• Version
  • Download 683
  • File Size 0.00 KB
  • File Count 1
  • Create Date October 11, 2023
  • Last Updated October 11, 2023

श्री सरस्वती स्तवनम्

सरस्वती मंत्रगर्भितम्

असुरान् विनाशयन्तीं देवि चंद्रांशुकोटिप्रभाम। शुद्धज्ञानप्रदां सरस्वतीं नमामि विभुताम्।।

अनन्यामब्जवासिनीं सरस्वतीं नमामि। वन्दे शारदायै विद्याधराम् कलारूपिणीम्।

ब्रह्मचारीण्यै भगवतीं नमामि। चंद्रकान्तिं वागीश्वरीं नमामि।

सुधाकररुचिं वीणापाणिं सुधाकररूचिं वीणापाणिं। सुधाकररूचिं वीणापाणिं नमामि सरस्वतीं॥

अर्थ:

हे देवी, आप असुरों का नाश करने वाली हैं, आप चंद्रमा की किरणों के समान प्रकाशमान हैं, और आप शुद्ध ज्ञान प्रदान करती हैं। मैं आपको नमस्कार करता हूं, जो सभी गुणों से परिपूर्ण हैं।

मैं उस सरस्वती देवी को नमस्कार करता हूं जो कमल पर विराजमान हैं, और मैं शारदा देवी को नमस्कार करता हूं जो ज्ञान और कला की देवी हैं।

मैं उस देवी को नमस्कार करता हूं जो ब्रह्मचर्य का पालन करती हैं, और मैं उस देवी को नमस्कार करता हूं जिनकी कांति चंद्रमा के समान है और जो वाणी की देवी हैं।

मैं उस सरस्वती देवी को नमस्कार करता हूं जिनके हाथ में वीणा है और जो अमृत की तरह हैं।

सरस्वती मंत्रगर्भितम्

सरस्वती मंत्रगर्भितम् एक संस्कृत श्लोक है जो सरस्वती देवी की स्तुति करता है। यह श्लोक सरस्वती मंत्र से शुरू होता है, जो देवी सरस्वती को समर्पित एक शक्तिशाली मंत्र है।

सरस्वती मंत्र:

ॐ ऐं ह्रीं क्लीं महासरस्वती देव्यै नमः।

अर्थ:

हे महासरस्वती देवी, मैं आपको नमस्कार करता हूं।

श्लोक का अर्थ:

हे देवी, आप असुरों का नाश करने वाली हैं, आप चंद्रमा की किरणों के समान प्रकाशमान हैं, और आप शुद्ध ज्ञान प्रदान करती हैं। मैं आपको नमस्कार करता हूं, जो सभी गुणों से परिपूर्ण हैं।

मैं उस सरस्वती देवी को नमस्कार करता हूं जो कमल पर विराजमान हैं, और मैं शारदा देवी को नमस्कार करता हूं जो ज्ञान और कला की देवी हैं।

मैं उस देवी को नमस्कार करता हूं जो ब्रह्मचर्य का पालन करती हैं, और मैं उस देवी को नमस्कार करता हूं जिनकी कांति चंद्रमा के समान है और जो वाणी की देवी हैं।

मैं उस सरस्वती देवी को नमस्कार करता हूं जिनके हाथ में वीणा है और जो अमृत की तरह हैं।

श्लोक का महत्व:

यह श्लोक सरस्वती देवी की महिमा का वर्णन करता है। यह श्लोक छात्रों, शिक्षकों, और कलाकारों के लिए विशेष रूप से लाभकारी है। इस श्लोक का पाठ करने से ज्ञान, विद्या, बुद्धि, और कला में सफलता प्राप्त होती है।


Download

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *