[featured_image]
Download
Download is available until [expire_date]
  • Version
  • Download 360
  • File Size 0.00 KB
  • File Count 1
  • Create Date October 3, 2023
  • Last Updated October 3, 2023

Matsya Puran मत्स्य पुराण

मत्स्य पुराण हिंदू धर्म के 18 महापुराणों में से एक है। इस पुराण में भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार की मुख्य कथा के साथ अनेक तीर्थ, व्रत, यज्ञ, दान आदि का विस्तृत वर्णन किया गया है।

मत्स्य पुराण में कुल 14,000 श्लोक हैं, जो 291 अध्यायों में विभाजित हैं। इस पुराण का मुख्य विषय भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार का वर्णन करना है। इसमें जल प्रलय, मत्स्य व मनु के संवाद, राजधर्म, तीर्थयात्रा, दान महात्म्य, प्रयाग महात्म्य, काशी महात्म्य, नर्मदा महात्म्य, मूर्ति निर्माण, राजाओं की विजयार्थ यात्रा का विधान, एवं त्रिदेवों की महिमा आदि पर भी विशेष प्रकाश डाला गया है

मत्स्य पुराण एक महत्वपूर्ण पुराण है। यह पुराण हिंदू धर्म के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालता है। यह पुराण हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है।

मत्स्य पुराण के कुछ महत्वपूर्ण विषय निम्नलिखित हैं:

  • भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार की कथा
  • जल प्रलय का वर्णन
  • राजधर्म का वर्णन
  • तीर्थों का वर्णन
  • दान का महत्व
  • मूर्ति निर्माण का विधान
  • त्रिदेवों की महिमा

मत्स्य पुराण का महत्व निम्नलिखित है:

  • यह पुराण भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार की कथा का वर्णन करता है।
  • यह पुराण हिंदू धर्म के अनुयायियों के लिए एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है।
  • यह पुराण हिंदू धर्म के अनुयायियों को आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान करता है।
  • यह पुराण हिंदू धर्म के अनुयायियों को जीवन जीने के सही मार्गदर्शन प्रदान करता है।

मत्स्य पुराण एक ऐसा ग्रंथ है जिसे हर किसी को पढ़ना चाहिए। यह ग्रंथ जीवन के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डालता है और जीवन जीने का सही मार्गदर्शन प्रदान करता है।

मत्स्य पुराण के कुछ महत्वपूर्ण विषयों का संक्षिप्त विवरण निम्नलिखित है:

  • भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार की कथा: मत्स्य पुराण में भगवान विष्णु के मत्स्य अवतार की कथा का वर्णन किया गया है। इस कथा के अनुसार, जब प्रलय आने वाला था, तब भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार लिया और मनु को बचाया।
  • जल प्रलय का वर्णन: मत्स्य पुराण में जल प्रलय का वर्णन किया गया है। इस वर्णन के अनुसार, जब प्रलय आता है, तब सभी जीवधारियों का नाश हो जाता है।
  • राजधर्म का वर्णन: मत्स्य पुराण में राजधर्म का वर्णन किया गया है। इस वर्णन के अनुसार, एक राजा को कैसे शासन करना चाहिए।
  • तीर्थों का वर्णन: मत्स्य पुराण में तीर्थों का वर्णन किया गया है। इस वर्णन के अनुसार, भारत में कई तीर्थ हैं, जो धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं।
  • दान का महत्व: मत्स्य पुराण में दान का महत्व बताया गया है। इस वर्णन के अनुसार, दान करने से पुण्य प्राप्त होता है।
  • मूर्ति निर्माण का विधान: मत्स्य पुराण में मूर्ति निर्माण का विधान बताया गया है। इस वर्णन के अनुसार, मूर्तियों का निर्माण कैसे किया जाना चाहिए।
  • त्रिदेवों की महिमा: मत्स्य पुराण में त्रिदेवों की महिमा का वर्णन किया गया है। इस वर्णन के अनुसार, ब्रह्मा, विष्णु, और महेश तीनों देवता हैं, जो ब्रह्मांड के रचयिता हैं।

मत्स्य पुराण एक ऐसा ग्रंथ है जो हिंदू धर्म के आध्यात्मिक और दार्शनिक पहलुओं को समझने के लिए महत्वपूर्ण है।

THANKS TO VEDPURAN.NET

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *