Guru Gobind Singh Jayanti:सिखों के दसवें एवं अंतिम गुरु Guru Gobind Singh Jayanti श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के जन्म दिवस पर मनाई जाती है यह गुरु गोबिंद सिंह जयंती। सिख संप्रदाय में गुरुओं की जयंती को प्रकाश पर्व के नाम से जाता है। प्रकाश पर्व को सिख संप्रदाय में सबसे ऊँचा उत्सव माना जाता है। अतः इस उत्सव को गुरु गोबिंद सिंह प्रकाश पर्व कहा जाता है।
Guru Gobind Singh Jayanti:गुरू गोबिंद सिंह जी सिखों के दसवें गुरू थे. उनका जन्म पौष मास की शुक्ल पक्ष की सप्तमी के दिन 1666 में बिहार के पटना शहर में हुआ था. साल 2024 में 17 जनवरी, बुधवार के दिन गुरू गोबिंद सिंह जयंती पड़ेगी.
Guru Gobind Singh Jayanti:इनके पिता श्री गुरू तेग बहादुर सिंह जी सिखों के 9वें गुरू थे. इनके शुरुवाती चार साल पटना में ही बीते. इसके बाद उनका परिवार आनंदपुर साहिब आ गया.
गुरू गोबिंद सिंह जी ने योद्धा बनने के लिए कला सीखी और साथ ही संस्कृत और फारसी भाषा का भी ज्ञान लिया. इनके पिता ने धर्म परिवर्तन के खिलाफ खुद का बलिदान दे दिया.
लोगों को धर्म परिवर्तन से बचाने के लिए दिल्ली के चांदनी चौक पर इनके पिता गुरू तेग बहादुर जी का गला औरंगजेब ने सिर धड़ से अलग कर दिया. इसके बाद उनके बेटे गुरू गोबिंद सिंह जी को 10वां गुरू घोषित किया गया. उ समय उनकी उम्र 10 साल थी.
गुरु गोबिंद सिंह के विचार Guru Gobind Singh Jayanti
1- अगर आप केवल भविष्य के बारे में सोचते रहेंगे, तो वर्तमान भी खो देंगे।
2.- जब आप अपने अन्दर से अहंकार मिटा देंगे, तभी आपको वास्तविक शांति प्राप्त होगी।
3 – मैं उन लोगों को पसंद करता हूँ जो सच्चाई के मार्ग पर चलते हैं।
4- ईश्वर ने हमें जन्म दिया है ताकि हम संसार में अच्छे काम करें और बुराई को दूर करें।
5- इंसान से प्रेम ही ईश्वर की सच्ची भक्ति है।
6 -अच्छे कर्मों से ही आप ईश्वर को पा सकते हैं। अच्छे कर्म करने वालों की ही ईश्वर मदद करता है।
7- असहायों पर अपनी तलवार चलाने वाले का खून ईश्वर बहाता है।
8- बगैर गुरु के किसी को भगवान का नाम नहीं मिलता।
9 – जितन संभव हो सके, जरूरतमंद लोगों की मदद करनी चाहिए।
10- अपनी कमाई का दसवां हिस्सा दान करें।
11- छोटे से छोटे काम में भी लापरवाही न बरतें। सभी कार्यों को लगन और मेहनत के साथ करें।
12- मनुष्य अनंत जीवन का एक भाग है इस जीवन का कोई अंत नहीं है। इसे अपने कर्मों से सुंदर बनाएं।
13- सत्कर्म कर्म के द्वारा सच्चा गुरु प्राप्त होता है और गुरु के मार्गदर्शन से भगवान मिलते हैं।
14- किसी भी व्यक्ति की चुगली और निंदा करने से बचें और किसी से ईर्ष्या करने के बजाय अपने कर्म पर ध्यान दें।
15- एक सुंदर जीवन के लिए आहार और व्यायाम ही काफी नहीं है, बल्कि गरीब और बेसहारा लोगों की सेवा भी जरूरी है।