• Version
  • Download 258
  • File Size 0.00 KB
  • File Count 1
  • Create Date November 22, 2023
  • Last Updated July 29, 2024

Sarasvateeproktan krshnastotram

सरस्वतीप्रोक्त कृष्णस्तोत्रम् एक प्राचीन संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण की स्तुति में रचित है। यह स्तोत्र ऋग्वेद की एक देवी, सरस्वती को संबोधित किया गया है। सरस्वती को ज्ञान, विद्या और संगीत की देवी माना जाता है। स्तोत्र में सरस्वती को कृष्ण को स्तुति करने के लिए कहा गया है।

स्तोत्र का प्रारंभ इस प्रकार है:

अथ सरस्वतीप्रोक्त कृष्णस्तोत्रम्

सरस्वति नमस्ते देवी
ज्ञानरुपे नमोस्तु ते
विद्यारूपे नमोस्तु ते
सर्वशक्तिरूपे नमोस्तु ते

कृष्णं त्वं स्तुतिं कुरु
ज्ञानमयीं वद वद
विद्यामयीं वद वद
सर्वशक्तिमयीं वद वद

इसके बाद स्तोत्र में कृष्ण के अनेक गुणों की स्तुति की गई है। कृष्ण को ज्ञान, विद्या, शक्ति और प्रेम का अवतार माना जाता है। स्तोत्र में इन सभी गुणों की स्तुति की गई है।

स्तोत्र का अंत इस प्रकार है:

Sarasvateeproktan krshnastotram

कृष्णस्तुतिं कृत्वा
सरस्वती प्रसन्नाभवत्
कृष्णं स्तुतिं कुर्वता
सरस्वती सदैव साक्षिणी भवेत्

इस प्रकार, यह स्तोत्र भगवान कृष्ण की स्तुति करने का एक शक्तिशाली तरीका है। यह स्तोत्र ज्ञान, विद्या और शक्ति प्राप्त करने के लिए भी लाभकारी माना जाता है।

यहां स्तोत्र का हिंदी अनुवाद दिया गया है:

सरस्वतीप्रोक्त कृष्णस्तोत्रम्

हे देवी सरस्वती, आपको नमस्कार। ज्ञान रूप में आपको नमस्कार। विद्या रूप में आपको नमस्कार। सर्वशक्ति रूप में आपको नमस्कार।

आप कृष्ण की स्तुति करें। ज्ञानमय स्तुति करें। विद्यामय स्तुति करें। सर्वशक्तिमय स्तुति करें।

कृष्ण की स्तुति करने से सरस्वती प्रसन्न होती हैं। कृष्ण की स्तुति करने से सरस्वती सदैव साक्षी होती हैं।

मृत्युरक्षाकारकं कवचम् Mrityrakshakarakam Kavacham


Download

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *