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  • Create Date December 19, 2023
  • Last Updated December 19, 2023

हनुमान चालीसा एक हिंदू भक्ति कविता है जो भगवान हनुमान की प्रशंसा करती है। यह कविता 40 चौपाइयों में लिखी गई है, और इसका श्रेय गोस्वामी तुलसीदास को दिया जाता है।

हनुमान चालीसा में, तुलसीदास हनुमान के गुणों और शक्तियों की प्रशंसा करते हैं। वे हनुमान को एक महान योद्धा, एक बुद्धिमान सलाहकार और एक भक्त के रूप में चित्रित करते हैं।

हनुमान चालीसा हिंदू धर्म में एक लोकप्रिय प्रार्थना है। इसे अक्सर भक्त हनुमान की पूजा करते समय पढ़ते हैं।

हनुमान चालीसा की कुछ प्रमुख शिक्षाएं इस प्रकार हैं:**

Hanuman Chalisa  in Marwari

  • भक्ति का महत्व: हनुमान चालीसा में, तुलसीदास भक्ति के महत्व पर जोर देते हैं। वे कहते हैं कि भक्ति के माध्यम से, कोई भी भगवान की कृपा प्राप्त कर सकता है।
  • निडरता का महत्व: हनुमान चालीसा में, तुलसीदास निडरता के महत्व पर जोर देते हैं। वे कहते हैं कि निडरता के साथ, कोई भी किसी भी चुनौती का सामना कर सकता है।
  • अच्छे कार्यों का महत्व: हनुमान चालीसा में, तुलसीदास अच्छे कार्यों के महत्व पर जोर देते हैं। वे कहते हैं कि अच्छे कार्यों से, कोई भी अपने जीवन में खुशी और समृद्धि प्राप्त कर सकता है।

हनुमान चालीसा एक प्रेरणादायक और ज्ञानवर्धक ग्रंथ है जो हमें अपने जीवन में भक्ति, निडरता और अच्छे कार्यों के महत्व के बारे में सिखाता है।

हनुमान चालीसा के कुछ प्रमुख छंद इस प्रकार हैं:**

  • "श्री गुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि। बरनऊँ रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।।"

इस छंद में, तुलसीदास कहते हैं कि वे भगवान श्रीराम के गुणों का वर्णन करने के लिए अपने गुरु के चरणों की धूल से अपने मन को शुद्ध कर रहे हैं।

  • "बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवन-कुमार। बल बुद्धि विद्या देहु मोहि, हरहु कलेश विकार।।"

इस छंद में, तुलसीदास हनुमान से प्रार्थना करते हैं कि वे उन्हें बुद्धि, बल, विद्या और सभी विकारों से मुक्ति प्रदान करें।

  • "जय हनुमान ज्ञान गुन सागर। जय कपीस तिहुँ लोक उजागर।।"

इस छंद में, तुलसीदास हनुमान को ज्ञान और गुणों का सागर और तीनों लोकों का उजाला कहते हैं।

  • "रामदूत अतुलित बलधामा। अंजनि-पुत्र पवनसुत नामा।।"

इस छंद में, तुलसीदास हनुमान को राम का दूत, अतुलनीय बलवान और अंजनी के पुत्र पवनपुत्र कहते हैं।

  • "महावीर विक्रम बजरंगी। कुमति निवार सुमति के संगी।।"

इस छंद में, तुलसीदास हनुमान को एक महान योद्धा, बजरंग और बुद्धिमान सलाहकार कहते हैं।

हनुमान चालीसा एक शक्तिशाली प्रार्थना है जो हमें भगवान हनुमान की कृपा प्राप्त करने में मदद कर सकती है। यह हमें भक्ति, निडरता और अच्छे कार्यों के महत्व के बारे में भी सिखाती है।

Hanuman Chalisa Translation in Marwari

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