Famous Ram Mandir:भगवान राम राजा दशरथ और अयोध्या की रानी कौशल्या के पुत्र थे। इन्हें भगवान विष्णु का सातवां अवतार माना जाता है। पूरे भारत में भगवान राम को समर्पित कई मंदिर हैं, उनमें से कुछ नीचे सूचीबद्ध हैं। आइए एक नजर डालें।
राम भारत की आत्मा हैं, ऐसे में अपना शासन स्थापित करने व सनातनियों को कमजोर या नीचा दिखाने के लिए मध्यकाल में आक्रांताओं ने प्रभु श्रीराम और हनुमानजी से जुड़े मंदिर और स्मारकों को ढूंढ-ढूंढकर उनका अस्तित्व मिटाया।
Famous Ram Mandir अयोध्या भगवान राम का जन्मस्थान है और उन्हें पुरुषोत्तम के नाम से जाना जाता है, जिसका अर्थ है सर्वश्रेष्ठ पुरुष या सर्वोच्च पुरुष (व्यक्तित्व)। स्वामी विवेकानन्द के अनुसार, श्री राम “सत्य, नैतिकता, आदर्श पुत्र, आदर्श पति और सबसे बढ़कर आदर्श राजा के अवतार हैं।” भगवान राम का जन्म त्रेता युग में हुआ था और उन्हें मानव रूप में पूजे जाने वाले सबसे पुराने देवता के रूप में भी जाने जाते हैं। पूरे भारत में भगवान राम को समर्पित विभिन्न मंदिर हैं, उनमें से कुछ नीचे सूचीबद्ध हैं। आइए एक नजर डालते हैं।
Famous Ram Mandir:भारत में भगवान राम मंदिरों की सूची
1- अयोध्या में राम Ram Mandir, Ayodhya राम के एक ऐतिहासिक महापुरुष होने के पर्याप्त प्रमाण हैं। शोध के अनुसार पता चलता है कि भगवान राम का जन्म आज से करीब 7128 वर्ष पूर्व अर्थात 5114 ईस्वी पूर्व को उत्तरप्रदेश के अयोध्या नगर में हुआ था।
अयोध्या हिन्दुओं के प्राचीन और 7 पवित्र तीर्थस्थलों में से एक है। सरयू नदी के तट पर बसे इस नगर को रामायण के अनुसार मनु ने बसाया था। मध्यकाल में राम जन्मस्थान पर बने भव्य मंदिर को आक्रांता बाबर ने तोड़कर वहां एक मस्जिद स्थापित कर दी जिस पर विवाद रहा।
अयोध्या के दर्शनीय स्थल : अयोध्या घाटों और मंदिरों की प्रसिद्ध नगरी है। सरयू नदी यहां से होकर बहती है। सरयू नदी के किनारे 14 प्रमुख घाट हैं। इनमें गुप्तद्वार घाट, कैकेयी घाट, कौशल्या घाट, पापमोचन घाट, लक्ष्मण घाट आदि विशेष हैं।
2- राजा राम मंदिर, ओरछा, मध्यप्रदेश Ram Raja Temple, Orchha:- श्री राम राजा सरकार का महत्व आपको अयोध्या के बाद ओरछा में दिखाई देता है यहां लोग भगवान राम को अपना राजा मानते है यहां पर राम हर धर्म के राजा हैं। दूर-दूर से लोग इस स्थल पर राम राजा के दर्शन करने आते है इस मन्दिर का इतिहास शुरू होता है मधुकर शाह जी के कार्यकाल स,े जो की यहां के महाराजा थे और कृष्ण भक्त थे और महारानी जो कि ग्वालियर जिले से थी वो एक राम भक्त थी, महारानी का नाम कुंवर गणेश था।
एक दिन मधुकर शाह और कुंवर गणेश बातें कर रहे थे और बातों की बातों में दोनों अपने अपने ईष्ट देव को लेकर झगड़ा करने लगे और महाराजा मधुकर शाह ने महारानी से बोल दिया कि यदि वो एक सच्ची राम भक्त है, Famous Ram Mandir तो जाएं अयोध्या और रामजी को यहां ओरछा ले आएं। अब महारानी जी ने भी यह बात मान ली और बोली की या तो अब मैं अपने ईष्ट प्रभु राम को अयोध्या से ओरछा लाऊंगी या फिर अयोध्या में ही अपने प्राण त्याग दूंगी।
फिर महारानी कुंवर गणेश आ गई अयोध्या और सरयू नदी के किनारे शुरू कर दो अपने प्रभु राम जी की पूजा 7 दिन हो चुके थे ( कही कही 21 दिन बताया जाता है ) महारानी जी को श्रीराम ने दर्शन नहीं दिए अब महारानी जी हताश होकर अपने प्राण त्यागने का निर्णय लेती है और सरयू में छलांग लगा देती है। तभी मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम एक बालक के रूप में वहां आ जाते हैं
( कुछ लोगों का कहना हैं की सरयू में जब महारानी से छलांग लगाईं थी तो जलधारा में ही भगवान राम महारानी की गोद में बैठ गए थे )।
अब महारानी बालक रूप में आये श्रीराम से ओरछा चलने का निवेदन करती हं,ै श्रीराम मान भी जाते हैं लेकिन तीन शर्तो के साथ अब महारानी कुंवर गणेश भगवान राम से उनकी शर्तें पूछती हैं, ये थीं शर्तें…
पहली शर्त : जहां हम जा रहे हैं, वहां के सिर्फ हम ही राजा होंगे कोई दूसरा नहीं।
दूसरी शर्त : अयोध्या से ओरछा तक आपके साथ हम पैदल जाएंगे वो भी पुण्य नक्षत्र में।
तीसरी शर्त : यदि हम कहीं पर भी बैठ गए तो वहां से उठेंगे नहीं।
महारानी कुंवर गणेश ने श्रीराम की तीनो शर्तें मान ली, फिर Famous Ram Mandir श्रीराम एक मूर्ति के रूप में महारानी की गोद में बैठ गए और महारानी पैदल ही ओरछा की तरफ चल दी और 8 महीने 28 दिन में वो ओरछा आ गई थी, यहां यह भी कहा जाता है महारनी के ओरछा पहुचने से पहले महाराजा मधुकर शाह को सपना आया था कि महारानी भगवान राम को लेकर आ रही है। तो मधुकर शाह ने भगवान राम के लिए मन्दिर बनवाना शुरू कर दिया जिसे चतुर्भुज मन्दिर कहते हैं।
लेकिन यह चतुर्भुज मन्दिर पूर्णता पर पहुंच पाता, उससे पहले ही महारानी कुंवर गणेश जी श्रीराम को लेकर ओरछा आ गई और श्रीराम को अपने महल की रसोई घर में थोड़े समय के लिए स्थापित कर दिया। Famous Ram Mandir फिर जब चतुर्भुज मंदिर बन गया तब उस मूर्ति को रसोई घर से उठाकर, इसे चतुर्भुज मंदिर में स्थापित किया जाना था, लेकिन श्रीराम की वह मूर्ति वहां से उठी ही नहीं। Famous Ram Mandir इसी को सभी ने भगवान राम का चमत्कार माना और उसी महल को मंदिर बना दिया इसी महलनुमा मंदिर में आज आपको श्री राम राजा दर्शन देते हैं, इस मंदिर को ही श्री राम राजा मन्दिर कहा जाता है।
3- त्रिप्रायर नदी के किनारे स्थित त्रिप्रायर श्रीराम मंदिर Famous Ram Mandir :- केरल का कोडुन्गल्लुर का प्रमुख धार्मिक स्थान है। यह त्रिप्रायर में स्थित है, जो कोडुन्गल्लुर शहर से लगभग 15 किलोमीटर और त्रिशूर से 25 किलोमीटर दूर स्थित है। भगवान विष्णु के 7वें अवतार भगवान श्रीराम की इस मंदिर में पूजा की जाती है।
इस मंदिर के बारे में कई लोकोक्तियां प्रचलित हैं। माना जाता है कि इस मंदिर में स्थापित मूर्ति यहां के स्थानीय मुखिया को समुद्र तट पर मिली थी। इस मूर्ति में भगवान ब्रह्मा, भगवान विष्णु और भगवान शिव के तत्व हैं
अतः इसकी पूजा त्रिमूर्ति के रूप में की जाती है।मंदिर के परिसर में एक गर्भगृह और एक नमस्कार मंडपम है, Famous Ram Mandir जहां रामायण काल के चित्र हैं और नवग्रहों को दर्शाती हुई लकड़ी की नक्काशी और प्राचीन भित्तिचित्र हैं।
त्रिप्रायर श्रीराम मंदिर में पारंपरिक कलाओं जैसे कोट्टू (नाटक) का नियमित प्रदर्शन किया जाता है। यह मंदिर अरट्टूपुझा पूरम उत्सव के लिए प्रसिद्ध है।
4- रघुनाथ मंदिर Raghunath temple :- भारत के जम्मू और कश्मीर के जम्मू शहर में यह राम मंदिर स्थित है, जो एक आकर्षक वास्तुकला का नमूना है। इस मंदिर को 1835 में महाराजा गुलाब सिंह ने बनवाना शुरू किया था Famous Ram Mandir जो महाराजा रणजीतसिंह के काल में पूर्ण हुआ। इस मंदिर में 7 ऐतिहासिक धार्मिक स्थल मौजूद हैं। मंदिर के भीतर की दीवारों पर तीन तरफ से सोने की परत चढ़ी हुई है। इसके अलावा मंदिर के चारों ओर कई मंदिर स्थित है जिनका सम्बन्ध रामायण काल के देवी-देवताओं से हैं।
5- श्रीसीतारामचंद्र स्वामी मंदिर (भद्राचलम) Shri Seetha Rama Chandra Swamy Temple :- यह मंदिर दक्षिण की अयोध्या’ के नाम से प्रसिद्ध है । भद्राचलन में वैसे तो कई मंदिर हैं लेकिन यहां का श्री सीता रामचंद्र स्वामी मंदिर सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है जिसकी वजह से इस शहर को दक्षिण की अयोध्या के नाम से भी जाना जाता है।
Famous Ram Mandir गोदावरी नदी के किनारे बसे भद्राचलम शहर के श्री सीता रामचंद्र स्वामी मंदिर में आमतौर पर हर दिन करीब 5 हजार श्रद्धालु पहुंचते हैं। ऐसी मान्यता है कि अपने भक्त भद्र को आशीर्वाद देने के लिए खुद भगवान राम स्वर्ग से उतरकर नीचे आए थे। Famous Ram Mandir भगवान राम ने भद्र को आश्वासन दिया था कि वे इसी जगह पर अपने श्रद्धालुओं के बीच मौजूद रहेंगे। तभी से इस जगह का नाम भद्राचलम पड़ गया।
Famous Ram Mandir भद्राचलम से करीब 32 किलोमीटर दूर पर्णशाला नाम की एक जगह है। स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, भगवान राम ने अपने 14 वर्षों के वनवास का एक हिस्सा इसी जगह पर बिताया था और रावण ने इसी जगह से देवी सीता का अपहरण किया था। Famous Ram Mandir यहां आने वाले टूरिस्ट्स को रामायण काल से जुड़ी चीजें दिखाने के मकसद से पर्णशाला में देवी सीता के पैरों के निशान मौजूद हैं, स्वर्ण हिरण बनकर आए मारीछ की तस्वीर और भिक्षाटन के लिए सन्यासी बनकर आए रावण की भी तस्वीरें मौजूद हैं।