Maghsheersh Purnima:पूर्णिमा प्रत्येक माह की शुक्ला पक्ष मे आने वाला मासिक उत्सव है, अतः पूर्णिमा वर्ष मे 12 बार, तथा अधिक मास की स्थिति मे 13 बार भी हो सकती है। पूने, पूरणमासी, पूनम ऐसे ही पूर्णिमा को विभिन्न लोक भाषाओं मे अन्य-अन्य नाम से जाना जाता है।

भारत मे, प्रत्येक माह की पूर्णिमा को कोई न कोई पर्व अवश्य मनाया जाता हैं। इन्हीं मासिक तिथियों मे, कुछ लोकप्रिय एवं महत्वपूर्ण पूर्णिमा तिथि श्री हनुमान जन्मोत्सव, बुद्ध पूर्णिमा, गुरू पूर्णिमा, व्यास पूर्णिमा, शरद पूर्णिमा, कोजागरी लक्ष्मी पूजा, टेसू पूनै, वाल्मीकि जयंती, रक्षाबन्धन, श्री भैरव जयंती, देव दिवाली एवं अन्नपूर्णा जंयती, दत्त जयन्ती हैं। भारत का सबसे प्रसिद्ध रंगों भरा वाला त्यौहार होली भी फाल्गुन की पूर्णिमा के दिन ही होता है।

पूर्णिमा के दिन हिंदू व्रत, गंगा स्नान तथा सत्यनारायण जी के कथा का पाठ करते हैं। खगोलीय घटनाओं के अनुसार, पूर्णिमा के दिन समुद्र मे और दिनो से अधिक ज्वार की घटना होती है।

हिन्दु पञ्चांग एवं खगोलीय स्थिति के अनुसार, चंद्रमा 28 दिनों में पृथ्वी का एक चक्कर पूर्ण करता है। 15 दिनों के उपरांत चंद्रमा पृथ्वी की एक छोर से दूसरी की छोर पर होता है। जब चंद्रमा भारतवर्ष की ओर होता है, तब उसे पूर्ण अवस्था मे देखा जाता है। जब चंद्रमा पूर्ण स्वरूप से भारतवर्ष मे दिखाई देता, उस दिन को ही पूर्णिमा का दिन कहा जाता है। और यह घटना(पूर्णिमा) प्रत्येक स्थान अथवा देश के लिए चंद्रमा की स्थिति के अनुसार अलग-अलग समय पर हो सकती है। पूर्णिमा व्रत रखने वाले श्रद्धालुओं के लिए चंद्रमा के उदय समय की विशेष महत्ता है।

पूर्णिमा कब है? | Purnima Kab Hai?

मार्गशीर्ष पूर्णिमा 2024 कब है? 
रविवार, 15 दिसम्बर 2024

व्रत / श्राद्ध/ स्नान / दान – 15 दिसम्बर 2024, रविवार

भाद्रपद पूर्णिमा तिथि : 14 दिसम्बर 2024 04:58 PM – 15 दिसम्बर 2024 02:31 PM

चन्द्रोदय – 05:14 PM

मार्गशीर्ष पूर्णिमा: Maghsheersh Purnima धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व का विशेष दिन

मार्गशीर्ष पूर्णिमा हिंदू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा को मनाई जाती है, जो विशेष रूप से धार्मिक अनुष्ठानों, पूजा-पाठ और साधना के लिए शुभ मानी जाती है। यह दिन खासकर भगवान विष्णु, शिव, सूर्य और अन्य देवी-देवताओं की उपासना के लिए महत्वपूर्ण होता है।

Maghsheersh Purnima:मार्गशीर्ष पूर्णिमा 2024 तिथि

  • तारीख: 15 दिसंबर 2024
  • दिन: रविवार

Maghsheersh Purnima:मार्गशीर्ष पूर्णिमा का महत्व

  1. विष्णु पूजा: मार्गशीर्ष पूर्णिमा को विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा करने का महत्व है। इस दिन भक्त भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करते हैं और उनकी आराधना करते हैं।
  2. व्रत और तपस्या: इस दिन कई लोग व्रत रखते हैं और गंगा स्नान करके पुण्य लाभ प्राप्त करते हैं। Maghsheersh Purnima यह दिन ध्यान, साधना और तपस्या के लिए भी उपयुक्त माना जाता है।
  3. पवित्र नदी में स्नान: इस दिन गंगा, यमुनाजी या अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने से व्यक्ति के पाप धुल जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
  4. दान और पुण्य कार्य: इस दिन दान करने का विशेष महत्व है। विशेष रूप से अन्न, वस्त्र, तिल, घी और अन्य चीजों का दान किया जाता है।

Maghsheersh Purnima:मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर किए जाने वाले 4 प्रमुख उपाय

1. गंगा स्नान और व्रत

मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन गंगा या अन्य पवित्र नदियों में स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। स्नान के बाद भगवान विष्णु या शिव की पूजा करें।

2. भगवान विष्णु का पूजन

  • इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और उनके मंत्रों का जाप करने से आशीर्वाद प्राप्त होता है।
  • “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें।

3. दान-पुण्य करें

इस दिन गरीबों को वस्त्र, अन्न और अन्य जरूरी सामान का दान करें। इसके साथ ही पूजा में तिल, घी और मीठे पदार्थों का भी दान करें।

4. दीपदान करें

मार्गशीर्ष पूर्णिमा Maghsheersh Purnima के दिन घरों में दीप जलाने से न केवल घर में सुख-शांति आती है, बल्कि यह वातावरण में सकारात्मक ऊर्जा का संचार भी करता है।

मार्गशीर्ष पूर्णिमा का आध्यात्मिक महत्व

मार्गशीर्ष Maghsheersh Purnima माह को विशेष रूप से भगवान विष्णु का माह माना जाता है, और पूर्णिमा का दिन उनके दर्शन और पूजा के लिए सबसे उपयुक्त समय होता है। इस दिन की पूजा से जीवन में सुख, समृद्धि और आंतरिक शांति की प्राप्ति होती है।

Maghsheersh Purnima

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