
Kalash Sthapna, जिसे घटस्थापना भी कहा जाता है, नवरात्रि के नौ दिवसीय पर्व की शुरुआत का प्रतीक है। यह हिंदू धर्म में एक अत्यंत महत्वपूर्ण अनुष्ठान है, जिसमें देवी दुर्गा की ऊर्जा का आह्वान किया जाता है और उनकी दिव्य कृपा प्राप्त की जाती है। यह पवित्र अनुष्ठान वैदिक परंपराओं और नियमों के अनुसार किया जाता है। यदि आप 2025 में कलश स्थापना की योजना बना रहे हैं, तो यहां इसका शुभ मुहूर्त, प्रक्रिया और महत्व की पूरी जानकारी दी गई है।
कलश स्थापना का महत्व:Importance of establishing Kalash
Kalash Sthapna एक पवित्र अनुष्ठान है जो घर या मंदिर में दिव्य ऊर्जा की स्थापना का प्रतीक है। यह कलश (पवित्र घड़ा) समृद्धि, पवित्रता और देवी की उपस्थिति का प्रतीक है।
यह देवी दुर्गा की उपस्थिति को दर्शाता है और उनकी दिव्य शक्ति को आमंत्रित करता है।
कलश सकारात्मक ऊर्जा को संचित करता है और वातावरण से नकारात्मकता को दूर करता है।
यह नवरात्रि के दौरान भक्ति और पूजा का केंद्र बनता है।
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Method of Kalash Establishment (Step-by-Step Process):कलश स्थापना की विधि (स्टेप-बाय-स्टेप प्रक्रिया)
Kalash Sthapna करते समय मन, हृदय और वातावरण की शुद्धता आवश्यक होती है। इस प्रक्रिया को ध्यानपूर्वक करें:
1. तैयारी और शुद्धिकरण
- प्रातः स्नान करें और स्वच्छ, पारंपरिक वस्त्र धारण करें।
- पूजा स्थान को साफ करें और गंगाजल छिड़ककर उसे पवित्र करें।
- Kalash Sthapna के लिए आवश्यक सभी सामग्री पहले से तैयार रखें।
2. कलश का चयन और स्थापना
- एक तांबे, पीतल या मिट्टी का कलश लें और उसमें स्वच्छ जल भरें।
- जल में गुलाब जल, गंगाजल या तुलसी के पत्ते डालें।
- कलश के मुख पर आम के पत्ते व्यवस्थित करें।
- कलश के ऊपर नारियल रखें, जिसे लाल कपड़े में लपेटा गया हो, और इसे मोली (पवित्र धागा) से बांधें।
- कलश को जौ या चावल के ढेर पर रखें, जो समृद्धि का प्रतीक है।
3. देवी का आह्वान (संकल्प और मंत्र)
- एक दीपक (घी का दीप) जलाएं और अगरबत्ती लगाएं।
- कलश को कुमकुम, फूल और अक्षत (हल्दी में मिले चावल) अर्पित करें।
- देवी दुर्गा के मंत्रों का उच्चारण करें, जैसे: “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे”
- दुर्गा सप्तशती या नवरात्रि कथा का पाठ करें।
4. आरती और प्रार्थना अर्पण करें
- कपूर जलाकर आरती करें और घंटी बजाएं।
- नैवेद्य (भोग) अर्पित करें, जैसे फल, मिठाई और नारियल।
- देवी दुर्गा से परिवार की सुख-शांति और समृद्धि का आशीर्वाद मांगें।
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5. नवरात्रि के नौ दिनों तक पूजन
- र दिन सुबह और शाम दीप जलाकर देवी की पूजा करें।
- जौ के बीजों में रोज जल डालें, जिससे वे अंकुरित हों (यह समृद्धि का प्रतीक है)।
- नवमी (नौवें दिन) कन्या पूजन करें, जिसमें कन्याओं को देवी स्वरूप मानकर पूजते हैं।
What not to do during Kalash installation: कलश स्थापना के दौरान क्या न करें?
- कलश को अशुद्ध या अस्थिर स्थान पर न रखें।
- राहु काल या अशुभ समय में Kalash Sthapna न करें।
- कलश को अकेला न छोड़ें; प्रतिदिन पूजा अवश्य करें।
- एक बार स्थापित करने के बाद कलश को न हिलाएं।
निष्कर्ष
Kalash Sthapna एक अत्यंत पवित्र और शुभ अनुष्ठान है, जो नवरात्रि की शुरुआत को दिव्यता और सकारात्मकता से भर देता है। सही विधि और शुभ मुहूर्त में इस अनुष्ठान को करने से देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है, जिससे जीवन में समृद्धि, सुख और सुरक्षा मिलती है। कलश स्थापना 2025 के लिए पूरी तैयारी रखें और पूरी श्रद्धा से नवरात्रि मनाएं।