
Gayatri Jayanti 2025 Kab Hai: ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी तिथि को माता गायत्री प्रकट हुई थी. ऐसे में इस तिथि पर गायत्री जयंती का पर्व मनाने का विधान है. इस दिन क्या योग बन रहे हैं, भद्रा का साया होगा या नहीं, शुभ मुहूर्ते क्या रहने वाला है, आइए जानें.
Gayatri Jayanti 2025: भारतीय संस्कृति की जननी कही जाने वाली मां गायत्री का जन्मोत्सव ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है. इसे गायत्री जयंती भी कहते हैं. हिंदू धर्म में मां गायत्री को वेदमाता(Vedmata) कहा जाता है क्योंकि सभी वेदों (Veda) की उत्पत्ति इन्हीं से हुई है. आइए जानते हैं गायत्री जयंती 2025 में कब है ? नोट करें डेट, पूजा मुहूर्त और महत्व.
गायत्री जयंती 2025 डेट (Gayatri Jayanti 2025 Date)
Top rated products
-
Gayatri Mantra Jaap for Wisdom and Knowledge
View Details₹5,100.00 -
Kaal Sarp Dosh Puja Online – राहु-केतु के दोष से पाएं मुक्ति
View Details₹5,100.00 -
Saraswati Mantra Chanting for Intelligence & Academic Success
View Details₹11,000.00 -
Surya Gayatri Mantra Jaap Online
View Details₹1,000.00 -
Kuber Mantra Chanting – Invoke the Guardian of Wealth
View Details₹11,000.00
वैदिक पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 06 जून की देर रात 02 बजकर 15 मिनट पर शुरू हो रही है और तिथि का समापन 07 जून को सुबह 04 बजकर 47 मिनट पर हो रहा है. इस तरह उदयातिथि में गायत्री जयंती 06 जून को मनाई जाएगी.
Mata Gayatri Aarti:माता गायत्री आरती
गायत्री जयंती 2024 मुहूर्त (Gayatri Jayanti 2024 Muhurat)
गायत्री जयंती पर ब्रह्म मुहूर्त सुबह के 04 बजकर 02 बजे से लेकर 04 बजकर 42 बजे तक होगा.
गायत्री जयंती पर शुभ समय यानी अभिजीत मुहूर्त की शुरुआत सुबह के 11 बजकर 52 मिनट पर होगी.
गायत्री जयंती पर अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 48 मिनट तक बना रहेगा.
Gayatri Chalisa:गायत्री चालीसा
क्यों मनाई जाती है गायत्री जयंती ? (Why we celebrate Gayatri Jayanti)
गायत्री संहिता में लिखा है ‘भासते सततं लोके गायत्री त्रिगुणात्मिका॥’यानी गायत्री माता सरस्वती, लक्ष्मी एवं काली का प्रतिनिधित्व करती हैं. मां गायत्री से आयु, प्राण, प्रजा, पशु, कीर्ति, धन एवं ब्रह्मवर्चस के सात प्रतिफल अथर्ववेद में बताए गए हैं. इनकी पूजा करने पर व्यक्ति को सभी प्रकार के सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है. लंबी आयु का वरदान मिलता है.
गायत्री जयंती महत्व (Gayatri Jayanti Significance)
शास्त्रों के अनुसार इस पृथ्वी पर प्रत्येक जीव के भीतर मां गायत्री प्राण-शक्ति के रूप में विद्यमान है, यही कारण है माता गायत्री को सभी शक्तियों का आधार माना गया है. Gayatri Jayanti मान्यता है कि गायत्री जयंती के दिन ज्ञान की देवी गायत्री से की पूजा करने से वेदों का अध्यन करने के समान पुण्य मिलता है, परिवार में एकता बढ़ती है सुख का वास होता है, ज्ञान में वृद्धि होती है.
गायत्री मंत्र (Gayatri Mantra)
ॐ भूर् भुवः स्वः। तत् सवितुर्वरेण्यं।
भर्गो देवस्य धीमहि। धियो यो नः प्रचोदयात् ॥
गायत्री जयंती 2025 पर शुभ संयोग:Auspicious coincidence on Gayatri Jayanti 2025
ध्यान दें ज्येष्ठ महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर Gayatri Jayanti गायत्री जयंती और निर्जला एकादशी व्रत का अद्भुत और सुंदर संयोग हो रहा है. इस दिन जो भी साधक मां गायत्री की पूजा के साथ साथ अगर निर्जला एकादशी के व्रत का संकल्प करता है तो उसे सभी 24 एकादशी का पुण्य प्राप्त होता है.
गायत्री जयंती 2025 पर भद्रा:Bhadra on Gayatri Jayanti 2025
गायत्री जयंती 2025 पर भद्रा का साया होगा. यह भद्रा पाताल लोक की है जिसका शुरुआत दोपहर के 03 बजकर 31 मिनट पर हो जाएगी और 7 जून को सुबह के 04 बजकर 47 मिनट तक यह बनी रहेगी. भद्रा का वास पाताल है. भद्रा का साया जब तक होगा किसी भी तरह के शुभ कार्य को नहीं किया जाएगा.
Mahakal Sawari Ujjain 2025 Date: उज्जैन में महाकाल की शाही सवारियों की तैयारी शुरू, कब-कब निकलेगी राजसी सवारी..
Mahakal Sawari Ujjain 2025 Date: उज्जैन में बाबा महाकाल के शाही सवारी की तैयारियां शुरू हो गईं हैं. इस बार…
First Monday in sawan: सावन का पहला सोमवार, कुछ खास लेकर आया
First Monday in sawan: यदि आप भी भगवान शिव की कृपा पाना चाहते हैं तो सावन सोमवार का व्रत जरूर…
Kokila Vrat 2025 date : कोकिला व्रत 2025, जाने कोकिला व्रत की कथा और इसकी पूजा विधि
Kokila Vrat 2025 date: व्रत और त्यौहार की श्रेणी में प्रत्येक दिन और समय किसी न किसी तिथि नक्षत्र योग…
वेदमाता गायत्री:Vedamata Gayatri
माता गायत्री वेदमाता हैं, मान्यता है कि चारों वेद ऋग्वेद, यजुर्वेद, अथर्ववेद व सामवेद की उत्पत्ति गायत्री माता से ही हुई है. ब्रह्मा, विष्णु और महेश यानी त्रिदेव भी माता गायत्री की आराधना कर उनकी कृपा पाते हैं. पौराणिक मान्यता है कि पंचमुखी माता गायत्री की कुल 10 भुजाएं हैं. गायत्री मंत्र का जाप करने से मन शांत होता है और जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती है. गायत्री मंत्र के जाप से साधक सकारात्मकता, बुद्धि के साथ ही ज्ञान की प्राप्ति कर पाता है.
ये है गायत्री मंत्र- ॐ भूर्भुवः स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्.