आज भारत भर में Guru Purnima गुरु पूर्णिमा का पावन पर्व बड़ी श्रद्धा व धूमधाम से मनाया जा रहा है। आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को ही गुरु पूर्णिमा कहते हैं तथा इस दिन गुरु पूजा का विधान है। चारों वेदों के प्रथम व्याख्याता महर्षि वेद व्यास जी का पूजन आज के दिन किया जाता है। आइए जानते हैं आज क्या काम किए जा सकते है और क्या नहीं करें-
Guru Purnima गुरु पूर्णिमा के दिन क्या करें
आज के दिन महर्षि वेद व्यास जी के समक्ष घी का दीया जलाएं, साथ ही भगवान श्री कृष्ण की पूजा करें।
पीपल में जल चढ़ा कर घी का दीपक प्रज्वलित करके श्रीहरि विष्णु जी का ध्यान करें।
पितरों के नाम तर्पण करें।
आज श्रीमद्भागवदगीता का पाठ करें।
भगवान सत्यनारायण पूजन करके कथा वाचन करें।
गुरु पूर्णिमा का दिन विद्या या सिद्धि की दृष्टि से बहुत खास है, अत: इस दिन नया सीखने का कार्य प्रारंभ करें।
केसर का तिलक लगाएं।
मंदिर में पीली वस्तुओं का दान करें।
यदि कोई गुरु हो तो गुरु से मंत्र प्राप्त करें।
पीली वस्तुओं का सेवन करें।
घर के बड़े-बुजुर्गों तथा अपने गुरु, शिक्षक के पैर छुएं तथा भेंट अवश्य दें।
गुरु पूजन से बृहस्पति दोष समाप्त हो जाता है, अत: देवगुरु बृहस्पति का पूजन तथा उनके मंत्रों का जाप करें।
गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु र्गुरूदेवो महेश्वरः। गुरुः साक्षात परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः॥ मंत्र का जान करें।
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Guru Purnima क्या न करें
किसी भी प्रकार का मांगलिक कार्य न करें।
क्रोध, ईर्ष्या, किसी का अपमान न करें।
मांस, मटन, मदिरा से दूर रहें।
स्त्री प्रसंग से दूर रहें।
किसी भी प्रकार का तामसिक भोजन न करें।
यात्रा न करें।
सुख सुविधा का त्याग करें।
यदि आपने व्रत रखा हैं तो किसी भी तरह की बहस से दूर रहें।
गुरु पूर्णिमा के दिन क्या करें:
गुरु पूजन:
- गुरु पूर्णिमा का मुख्य कार्य गुरु पूजन है। इस दिन गुरुओं की पूजा की जाती है और उन्हें फल, फूल, मिठाई और अन्य भेंट-पूजा अर्पित किए जाते हैं।
- आप अपने गुरु के घर जाकर उनका चरण स्पर्श कर सकते हैं या फिर उन्हें फोन करके या ऑनलाइन माध्यम से उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।
- यदि आपके गुरु नहीं हैं, तो आप किसी संत, महात्मा या विद्वान व्यक्ति की पूजा कर सकते हैं।
Guru Purnima धार्मिक कार्यक्रम:
- गुरु पूर्णिमा के अवसर पर मंदिरों में विशेष धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। आप इन कार्यक्रमों में भाग लेकर भगवान विष्णु और महर्षि वेद व्यास की पूजा कर सकते हैं।
- आप घर पर भी पूजा-पाठ कर सकते हैं और गुरु मंत्रों का जाप कर सकते हैं।
दान-पुण्य:
- गुरु पूर्णिमा को दान-पुण्य करने का भी विशेष महत्व है। आप इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों की मदद कर सकते हैं।
- आप अनाज, वस्त्र, दवाइयां आदि का दान कर सकते हैं या फिर किसी गौशाला या वृद्धाश्रम में दान कर सकते हैं।
अन्य कार्य:
- आप गुरु पूर्णिमा के दिन ज्ञानवर्धक पुस्तकों का अध्ययन कर सकते हैं।
- आप अपने गुरुओं के जीवन और शिक्षाओं के बारे में जान सकते हैं।
- आप गुरु-शिष्य परंपरा के महत्व को समझने का प्रयास कर सकते हैं।
गुरु पूर्णिमा के दिन क्या न करें
गुरु पूर्णिमा के दिन किसी से झगड़ा नहीं करना चाहिए।
किसी भी प्रकार की नकारात्मक भावनाओं को मन में नहीं आने देना चाहिए।
झूठ बोलना, चोरी करना, और किसी को हानि पहुंचाना जैसे पापपूर्ण कार्य नहीं करने चाहिए।
गुरुओं का अपमान नहीं करना चाहिए।
(Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. KARMASU.IN इसकी पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर ले लें.)