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  • Create Date October 3, 2023
  • Last Updated October 3, 2023

Shiv Puran शिव पुराण

शिव पुराण हिंदू धर्म के 18 महापुराणों में से एक है। यह पुराण भगवान शिव के स्वरूप और पूजा उपासना का वर्णन करता है। इस पुराण में सृष्टि की उत्पत्ति, धर्म, कर्मकांड, ज्योतिष, भक्ति, दर्शन, और तंत्र आदि का भी वर्णन किया गया है।

शिव पुराण में कुल 24,000 श्लोक हैं, जो 81 अध्यायों में विभाजित हैं। इस पुराण का मुख्य विषय भगवान शिव के स्वरूप और पूजा उपासना का वर्णन करना है। इसमें सृष्टि की उत्पत्ति, धर्म, कर्मकांड, ज्योतिष, भक्ति, दर्शन, और तंत्र आदि का भी वर्णन किया गया है।

शिव पुराण एक महत्वपूर्ण पुराण है। यह पुराण हिंदू धर्म के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालता है। यह पुराण हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है।

शिव पुराण के कुछ महत्वपूर्ण विषय निम्नलिखित हैं:

  • भगवान शिव के स्वरूप और पूजा उपासना का वर्णन
  • सृष्टि की उत्पत्ति
  • धर्म
  • कर्मकांड
  • ज्योतिष
  • भक्ति
  • दर्शन
  • तंत्र

शिव पुराण का महत्व निम्नलिखित है:

  • यह पुराण भगवान शिव के स्वरूप और पूजा उपासना का वर्णन करता है।
  • यह पुराण हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है।
  • यह पुराण हिंदू धर्म के अनुयायियों को आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान करता है।
  • यह पुराण हिंदू धर्म के अनुयायियों को जीवन जीने के सही मार्गदर्शन प्रदान करता है।

शिव पुराण एक ऐसा ग्रंथ है जिसे हर किसी को पढ़ना चाहिए। यह ग्रंथ जीवन के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालता है और जीवन जीने का सही मार्गदर्शन प्रदान करता है।

शिव पुराण के कुछ महत्वपूर्ण विषयों का संक्षिप्त विवरण निम्नलिखित है:

  • भगवान शिव के स्वरूप और पूजा उपासना का वर्णन: शिव पुराण में भगवान शिव के विभिन्न स्वरूपों और उनकी पूजा उपासना का वर्णन किया गया है। इसमें भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों का भी वर्णन किया गया है।
  • सृष्टि की उत्पत्ति: शिव पुराण में सृष्टि की उत्पत्ति का वर्णन किया गया है। इस वर्णन के अनुसार, भगवान शिव से सृष्टि का जन्म हुआ।
  • धर्म: शिव पुराण में धर्म का वर्णन किया गया है। इस वर्णन के अनुसार, धर्म जीवन का आधार है।
  • कर्मकांड: शिव पुराण में कर्मकांड का वर्णन किया गया है। इस वर्णन के अनुसार, कर्मकांडों के द्वारा भगवान की कृपा प्राप्त की जा सकती है।
  • ज्योतिष: शिव पुराण में ज्योतिष का वर्णन किया गया है। इस वर्णन के अनुसार, ज्योतिष के द्वारा भविष्य की घटनाओं का अनुमान लगाया जा सकता है।
  • भक्ति: शिव पुराण में भक्ति का वर्णन किया गया है। इस वर्णन के अनुसार, भक्ति के द्वारा मोक्ष प्राप्त किया जा सकता है।
  • दर्शन: शिव पुराण में दर्शन का वर्णन किया गया है। इस वर्णन के अनुसार, दर्शन जीवन के रहस्यों को समझने का एक मार्ग है।
  • तंत्र: शिव पुराण में तंत्र का वर्णन किया गया है। इस वर्णन के अनुसार, तंत्र के द्वारा सिद्धियां प्राप्त की जा सकती हैं।

शिव पुराण एक ऐसा ग्रंथ है जो हिंदू धर्म के आध्यात्मिक और दार्शनिक पहलुओं को समझने के लिए महत्वपूर्ण है।

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