Ganesh Chaturthi 2024:श्री गणेश जी की प्रतिमा को ईशान कोण में स्थापित करने से वास्तु के अनुसार घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और भगवान गणेश की कृपा प्राप्त होती है।
Ganesh Chaturthi:बुद्धिऔर रिद्धि-सिद्धि के प्रतीक सृष्टि के प्रथम पूज्य भगवान श्रीगणेश का आह्वान ओम एकदन्ताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दन्ति प्रचोदयात, इस मंत्र से आशीर्वाद की प्राप्ति होती है। प्रथम पूज्य गणपति भगवान को सफेद रंग के फूल, वस्त्र, सफेद जनेऊ, सफेद चंदन आदि नहीं चढ़ाना चाहिए। केतकी का पुष्प जिस तरह भालेनाथ को नहीं चढ़ता, वैसे ही श्रीगणेश को भी नहीं चढ़ता।
(Ganesh Chaturthi 2024)। बुद्धि और रिद्धि-सिद्धि के प्रतीक सृष्टि के प्रथम पूज्य भगवान श्रीगणेश की चतुर्थी आसन्न है। अतएव, श्रीगणेश के विग्रह की स्थापना व पूजन-अर्चन से संबंधित मूलभूत जानकारियां अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। धार्मिक-विधान और वास्तुशास्त्र की दृष्टि से श्रीगणेश का विग्रह ईशान कोण में स्थपित किया जाना चाहिए। जिस चौकी पर बप्पा को विराजमान करना है, पहले उसे गंगाजल छिड़ककर शुद्ध अवश्य कर लेना चाहिए।
Bhagwan Shri Ganesh:भगवान श्रीगणेश के मूलमंत्र के जाप से अविलंब दिव्य कृपा
संस्कारधानी के धार्मिक विषयों के ज्ञाताओं ने बताया कि श्रीगणेश का आह्वान ओम एकदन्ताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दन्ति प्रचोदयात, इस मंत्र से किया जाना चाहिए। भगवान श्रीगणेश के इस मूलमंत्र के जाप से अविलंब दिव्य कृपा और आशीर्वाद की प्राप्ति होती है।
Ganesh Chaturthi 2024:ईशान कोण में क्यों स्थापित करें?
- ईशान कोण: इसे उत्तर-पूर्व का कोण भी कहा जाता है। यह कोण देवताओं का माना जाता है।
- गणेश जी: गणेश जी विघ्नहर्ता हैं और सभी कार्यों में सफलता प्रदान करते हैं। उन्हें ईशान कोण में स्थापित करने से घर में सुख-समृद्धि आती है।
- वास्तु दोष का निवारण: यदि घर में कोई वास्तु दोष है तो गणेश जी की प्रतिमा को ईशान कोण में स्थापित करने से वह दोष दूर होता है।
Ganesh Chaturthi 2024:स्थापना से पहले क्या करें?
- स्थान की शुद्धि: स्थापना से पहले ईशान कोण को अच्छी तरह साफ-सफाई करके शुद्ध कर लें।
- गणेश जी की मूर्ति: गणेश जी की मूर्ति को शुद्ध जल से स्नान कराएं और उन्हें नए वस्त्र पहनाएं।
- पुष्प और फल: गणेश जी को फूल, फल और मोदक अर्पित करें।
- दीपक: गणेश जी के सामने घी का दीपक जलाएं।
- मंत्र का जाप: गणेश जी के मंत्र का जाप करें।
स्थापना के समय ध्यान रखने योग्य बातें
- दिशा: गणेश जी की मूर्ति का मुख हमेशा पूर्व या उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए।
- ऊंचाई: गणेश जी की मूर्ति को इतनी ऊंचाई पर स्थापित करें कि आप आसानी से उनका दर्शन कर सकें।
- आसन: गणेश जी को कमल के आसन पर बिठाएं।
- पानी: गणेश जी के सामने एक कटोरी में जल रखें।
Ganesh Chaturthi 2024:गणेश जी की पूजा
- नित्य पूजा: प्रतिदिन गणेश जी की पूजा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता रहता है।
- विघ्नहर्ता स्तोत्र: गणेश जी के विघ्नहर्ता स्तोत्र का पाठ करें।
- आरती: गणेश जी की आरती करें।
Shri Ganesh Bhagwan:श्री गणेश की दाहिनी ओर माता गौरी का आह्वान करना चाहिए
Ganesh Chaturthi 2024:ओम भूर्भुवः स्वः सिद्धिबुद्धिसहिताय गणपतये नमः, गणपतिमावाहयामि, स्थापयामि, पूजयामि च, इस मंत्र से आह्वान करते हुए हाथ के अक्षत को श्रीगणेश के विग्रह पर चढ़ा देना चाहिए। पुनः अक्षत लेकर श्री गणेश की दाहिनी ओर माता गौरी का आह्वान करना चाहिए।
Ganesh Chaturthi 2024:तीन बार आचमन करते हुए माथे पर तिलक लगाएं
Ganesh Chaturthi 2024:श्री गणेश भगवान की प्रतिमा की पूर्व दिशा में कलश-स्थापना करें। गणपति की प्रतिमा के दाएं-बाएं रिद्धि-सिद्धि को भी स्थापित करें और साथ में एक-एक सुपारी रखें। अपने ऊपर जल छिड़कते हुए ओम पुण्डरीकाक्षाय नमः मंत्र का जाप करें। भगवान गणेश को प्रणाम करें और तीन बार आचमन करते हुए माथे पर तिलक लगाएं।
Ganesh Chaturthi Pujan Muhurat: गणेश चतुर्थी के दिन पूजन के लिए ये है शुभ मुहूर्त, जानें गणेश विसर्जन की Date
दूर्वा अर्पण के साथ लड्डू और मोदक का भोग अवश्य लगाएं
Ganesh Chaturthi 2024:श्रीगणेश की पूजा में लाल रंग के पुष्प, फल, और लाल चंदन का प्रयोग अवश्य करें। श्री गणेश भगवान की पूजा में दूर्वा, फूल, फल, दीपक, अगरबत्ती, चंदन और सिंदूर का भी प्रयोग करें। इसके साथ ही श्रीगणेश को अतिशय प्रिया लड्डू और मोदक का भोग लगाना कभी न भूलें। ककड़ा और केला के अलावा पंजीरी का भोग भी श्रीगणेश को पसंद है। इसका प्रसाद भक्तों में वितरित करने से वे प्रसन्न होते हैं।
10 दिवसीय पूजन में ओम गं गणपतये नम: मंत्र जपें
श्रीगणेश चतुर्थी से अनंत चतुदर्शी तक 10 दिवसीय गणपति-पूजन में भगवान गणेश के मंत्र ओम गं गणपतये नमः का जाप करने से सुख, शांति, स्वास्थ्य व समृद्धि की प्राप्ति होती है। इसी तरह वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ, निर्विध्नं कुरूमे देव सर्वकार्येषु सर्वदा और गजाननंत भूतगणदि सेविंतं कपित्थजम्बूफलचारूभक्षणम, उमासुतं शोक विनाशकारकम, नमामि विध्नेश्वर पाक पंकजम, मंत्र को नित उच्चारण करने से श्रीगणेश का आशीर्वाद प्राप्त होता है। जय गणेश-जय गणेश देवा, माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा, इस आरती का सस्वर पाठ करने से घर में खुशहाली आती है।
Shri Ganesh:श्रीगणेश को ये वस्तुएं अर्पित न की जाएं
प्रथम पूज्य गणपति भगवान को सफेद रंग के फूल, वस्त्र, सफेद जनेऊ, सफेद चंदन आदि नहीं चढ़ाना चाहिए। Ganesh Chaturthi 2024 श्री गणेश की पूजा में मुरझाए और सूखे फल का प्रयोग न हो। इसी तरह श्रीगणेश को टूटा हुआ खंडित चावल न चढ़ाकर सदैव अक्षत यानि साबुत चावल अर्पित करना चाहिए। भगवान श्रीगणेश को तुलसी भी अर्पित नहीं की जाती। केतकी का पुष्प जिस तरह भालेनाथ को नहीं चढ़ता, वैसे ही श्रीगणेश को भी नहीं चढ़ता।
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि KARMASU.IN किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.