Ganesh Stuti गणेश स्तुति: किसी भी कार्य की शुरुआत से पहले गणेश श्लोक का जाप करने से सभी बाधाएं दूर होती हैं और आपका जीवन स्वस्थ, समृद्ध और समृद्ध बनता है। उन्हें गणपति के नाम से भी जाना जाता है। गण का अर्थ है समूह। ब्रह्मांड परमाणुओं और विभिन्न ऊर्जाओं का एक समूह है। यदि इन विविध समूहों को नियंत्रित करने वाला कोई सर्वोच्च कानून नहीं होता तो यह ब्रह्मांड अराजकता में होता। इन सभी परमाणुओं और ऊर्जाओं के समूहों के स्वामी गणेश हैं।
वे सर्वोच्च चेतना हैं जो सभी में व्याप्त हैं और इस ब्रह्मांड में व्यवस्था लाते हैं। भगवान गणेश का सिर आत्मा का प्रतीक है, जिसे मानवता की अंतिम वास्तविकता माना जाता है और उनका मानव शरीर माया का प्रतीक है, जो सांसारिक अस्तित्व का जाल है। शिव पुराण के अनुसार, शुभ और लाभ भगवान गणेश के दो पुत्र हैं। शुभ और लाभ क्रमशः शुभता और लाभ के अवतार हैं।
शुभ देवी ऋद्धि के पुत्र थे और लाभ देवी सिद्धि के पुत्र थे। श्री गणेश की स्तुति की महिमा “नारदपुराण” में पाई जाती है। गणेश स्तुति का नियमित पाठ करने वाले साधकों को विद्या, धन प्राप्ति, पुत्र प्राप्ति और मोक्ष की प्राप्ति होती है। जब जीवन में चारों ओर विपत्ति न हो, संकट न आए, गौरीपुत्र गजानन की पूजा से तुरंत प्रभाव मिलता है। भगवान गणेश की सात्विक साधनाएं बहुत सरल और प्रभावी हैं। इसमें अधिक विधान की आवश्यकता नहीं होती। मन में भावना रखने मात्र से ही गणेश अपने भक्त को हर संकट से उबार लेते हैं और सुख-समृद्धि का मार्ग दिखाते हैं।
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Ganesh Stuti:गणेश स्तुति के लाभ:
भगवान गणेश ज्ञान, सफलता और सिद्धि के देवता हैं। गणपति को आमंत्रित करने के लिए कई मंत्रों का जाप किया जा सकता है। इन मंत्रों को सिद्धि मंत्र भी कहा जाता है। ये गणेश मंत्र ऊर्जा और भगवान गणेश की शक्ति से भरपूर हैं। सच्ची श्रद्धा से गणेश मंत्र का जाप करने से सकारात्मक परिणाम मिलते हैं।
यदि किसी व्यक्ति पर भारी कर्ज है, तो उस पर आर्थिक संकट आएंगे – दिन दुखद है। फिर गणेश जी की पूजा करने के बाद नियमित रूप से गणेश कुबेर मंत्र का जाप करने से व्यक्ति का कर्ज उतरना शुरू हो जाता है और धन के नए स्रोत प्राप्त होते हैं जिससे व्यक्ति का भाग्य चमकने लगता है।
किसको करना चाहिए गणेश स्तुति का पाठ:
जो लोग भारी कर्ज में डूबे हुए हैं और दिन-ब-दिन कर्जदार होते जा रहे हैं, उन्हें नियमित रूप से इस गणेश स्तुति का पाठ करना चाहिए।
Ganesh Stuti:गणेश स्तुति: गणपति बप्पा मोरया!
गणेश स्तुति Ganesh Stuti हिंदू धर्म में भगवान गणेश की स्तुति करने के लिए गाए जाने वाले मंत्र और भजन होते हैं। गणेश जी को विघ्नहर्ता के रूप में पूजा जाता है और माना जाता है कि वे किसी भी नए काम की शुरुआत से पहले पूजित होने पर सफलता प्रदान करते हैं।
Ganesh Stuti गणेश स्तुति के कुछ लोकप्रिय मंत्र और भजन:
- ॐ गं गणपतये नमो नमः: यह सबसे सरल और प्रभावशाली गणेश मंत्र है।
- वक्रतुंड महाकाय, सूर्यकोटि समप्रभ: यह मंत्र गणेश जी के स्वरूप का वर्णन करता है।
- श्री गणेशाय नमः: यह एक और लोकप्रिय मंत्र है जो गणेश जी को समर्पित है।
- गणपति बप्पा मोरया: यह महाराष्ट्र में बहुत लोकप्रिय भजन है और गणेश चतुर्थी के दौरान गाया जाता है।
Ganesh Stuti गणेश स्तुति के लाभ
- विघ्न दूर करने में मदद: गणेश जी को विघ्नहर्ता कहा जाता है। उनकी स्तुति करने से जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं।
- बुद्धि और ज्ञान में वृद्धि: गणेश जी को बुद्धि और ज्ञान के देवता माना जाता है। उनकी स्तुति करने से बुद्धि और ज्ञान में वृद्धि होती है।
- सफलता प्राप्त करने में मदद: गणेश जी किसी भी नए काम की शुरुआत से पहले पूजित होने पर सफलता प्रदान करते हैं।
- मन की शांति: गणेश स्तुति करने से मन शांत होता है और तनाव कम होता है।
कब करें गणेश स्तुति?
आप किसी भी समय गणेश स्तुति कर सकते हैं। लेकिन विशेष रूप से सुबह के समय या पूजा के समय गणेश स्तुति करना अधिक फलदायी होता है।
गणेश स्तुति कैसे करें?
नियमित रूप से: नियमित रूप से गणेश स्तुति करने से अधिक लाभ मिलता है।
मन एकाग्र करके: गणेश जी की मूर्ति या चित्र के सामने बैठकर मन एकाग्र करके स्तुति करें।
भावना के साथ: स्तुति करते समय मन में भक्ति भाव रखें।
Ganesh Stuti(गणेश स्तुति)
गणेश स्तुति/Ganesh Stuti
श्लोक
ॐ गजाननं भूंतागणाधि सेवितम्, कपित्थजम्बू फलचारु भक्षणम्।
उमासुतम् शोक विनाश कारकम्, नमामि विघ्नेश्वर पादपंकजम्॥
स्तुति
गाइये गनपति जगबंदन।
संकर-सुवन भवानी नंदन ॥ 1 ॥
गाइये गनपति जगबंदन।
सिद्धि-सदन, गज बदन, बिनायक।
कृपा-सिंधु, सुंदर सब-लायक ॥ 2 ॥
गाइये गनपति जगबंदन।
मोदक-प्रिय, मुद-मंगल-दाता।
बिद्या-बारिधि, बुद्धि बिधाता ॥ 3 ॥
गाइये गनपति जगबंदन।
मांगत तुलसिदास कर जोरे।
बसहिं रामसिय मानस मोरे ॥ 4 ॥
गाइये गनपति जगबंदन।