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  • Create Date October 4, 2023
  • Last Updated October 4, 2023

संकटमोचन हनुमान अष्टक एक हिंदू भक्ति पाठ है जो भगवान हनुमान की स्तुति करता है। यह आठ श्लोकों में लिखा गया है, और इसे श्री तुलसीदास द्वारा रचना किया गया है। इस पाठ का पाठ करने से भक्तों को अपने सभी संकटों और कठिनाइयों से मुक्ति मिलने का वादा किया जाता है।

संकटमोचन हनुमान अष्टक के श्लोक इस प्रकार हैं:

  1. बाल समय रवि भक्षी लियो तब, तीनहुं लोक भयो अंधियारों।

  2. जाके बल बड़ो है जग में, तेहि के बल हमको सँभारों।

  3. चाहे सुमिरो हमको हनुमान, बजरंग बल भूत पिशाच निवारों।

  4. सियाराम जी के काज सँवारों, लखन सीता सहित मिलावों।

  5. लंका पुर जाहु सुरसासन, रावण जी के मद नाश करण।

  6. सभी सुख लहै तुम्हारी सरना, तुम रक्षक काहू को डर नाहिं।

  7. पाठ करै हनुमान चालीसा, होय सिद्धि साखी गौरीसा।

  8. तुलसीदास सदा रहो प्रसन्न, हनुमान होय सहायक।

संकटमोचन हनुमान अष्टक का पाठ करने से निम्नलिखित लाभ हो सकते हैं:

  • सभी प्रकार के संकटों और कठिनाइयों से मुक्ति
  • शक्ति और साहस में वृद्धि
  • समृद्धि और धन में वृद्धि
  • सुरक्षा और सुरक्षा
  • पराक्रम और वीरता में वृद्धि
  • बुद्धि और ज्ञान में वृद्धि

संकटमोचन हनुमान अष्टक एक शक्तिशाली पाठ है जो पाठकों को आध्यात्मिक और भौतिक दोनों स्तरों पर लाभ प्रदान कर सकता है।


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