KARMASU

kharmas 2025

kharmas 2025 Mein Kab Hai: सनातन धर्म और ज्योतिष शास्त्र में खरमास (Kharmas) या मलमास की अवधि का विशेष महत्व होता है। यह वह समय होता है जब सभी प्रकार के शुभ और मांगलिक कार्यों पर एक महीने के लिए रोक लग जाती है। दिसंबर का महीना न केवल वर्ष समाप्ति के लिए जाना जाता है, बल्कि खरमास के आगमन के लिए भी जाना जाता है।

खरमास तब लगता है, जब ग्रहों के राजा सूर्य देव धनु राशि में प्रवेश करते हैं। kharmas 2025 यह समय हमें जीवन की भागदौड़ से विराम देकर आत्मिक शुद्धि, साधना और ईश्वरीय भक्ति की ओर प्रेरित करता है।

आइए जानते हैं कि साल 2025 में खरमास kharmas 2025 कब से शुरू हो रहा है, इसका ज्योतिषीय कारण क्या है, और इस दौरान हमें कौन से कार्य नहीं करने चाहिए।

खरमास 2025: प्रारंभ तिथि और समापन मुहूर्त:Kharmas 2025: Start date and completion time

साल 2025 में खरमास की शुरुआत 16 दिसंबर से होगी और यह अवधि पूरे एक महीने तक चलेगी।

विवरणतिथि और समय
खरमास प्रारंभ (सूर्य का धनु राशि में प्रवेश)16 दिसंबर को सुबह 4 बजकर 27 मिनट पर
खरमास समापन (सूर्य का मकर राशि में प्रवेश)14 जनवरी 2026 को दोपहर 3 बजकर 13 मिनट पर (मकर संक्रांति)
खरमास 2025 कब लगेगा16 दिसंबर 2025 से

जैसे ही सूर्य देव 14 जनवरी 2026 को मकर राशि में अपना स्थान लेंगे, खरमास समाप्त हो जाएगा और पुनः सभी शुभ कार्यों की शुरुआत हो सकेगी।

kharmas 2025 Date:16 दिसंबर से शुरू हो रहा है खरमास, जानें कब तक रहेगी रोक और कौन से काम हैं वर्जित kharmas 2025

kharmas 2025 Date:16 दिसंबर से शुरू हो रहा है खरमास, जानें कब तक रहेगी रोक और कौन से काम हैं वर्जित

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खरमास क्यों लगता है? (The Reason Behind Kharmas)

खरमास का समय ज्योतिषीय गणनाओं पर आधारित है और यह वर्ष में दो बार आता है—जब सूर्य धनु राशि (Dhanu Rashi) या मीन राशि (Meen Rashi) में स्थित होता है।

सूर्य का तेज कम होना: धनु राशि के स्वामी देवताओं के गुरु बृहस्पति (Guru Brihaspati) हैं। जब सूर्य देव गुरु के घर (धनु राशि) में प्रवेश करते हैं, तो उनका तेज या शक्ति (energy) कम हो जाती है।

शुभ कार्यों पर रोक: चूंकि सूर्य का तेज कम हो जाता है, इसलिए शुभ ग्रह स्थितियों का प्रभाव भी कमजोर माना जाता है। इस कारण, ज्योतिष में माना जाता है कि इस समय में मांगलिक कार्यों को करने से व्यक्ति को वांछित फल नहीं मिलता।

इसलिए, इस अवधि के दौरान शुभ-मांगलिक कार्यों पर रोक लगा दी जाती है।

खरमास में कौन से काम न करें (Manglik Karya Nishedh)

खरमास kharmas 2025 के दिनों में कई मांगलिक और सामाजिक समारोहों को करने की सख्त मनाही होती है।

1. विवाह और रिश्ते: शादी-विवाह जैसे कार्यक्रम इस दौरान नहीं करने चाहिए। इसके अलावा, आप सगाई, रिश्ता पक्का करने (रिश्ता पक्का जैसे काम), और मुंडन जैसे कार्य भी न करें।

2. नए निर्माण/खरीददारी: खरमास में घर, जमीन या किसी भी तरह का वाहन खरीदना अशुभ माना जाता है।

3. नया कार्य शुरू करना: आप इस दौरान घर में किसी भी चीज का नया निर्माण कार्य प्रारंभ न करें। नए व्यापार, दुकान सहित अन्य कार्यों की भी शुरुआत नहीं करनी चाहिए।

4. निवेश और आभूषण: खरमास होने पर सोने-चांदी के गहने भी न खरीदें।

5. संस्कार: गृह प्रवेश, नामकरण जैसे संस्कार और जनेऊ धारण करना भी इस अवधि में उचित नहीं होता है।

खरमास में क्या करें (Shubh Karya aur Sadhna)

खरमास kharmas 2025 का महीना आत्मिक शुद्धि और आध्यात्मिक साधना के लिए अत्यंत पवित्र समय माना जाता है। भले ही मांगलिक कार्य वर्जित हों, लेकिन धार्मिक कार्य करना अत्यंत शुभ होता है।

1. ईश्वरीय उपासना: खरमास में भगवान सूर्य और भगवान विष्णु की पूजा विशेष रूप से शुभ मानी जाती है।

2. पूजा का फल: सूर्य देव की उपासना करने से व्यक्ति के जीवन में ऊर्जा, स्वास्थ्य और सकारात्मकता आती है। वहीं भगवान विष्णु की भक्ति से जीवन में स्थिरता, समृद्धि और कल्याण की प्राप्ति होती है।

3. धार्मिक क्रियाएं: इस समय व्रत, मंत्र-जप, हवन, पदयात्रा, तीर्थ-स्नान और पूजा-पाठ में अधिक समय लगाना चाहिए। धार्मिक ग्रंथों का पाठ करना भी शुभ होता है।

4. दान-पुण्य: इस अवधि में दान-पुण्य करना अत्यधिक फलदायी माना गया है। kharmas 2025 खरमास में किया गया दान सामान्य दिनों की अपेक्षा कई गुना अधिक फल देता है।

  दान की वस्तुएं: अन्न, वस्त्र, पानी, तिल, गुड़, कंबल या जरूरतमंदों को सहायता देना शुभ फल देता है।

सूर्य देव के 12 शक्तिशाली मंत्र:12 powerful mantras of Sun God

सूर्य देव की उपासना के लिए kharmas 2025 खरमास के दिनों में इन 12 मंत्रों का जाप करना अत्यंत लाभप्रद माना गया है:

1. ॐ आदित्याय नमः।

2. ॐ सूर्याय नमः।

3. ॐ रवेय नमः।

4. ॐ पूषणे नमः।

5. ॐ दिनेशाय नमः।

6. ॐ सावित्रे नमः।

7. ॐ प्रभाकराय नमः।

8. ॐ मित्राय नमः।

9. ॐ उषाकराय नमः।

10. ॐ भानवे नमः।

11. ॐ दिनमणाय नमः।

12. ॐ मार्तंडाय नमः।

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