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की सच्चे मन से पूजा करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं: जिन लोगों के विवाह में रुकावटें आ रही हैं, Masik Shivratri उन्हें यह व्रत अवश्य करना चाहिए. माना जाता है कि इस व्रत के प्रभाव से योग्य जीवनसाथी की प्राप्ति होती है.
मासिक शिवरात्रि का व्रत रखने से जीवन में सुख-शांति आती है और आर्थिक परेशानियां दूर होती हैं. कहा जाता है कि इस दिन व्रत रखने वाले भक्तों को भगवान शिव उनकी इच्छा के अनुसार फल देते हैं. Masik Shivratri मान्यता के अनुसार, इस व्रत को करने से व्यक्ति को अपने सभी पापों से मुक्ति मिलती है और वह मोक्ष की ओर अग्रसर होता है.
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पूजा-विधि:
इस पावन दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ-स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें।
घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।
शिवलिंग का गंगा जल, दूध, आदि से अभिषेक करें।
भगवान शिव के साथ ही माता पार्वती की पूजा अर्चना भी करें।
भगवान गणेश की पूजा अवश्य करें। किसी भी शुभ कार्य से पहलेभगवान गणेश की पूजा-अर्चना की जाती है।
भोलेनाथ का अधिक से अधिक ध्यान करें।
ऊॅं नम: शिवाय मंत्र का जप करें।
भगवान भोलेनाथ को भोग लगाएं।
पूजा सामग्री लिस्ट : मासिक शिवरात्रि की पूजा के लिए पंचामृत के लिए दूध, दही, शहद, घी और गंगाजल,फल,फूल, मिठाई कच्चा दूध, चंदन, धूप-दीप, भांग,धतूरा, बिल्वपत्र, शिव परिवार की प्रतिमा या तस्वीर, पंचमेवा, इत्र, कपूर ,रोली,मौली, जनेऊ समेत पूजा की सभी सामग्री एकत्रित कर लें।
शिवजी को प्रसन्न करने के लिए शिवलिंग पर अर्पित करें ये चीजें– जल, दूध, दही, शहद, इत्र, घी, चंदन।