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- Create Date November 16, 2023
- Last Updated November 16, 2023
Omkareshwarmahatmyam
ओंकारेश्वर महात्म्य एक संस्कृत ग्रंथ है जो भगवान शिव के ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के माहात्म्य का वर्णन करता है। यह ग्रंथ 12 अध्यायों में विभाजित है, प्रत्येक अध्याय में एक अलग विषय का वर्णन किया गया है।
ग्रंथ के कुछ प्रमुख बिंदु निम्नलिखित हैं:
- ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है।
- यह ज्योतिर्लिंग मध्य प्रदेश के नर्मदा नदी के तट पर स्थित है।
- ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग का नाम इसके स्वरूप के कारण पड़ा है। इस ज्योतिर्लिंग का आकार ॐ अक्षर के समान है।
Omkareshwarmahatmyam
ग्रंथ में ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के कई चमत्कारों का वर्णन किया गया है। उदाहरण के लिए, एक बार एक ऋषि ने इस ज्योतिर्लिंग के सामने तपस्या की। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उन्हें दर्शन दिए और उन्हें वरदान दिया।
ग्रंथ में ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन और पूजन के लाभों का भी वर्णन किया गया है। यह कहा गया है कि ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन और पूजन से भक्तों को सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है। उन्हें मोक्ष प्राप्त होता है।
ओंकारेश्वर महात्म्य एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है जो भगवान शिव की भक्ति का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है। यह ग्रंथ ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के महत्व और महिमा को बताता है।
ओंकारेश्वर महात्म्य के कुछ महत्वपूर्ण अंश निम्नलिखित हैं:**
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"ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग भगवान शिव का एक दिव्य स्वरूप है। यह ज्योतिर्लिंग सभी प्रकार के पापों और अधर्म का नाश करता है।"
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"ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन और पूजन से भक्तों को सभी प्रकार के सुख और समृद्धि प्राप्त होती है। उन्हें मोक्ष प्राप्त होता है।"
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"ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग एक शक्तिशाली तीर्थस्थल है। जो कोई भी इस तीर्थस्थल पर आता है, वह अवश्य ही लाभान्वित होता है।"
ओंकारेश्वर महात्म्य एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है जो सभी भक्तों के लिए पढ़ने योग्य है।
अगस्त्यप्रोक्ता सुन्दरेशस्तुतिः Agastyaprokta sundareshstutih
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