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Mahakal Sawari Ujjain 2025 Date

Mahakal Sawari Ujjain 2025 Date: उज्जैन में बाबा महाकाल के शाही सवारी की तैयारियां शुरू हो गईं हैं. इस बार सावन-भाद्रपद माह में बाबा महाकाल की कुल 6 राजसी सवारियां निकाली जाएंगी. उज्जैन, श्रावण और भाद्रपद माह में बाबा श्री महाकालेश्वर की सवारी के भव्य आयोजन को लेकर प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. शुक्रवार को प्रशासनिक संकुल भवन में आयोजित बैठक में कलेक्टर रोशन कुमार सिंह ने निर्देश दिए कि पूर्व वर्षों के अनुभवों के आधार पर इस वर्ष व्यवस्थाओं को और अधिक बेहतर एवं सुव्यवस्थित बनाया जाए.

Mahakal Sawari Ujjain 2025 Date

Mahakaleshwar sawari ujjain 2025 : इस बार 11 जुलाई 2025, दिन शुक्रवार से श्रावण मास की शुरुआत हो रही है। सावन मास का पहला सोमवार 14 जुलाई को रहेगा और इसी दिन महाकाल बाबा की पहली सवारी निकलने वाली है। सावन में उज्जैन में महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की शाही सवारी 14 जुलाई से 18 अगस्त तक चलेगी।

महाकालेश्वर भगवान Mahakal Sawari Ujjain 2025 Date की सवारी निकलने के पहले मंदिर के सभामंडप में भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर का विधिवत पूजन-अर्चन किया जाएगा। इसके बाद भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे। 

Mahakal Sawari Ujjain 2025 Date:महाकाल की शाही सवारी का मार्ग

Mahakal Sawari Ujjain 2025 Date:भगवान महाकाल की सवारी को सबसे पहले मंदिर के द्वार पर ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया जाएगा। इसके बाद सवारी आरंभ होगी। सवारी अपने पारंपरिक मार्ग यानी महाकाल चौराहा, गुदरी चौराहा, बक्शी बाजार और कहारवाड़ी से होते हुए रामघाट पहुंचेगी। रामघाट पर, भगवान महाकाल को शिप्रा नदी के पवित्र जल से स्नान कराया जाएगा और पूजा-अर्चना की जाएगी। इसके बाद, सवारी रामानुजकोट, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार और गुदरी बाजार से होते हुए श्री महाकालेश्वर मंदिर वापस आएगी।

बैठक में बताया गया कि श्रावण मास में 4 और भाद्रपद मास में 2 सोमवार को बाबा महाकाल की सवारी निकाली जाएगी. अंतिम षष्ठम सवारी राजसी (शाही) स्वरूप में 18 अगस्त 2025 को निकलेगी.

  • प्रथम सवारी: 14 जुलाई
  • द्वितीय सवारी: 21 जुलाई
  • तृतीय सवारी: 28 जुलाई
  • चतुर्थ सवारी: 4 अगस्त
  • पंचम सवारी: 11 अगस्त
  • षष्ठम राजसी सवारी: 18 अगस्त

शाही सवारी का इतिहास:history of royal riding

Mahakal Sawari Ujjain 2025 Date:गौरतलब है श्रावण-भाद्रपद माह में हर सोमवार को निकलने वाली शाही सवारी का विशेष महत्व है. सावन सोमवार को बाबा महाकाले विशेष रूप के दर्शन तो होते ही हैं. साथ में सावन के हर सोमवार को महाकाल की सवारी भी निकाली जाती है, जिसमें बाबा महाकाल को विभिन्न वाहनों पर सजाकर नगर भ्रमण पर ले जाया जाता है. बाबा महाकाल की शाही सवारी दिव्य और अलौकिक होती है. बाबा महाकाल की शाही सवारी का इतिहास बहुत पुराना है. जिसका उल्लेख प्राचीन ग्रंथों में भी मिलता है.

ग्यारहवीं शताब्दी के राजा भोज ने इस परंपरा को बड़े रूप में करना शुरू किया. कहा जाता है कि इस शाही सवारी में राजा भोज ने नए कलाकारों और संगीतकारों को शामिल किया, मुगल सम्राट अकबर और जहांगीर भी इस जुलूस में शामिल हुए थे, Mahakal Sawari Ujjain 2025 Date सिंधिया वंश के राजाओं ने इस जुलूस को और अधिक भव्य बनाया उन्होंने जुलूस में कई नए रथ और हाथी घोड़ों को भी शामिल किया.

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कावड़ यात्रियों के लिए व्यवस्था:Arrangements for Kavad Yatris

Mahakal Sawari Ujjain 2025 Date:कावड़ यात्रियों को पूर्व सूचना दिए जाने पर शनिवार, रविवार और सोमवार को छोड़कर द्वार नंबर 04 से प्रवेश देकर विश्रामधाम, रेम्प, सभा मंडपम में जल पात्र के माध्यम से बाबा महाकाल को जल अर्पण करने की व्यवस्था की गई है। द्वार नंबर 01 के रास्ते से भी फेसेलिटी सेंटर 01, टनल के रास्ते, मंदिर परिसर, कार्तिक मंडपम और गणेश मंडपम से जल अर्पण कर सकते हैं। बिना किसी पूर्व सूचना के आने वाले कावड़ यात्री की व्यवस्था सामान्य दर्शन की तरह रहेगी। उक्त कावड़ यात्री कार्तिक मंडपम में लगे जल पात्र में जल अर्पण करेंगे।

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