
Lakshmi Narasimha Stotra:लक्ष्मी नरसिंह स्तोत्र (श्री लक्ष्मी नृसिंह स्तोत्र): यह भगवान महाविष्णु और लक्ष्मी की सबसे शक्तिशाली अभिव्यक्तियों में से एक है, जो हिंदू त्रय में रक्षक हैं। संस्कृत में कई मंत्र भगवान नरसिंह की स्तुति और प्रार्थना करते हैं और किसी भी चुने हुए नरसिंह मंत्र का उचित श्रद्धा, परिश्रम और भक्ति के साथ जाप करने से भय दूर हो सकता है और भक्तों को सभी अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। नीचे सरल, लेकिन गहन लक्ष्मी नरसिंह स्तोत्र का एक संग्रह देखें जो कई तरह के लाभ प्रदान कर सकता है। इस स्तोत्र की रचना श्री आदि शंकराचार्य ने की थी।
Lakshmi Narasimha Stotra इस स्तोत्र में क्रोधित भगवान या उग्र नरसिंह को शांत करने के लिए भगवान लक्ष्मी नरसिंह की स्तुति की गई है। इस स्तोत्र को श्री लक्ष्मी नरसिंह स्तोत्र के रूप में भी जाना जाता है, यह Lakshmi Narasimha Stotra लक्ष्मी नरसिंह की स्तुति में 17-श्लोकों वाला स्तोत्र है।
Lakshmi Narasimha Stotra लक्ष्मी नरसिंह स्तोत्र इसलिए कहा जाता है क्योंकि इनमें से प्रत्येक श्लोक एक ही वाक्य “लक्ष्मी नरसिंह, मम देहि” के साथ समाप्त होता है जिसका अर्थ है “हे भगवान नरसिंह, कृपया मुझे अपना सहायक हाथ दें”। जब इसे घर में प्रतिदिन सुना जाता है तो व्यक्ति का क्रोध कम होता है और घर में शांति आती है। यह एक महान प्रार्थना है जिसे हर किसी की दैनिक आध्यात्मिक साधना का हिस्सा होना चाहिए।
यह स्तोत्र भगवान नरसिंह को समर्पित महा मंत्र है। Lakshmi Narasimha Stotra लक्ष्मी स्तोत्र एक अत्यंत शक्तिशाली स्तोत्र है जो वैदिक पाठ से लिया गया है। जब स्तोत्र और नरसिंह गायत्री मंत्र के पाठ के बाद इसका जाप किया जाता है, तो महा मंत्र के जाप का लाभ कई गुना बढ़ जाता है। नरसिंह भगवान विष्णु के चौथे अवतार हैं। वे आधे मनुष्य और आधे शेर थे। वे हिरण्यकश्यप नामक राक्षस राजा को खत्म करने के लिए प्रकट हुए थे, जिसने अपने बेटे प्रह्लाद को भी नहीं बख्शा क्योंकि उसने उसे पृथ्वी पर सबसे शक्तिशाली शक्ति के रूप में नहीं माना था।
Top rated products
-
Gayatri Mantra Jaap for Wisdom and Knowledge
View Details₹5,100.00 -
Kaal Sarp Dosh Puja Online – राहु-केतु के दोष से पाएं मुक्ति
View Details₹5,100.00 -
Saraswati Mantra Chanting for Intelligence & Academic Success
View Details₹11,000.00 -
Surya Gayatri Mantra Jaap Online
View Details₹1,000.00 -
Kuber Mantra Chanting – Invoke the Guardian of Wealth
View Details₹11,000.00
Lakshmi Narasimha Stotra:लक्ष्मी नरसिंह स्तोत्र के लाभ:
सभी प्रकार के कष्टों और समस्याओं का निवारण करता है।
प्रतिकूल ग्रहों की स्थिति और अज्ञात पापों/शापों के कारण होने वाले बुरे प्रभावों को दूर करता है।
सभी प्रयासों में सफलता।
खतरों और परेशानियों को पहले से ही भांप लेने की क्षमता।
आत्मविश्वास और साहस में वृद्धि।
बच्चों और किशोरों को बहुत लाभ हो सकता है क्योंकि भगवान नरसिंह उन्हें बुरी नज़र के साथ-साथ बुरे प्रभावों, बुरी आदतों और गुप्त इरादों वाले दोस्तों से भी बचाएंगे।
सभी प्रकार के भय और अशांति को दूर करता है।
Lakshmi Narasimha Stotra:इस स्तोत्र का पाठ किसे करना चाहिए:
आत्मविश्वास खो चुके, विभिन्न समस्याओं से पीड़ित और दुश्मनों से डरने वाले व्यक्ति को इस स्तोत्र का नियमित रूप से पाठ करना चाहिए।
Vipareet Pratyangira Stotra:श्री विपरीत प्रत्यंगिरा स्तोत्र
विपरीत प्रत्यंगिरा स्तोत्र: (Vipareet Pratyangira Stotra) विपरीत प्रत्यंगिरा स्तोत्र माँ प्रत्यंगिरा भद्रकाली या महाकाली का ही एक विशाल रूप है।…
Viprit Pratyangira Mahavidya Stotra: श्री विपरीत प्रत्यंगिरा महाविद्या स्तोत्र
Viprit Pratyangira Mahavidya Stotra: विपरीत प्रत्यंगिरा महाविद्या स्तोत्र: माँ प्रत्यंगिरा भद्रकाली या महाकाली का ही एक विशाल रूप हैं। विपरीत…
Vindhayavasini Stotra:श्री विंध्यवासिनी स्तोत्र
Vindhayavasini Stotra:विंध्यवासिनी स्तोत्र (श्री विंध्यवासिनी स्तोत्र): माता विंध्यवासिनी स्वरूप भी देवी वत्सल की भक्त हैं और कहा जाता है कि…
श्री लक्ष्मी नृसिंह स्तोत्र हिंदी पाठ:Lakshmi Narasimha Stotra in Hindi
श्रीमत्पयोनिधिनिकेतन चक्रपाणे भोगींद्रभोगमणिराजित पुण्यमूर्ते ।
योगीश शाश्वत शरण्य भवाब्धिपोत लक्ष्मीनृसिंह मम देहि करावलंबम् ॥ 1 ॥
ब्रह्मेंद्ररुद्रमरुदर्ककिरीटकोटि संघट्टितांघ्रिकमलामलकांतिकांत ।
लक्ष्मीलसत्कुचसरोरुहराजहंस लक्ष्मीनृसिंह मम देहि करावलंबम् ॥ 2 ॥
संसारदावदहनाकरभीकरोरु-ज्वालावलीभिरतिदग्धतनूरुहस्य ।
त्वत्पादपद्मसरसीरुहमागतस्य लक्ष्मीनृसिंह मम देहि करावलंबम् ॥ 3 ॥
संसारजालपतिततस्य जगन्निवास सर्वेंद्रियार्थ बडिशाग्र झषोपमस्य ।
प्रोत्कंपित प्रचुरतालुक मस्तकस्य लक्ष्मीनृसिंह मम देहि करावलंबम् ॥ 4 ॥
संसारकूमपतिघोरमगाधमूलं संप्राप्य दुःखशतसर्पसमाकुलस्य ।
दीनस्य देव कृपया पदमागतस्य लक्ष्मीनृसिंह मम देहि करावलंबम् ॥ 5 ॥
संसारभीकरकरींद्रकराभिघात निष्पीड्यमानवपुषः सकलार्तिनाश ।
प्राणप्रयाणभवभीतिसमाकुलस्य लक्ष्मीनृसिंह मम देहि करावलंबम् ॥ 6 ॥
संसारसर्पविषदिग्धमहोग्रतीव्र दंष्ट्राग्रकोटिपरिदष्टविनष्टमूर्तेः ।
नागारिवाहन सुधाब्धिनिवास शौरे लक्ष्मीनृसिंह मम देहि करावलंबम् ॥ 7 ॥
संसारवृक्षबीजमनंतकर्म-शाखायुतं करणपत्रमनंगपुष्पम् ।
आरुह्य दुःखफलितः चकितः दयालो लक्ष्मीनृसिंह मम देहि करावलंबम् ॥ 8 ॥
संसारसागरविशालकरालकाल नक्रग्रहग्रसितनिग्रहविग्रहस्य ।
व्यग्रस्य रागनिचयोर्मिनिपीडितस्य लक्ष्मीनृसिंह मम देहि करावलंबम् ॥ 9 ॥
संसारसागरनिमज्जनमुह्यमानं दीनं विलोकय विभो करुणानिधे माम् ।
प्रह्लादखेदपरिहारपरावतार लक्ष्मीनृसिंह मम देहि करावलंबम् ॥ 10 ॥
संसारघोरगहने चरतो मुरारे मारोग्रभीकरमृगप्रचुरार्दितस्य ।
आर्तस्य मत्सरनिदाघसुदुःखितस्य लक्ष्मीनृसिंह मम देहि करावलंबम् ॥ 11 ॥
बद्ध्वा गले यमभटा बहु तर्जयंत कर्षंति यत्र भवपाशशतैर्युतं माम् ।
एकाकिनं परवशं चकितं दयालो लक्ष्मीनृसिंह मम देहि करावलंबम् ॥ 12 ॥
लक्ष्मीपते कमलनाभ सुरेश विष्णो यज्ञेश यज्ञ मधुसूदन विश्वरूप ।
ब्रह्मण्य केशव जनार्दन वासुदेव लक्ष्मीनृसिंह मम देहि करावलंबम् ॥ 13 ॥
एकेन चक्रमपरेण करेण शंख-मन्येन सिंधुतनयामवलंब्य तिष्ठन् ।
वामेतरेण वरदाभयपद्मचिह्नं लक्ष्मीनृसिंह मम देहि करावलंबम् ॥ 14 ॥
अंधस्य मे हृतविवेकमहाधनस्य चोरैर्महाबलिभिरिंद्रियनामधेयैः ।
मोहांधकारकुहरे विनिपातितस्य लक्ष्मीनृसिंह मम देहि करावलंबम् ॥ 15 ॥
प्रह्लादनारदपराशरपुंडरीक-व्यासादिभागवतपुंगवहृन्निवास ।
भक्तानुरक्तपरिपालनपारिजात लक्ष्मीनृसिंह मम देहि करावलंबम् ॥ 16 ॥
लक्ष्मीनृसिंहचरणाब्जमधुव्रतेन स्तोत्रं कृतं शुभकरं भुवि शंकरेण ।
ये तत्पठंति मनुजा हरिभक्तियुक्ता-स्ते यांति तत्पदसरोजमखंडरूपम् ॥ 17 ॥
॥ इति श्री लक्ष्मी नृसिंह स्तोत्र सम्पूर्णम् ॥