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KARMASU

Holi Kab Hai 2025:होली को लेकर लोगों में संशय की स्थिति बनी हुई है। Holi Kab Hai 2025 हिंदू पंचांग के अनुसार होली का त्योहार पूर्णिमा के अगले दिन यानि चैत्र कृष्ण प्रतिपदा तिथि को मनाते हैं, जबकि होलिका दहन फाल्गुन पूर्णिमा को भद्रा रहित मुहूर्त में रात के समय करते हैं।

होली का त्‍योहार जैसे-जैसे करीब आ रहा है, वैसे वैसे इस बात की चर्चा और गरम होती जा रही है कि होली कब मनाई जाएगी। होली की सही डेट को लेकर लोगों के मन में भारी असमंजस बना है। होली 14 मार्च को होगी या फिर 15 मार्च को, इस बात को लेकर लोगों के बीच में आपस में भारी कन्फ्यूजन की स्थिति पैदा हो गई है। आइए हम आपको बताते हैं होली जलाने और होली खेलने की सही डेट।

Holi 2025 Kab Hai :होली कब मनाई जाएगी, इस बात को लेकर हर साल की तरह इस साल भी भारी कन्फ्यूजन की स्थिति बनी हुई है। होली 14 मार्च को मनाई जाएगी या फिर 15 मार्च को, इस वक्‍त यह काफी चर्चा का विषय बना हुआ है। कुछ स्‍थानों पर होली 14 मार्च को मनाने की बात कर रहे हैं तो कुछ स्‍थानों पर होली 15 मार्च को मनाई जाएगी। आइए आपको बताते हैं कि होली को लेकर कन्फ्यूजन क्‍यों बना, साथ ही जानते हैं होलिका दहन और रंग खेलने की सही डेट क्‍या है।

होलिका दहन पर करें ये काम Holi Kab Hai 2025  होलिका दहन के दिन होलिका की पूजा में अक्षत, गंगाजल, रोली-चंदन, मौली, हल्दी, दीपक, मिष्ठान आदि से पूजा के बाद उसमें आटा, गुड़, कपूर, तिल, धूप, गुगुल, जौ, घी, आम की लकड़ी, गाय के गोबर से बने उपले या गोइठा डाल कर सात बार परिक्रमा करने से परिवार की सुख-शांति, समृद्धि में वृद्धि, नकारात्मकता का ह्रास होता है। रोग-शोक से मुक्ति मिलती है व मनोकामना की पूर्ति होती है। होलिका के जलने के बाद उसमें चना या गेहूं की बाली को सेंक या पकाकर प्रसाद के रूप में ग्रहण करने से स्वास्थ्य अनुकूल होता है।

Holi Kab Hai 2025:होली कब मनाई जाएगी

होली के त्योहार को लेकर इस साल भी कन्फ्यूजन की स्थिति बनी हुई है। कई स्थानों पर होली का त्योहार 14 मार्च और 15 मार्च को लेकर लोग उलझन में हैं। लेकिन आपको बता दें कि इस बार आपको इन उलझनों में फंसने की जरूरत नहीं है। होली का त्योहार यानी रंगोत्सव हर साल चैत्र कृष्ण प्रतिपदा तिथि को मनाया है।

इस साल चैत्र कृष्‍ण प्रतिपदा तिथि का आरंभ 14 मार्च को दिन में 12 बजकर 25 मिनट के बाद हो जा रहा है। इससे पहले तक फाल्गुन पूर्णिमा तिथि रहेगी। ऐसे में 14 मार्च को दिन में प्रतिपदा तिथि लग जाने से रंगोत्सव इसी दिन मनाया जाएगा।

जहां लोग होली रंगोत्सव की तारीख को लेकर कन्फ्यूज हैं वहीं उलझन की वजह यह है कि लोग उदया तिथि को मान रहे हैं। यानी 14 मार्च को सुबह 12 बजकर 25 मिनट तक पूर्णिमा तिथि रहेगी। इसलिए लोग अगले दिन यानी 15 तारीख को उदया तिथि में चैत्र कृष्ण प्रतिपदा होने से रंगोत्सव मनाने की बात कर रहे हैं।

लेकिन आपको बता दें कि होली और रंगोत्सव का नियम है कि जिस दिन प्रदोष काल में फाल्गुन पूर्णिमा तिथि होती है उसी रात में होलिका दहन किया जाता है और उसके अगले दिन रंगोत्सव मनाया जाता है। Holi Kab Hai 2025 इस नियम के अनुसार होलिका दहन इस वर्ष 13 मार्च को किया जाएगा और 14 मार्च को रंगोत्सव धुलैंडी का त्योहार मनाया जाएगा।

प्रतिपदा में 15 मार्च को खेली जाएगी होली

उदयातिथि के आधार पर होलिका दहन पूर्णिमा तिथि में और होली फाल्गुन कृष्ण प्रतिपदा में मनाने का विधान है। जहां पर उदयातिथि के अनुसार पर्व मनाया जाता है वहां पर प्रतिपदा तिथि के अनुसार 15 मार्च को होली मनाई जाएगी। मिथिला क्षेत्र में भी होली 15 मार्च को मनाई जाएगी। 14 मार्च को इस बार आतर रहेगा। 14 मार्च शुक्रवार को उदयातिथि को लेकर दोपहर तक पूर्णिमा ही है, इस कारण रंगोत्सव होली नहीं मनायी जाएगी। इसलिए इस बार होली 15 मार्च को मनायी जाएगी।

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