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- Create Date October 3, 2023
- Last Updated July 29, 2024
हनुमद्भुजंगस्तोत्र भगवान हनुमान की स्तुति करने वाला एक शक्तिशाली स्तोत्र है। यह स्तोत्र हनुमान के भुजंग रूप की स्तुति करता है। भुजंग रूप में हनुमान एक विशालकाय सांप के समान हैं, जिनके सिर पर भगवान राम और लक्ष्मण विराजमान हैं।
हनुमद्भुजंगस्तोत्र का पाठ करने से निम्नलिखित लाभ होते हैं:
- भगवान हनुमान की कृपा प्राप्त होती है।
- सभी प्रकार के भय और खतरों से सुरक्षा प्राप्त होती है।
- रोगों और कष्टों से मुक्ति मिलती है।
- मानसिक और शारीरिक शक्ति में वृद्धि होती है।
- सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।
हनुमद्भुजंगस्तोत्र का पाठ करने के लिए निम्नलिखित विधि अपनाएं:
- सबसे पहले, एक स्वच्छ स्थान पर बैठें और अपने सामने एक दीपक जलाएं।
- फिर, भगवान हनुमान के चित्र या मूर्ति के सामने बैठें।
- अब, स्तोत्र का पाठ करें।
- अंत में, भगवान हनुमान से अपनी रक्षा करने की प्रार्थना करें।
हनुमद्भुजंगस्तोत्र का पाठ करने के लिए कुछ अतिरिक्त बातें:
- पाठ करते समय, अपने मन को शांत और केंद्रित रखें।
- पाठ को ध्यानपूर्वक और स्पष्ट रूप से करें।
- यदि पाठ को याद नहीं कर सकते हैं, तो आप इसे एक पाठ से पढ़ सकते हैं।
- पाठ के बाद, भगवान हनुमान को फूल, धूप, और नैवेद्य अर्पित कर सकते हैं।
हनुमद्भुजंगस्तोत्र एक बहुत ही शक्तिशाली स्तोत्र है जो भगवान हनुमान की कृपा प्राप्त करने में मदद कर सकता है। यह स्तोत्र सभी प्रकार के भय और खतरों से सुरक्षा प्रदान करता है, और यह मानसिक और शारीरिक शक्ति में वृद्धि भी करता है।
हनुमद्भुजंगस्तोत्र का पाठ
अर्थ:
हे हनुमान, आप भुजंग रूप में हैं, और आपके सिर पर भगवान राम और लक्ष्मण विराजमान हैं। आपके चारों ओर एक तेजस्वी प्रकाश है, और आप सभी दिशाओं में देख रहे हैं। आपके शरीर पर सांपों की एक लंबी पंक्ति है, और आपके हाथों में शक्तिशाली हथियार हैं। आप सभी प्रकार के भय और खतरों से हमारी रक्षा करते हैं।
फलश्रुतिः
यः हनुमद्भुजंगस्तोत्रं पठेत् प्रातः प्रातः। सर्वं सुखमाप्नोति न तस्य जायते शोकः॥
अर्थ:
जो कोई भी सुबह-सुबह हनुमद्भुजंगस्तोत्र का पाठ करता है, वह सभी सुखों को प्राप्त करता है और उसे कोई दुःख नहीं होता है।
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