Maha Kumbh

Rabri Wale Baba: देवगिरी महाराज ने बताया कि वे हर दिन लगभग 130 लीटर दूध की रबड़ी बनाते हैं और भक्ति में प्रसाद बांटते हैं. उन्होंने कहा कि वे भगवती महाकाली के उपासक हैं और देवी जी की कृपा से उन्हें यह सेवा करने की प्रेरणा मिली है.

Maha Kumbh प्रयागराज महाकुंभ में पधारे साधु-संतों की अपनी अलग-अलग किस्से कहानियां हैं. तमाम बाबाओं की खुद की अलहदा पहचान हैं तो कई संन्यासियों की अपनी अलग खासियत है. कुछ इसी तरह की एक कहानी ‘रबड़ी बाबा’ की भी है. महाकुंभ में रबड़ी वाले बाबा  श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र  बने हैं तो वहीं सोशल मीडिया में भी छाए हुए हैं.     
 
देवगिरी जी महाराज ने बताया कि वे हर दिन लगभग 130 लीटर दूध की रबड़ी बनाते हैं और भक्ति में प्रसाद बांटते हैं. उन्होंने कहा कि वे भगवती महाकाली के उपासक हैं और देवी जी की कृपा से उन्हें यह सेवा करने की प्रेरणा मिली है.

देवगिरी जी महाराज ने बताया कि वे दूध और मध्यम शक्कर डालकर रबड़ी बनाते हैं. दरअसल, श्रद्धालुओं को डायबिटीज न हो, इसलिए चीनी की मात्रा कम रखते हैं. उन्होंने कहा कि उनका सिद्धांत है कि वे बैठकर रबड़ी खिलाते हैं, बांटते नहीं हैं.

Maha Kumbh के इस अनुभव में रबड़ी का महत्व

Maha Kumbh में जहां लाखों श्रद्धालु आते हैं और धार्मिक अनुष्ठान करते हैं, वहीं रबड़ी वाले बाबा की सेवा एक अलग ही अनुभव प्रदान करती है। उनके द्वारा बांटी गई रबड़ी केवल एक पारंपरिक मीठा व्यंजन नहीं बल्कि एक धार्मिक और आत्मिक सेवा बन चुकी है। श्रद्धालु इस प्रसाद को न केवल भक्ति से प्राप्त करते हैं, बल्कि यह उनके लिए एक आशीर्वाद जैसा होता है। Maha Kumbh रबड़ी का प्रसाद खाते समय लोग बाबा के साथ अपना आशीर्वाद प्राप्त करते हैं और साथ ही उनकी भक्ति में भी वृद्धि होती है।

Maha Kumbh

यह सेवा देवी भगवती महाकाली की कृपा से संभव

देवगिरी जी महाराज का मानना है कि रबड़ी एक तरह से भक्तों को मानसिक शांति और शक्ति देने का माध्यम है। वे इसे किसी प्रकार के साधारण भोजन की तरह नहीं मानते, बल्कि इसे एक दिव्य प्रसाद मानते हैं। रबड़ी बांटने का उनका तरीका बहुत ही संतुलित Maha Kumbh और सुव्यवस्थित है, जहां हर व्यक्ति को उचित समय और स्थान पर यह प्रसाद मिलती है। वे इसे न केवल अपनी सेवा बल्कि एक धार्मिक कर्तव्य के रूप में निभाते हैं। उनका मानना है कि यह सेवा देवी भगवती महाकाली की कृपा से संभव हो रही है, और वे उन्हें इस कार्य के लिए प्रेरित करती हैं।

Maha Kumbh में रबड़ी वाले बाबा की सेवा का प्रभाव

रबड़ी वाले बाबा की सेवा ने Maha Kumbh में आने वाले श्रद्धालुओं के बीच एक नई पहचान बनाई है। उनके प्रसाद की भव्यता और उनकी भक्ति ने लोगों को आकर्षित किया है। रबड़ी बनाने और उसे श्रद्धालुओं को देने का उनका तरीका उन्हें Maha Kumbh के महत्वपूर्ण आकर्षणों में से एक बना चुका है। Maha Kumbh जैसे बड़े आयोजन में बाबा की उपस्थिति ने यह साबित किया है कि धार्मिक आस्था और सेवा का कोई आकार नहीं होता; ये किसी भी रूप में हो सकती है और उसी रूप में श्रद्धा का प्रसार करती है।

रबड़ी बांटने का तरीका

रबड़ी वाले बाबा का मानना है कि रबड़ी केवल बांटी नहीं जानी चाहिए, बल्कि श्रद्धा और आस्था के साथ इसे खिलाना चाहिए। वे हर श्रद्धालु को बैठाकर रबड़ी खिलाते हैं और यही उनका सिद्धांत है। वे मानते हैं कि इस प्रक्रिया से श्रद्धालुओं को मानसिक और शारीरिक रूप से शांति मिलती है और उनकी भक्ति का भी संकल्प मजबूत होता है। उनका यह तरीका श्रद्धालुओं के बीच बहुत ही लोकप्रिय हो गया है, और लोग उनकी सेवा का आनंद लेने के लिए उनकी ओर खींचे चले आते हैं। 

श्रद्धालुओं को एक विशेष तरह का प्रसाद

श्री महंत देवगिरी जी महाराज का मानना है कि Maha Kumbh के पवित्र अवसर पर श्रद्धालुओं को एक विशेष तरह का प्रसाद देना चाहिए। इसी के तहत वे हर दिन करीब 130 लीटर दूध से रबड़ी तैयार करते हैं। Maha Kumbh वे बताते हैं कि रबड़ी बनाने का यह कार्य दिन-रात चलता रहता है, ताकि जितने भी श्रद्धालु आकर प्रसाद ग्रहण करें, उन्हें ताजे और स्वादिष्ट प्रसाद का अनुभव हो सके। 

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