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- Create Date October 4, 2023
- Last Updated October 4, 2023
श्री बजरंग बाण एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान हनुमान की स्तुति में लिखा गया है। यह स्तोत्र 21 श्लोकों का है, और प्रत्येक श्लोक भगवान हनुमान की एक अलग शक्ति या गुण की स्तुति करता है।
श्लोक का प्रारंभिक भाग भगवान हनुमान को "बजरंग बलवान" कहकर उनकी पहचान करता है, जो "वज्र के समान बल वाले" का अर्थ है। फिर, श्लोक भगवान हनुमान की विभिन्न शक्तियों और गुणों की स्तुति करता है, जो हैं:
- आज्ञाकारी
- सर्वशक्तिमान
- भक्तों के रक्षक
- शत्रुओं के नाशकर्ता
- सभी बाधाओं को दूर करने वाले
श्लोक का अंत भगवान हनुमान से प्रार्थना के साथ होता है कि वे भक्तों को सभी प्रकार के संकटों से बचाएं।
श्री बजरंग बाण एक शक्तिशाली स्तोत्र है जो भक्तों को भगवान हनुमान की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने में मदद करता है। यह स्तोत्र भक्तों को सभी प्रकार के संकटों से बचाता है और उन्हें जीवन में सफलता और उन्नति प्राप्त करने में मदद करता है।
श्री बजरंग बाण का हिंदी अनुवाद
1.
मैं बजरंग बलवान की स्तुति करता हूं, जो भगवान राम के दूत हैं, वे वायु के पुत्र हैं, और सभी शक्तियों के स्वामी हैं।
2.
वे सभी भक्तों के रक्षक हैं, और सभी बाधाओं को दूर करते हैं, वे शत्रुओं के नाशकर्ता हैं, और सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं।
3.
मैं भगवान हनुमान से प्रार्थना करता हूं, कि वे मुझे सभी प्रकार के संकटों से बचाएं, और मुझे जीवन में सफलता और उन्नति प्राप्त करने में मदद करें।
श्री बजरंग बाण के लाभ
श्री बजरंग बाण का पाठ करने से भक्तों को निम्नलिखित लाभ प्राप्त होते हैं:
- भगवान हनुमान की कृपा प्राप्त होती है।
- जीवन में सुख और समृद्धि आती है।
- कष्टों से मुक्ति मिलती है।
- सफलता और उन्नति प्राप्त होती है।
यदि आप भगवान हनुमान की भक्ति करना चाहते हैं, तो आप श्री बजरंग बाण का पाठ कर सकते हैं। यह एक शक्तिशाली स्तोत्र है जो आपके जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकती है।
श्री बजरंग बाण का पाठ करने का तरीका
- एक साफ और शांत स्थान पर बैठें।
- अपने सामने एक भगवान हनुमान की तस्वीर या प्रतिमा रखें।
- अपने हाथों को जोड़ें और भगवान हनुमान से प्रार्थना करें।
- स्तोत्र का पाठ करें, ध्यान से प्रत्येक शब्द का उच्चारण करें।
- स्तोत्र को कम से कम एक बार करें।
श्री बजरंग बाण के कुछ विशेष नियम
- श्री बजरंग बाण का पाठ मंगलवार या शनिवार के दिन करना चाहिए।
- पाठ करते समय पूरे मन से भगवान हनुमान की भक्ति करें।
- पाठ के दौरान किसी भी प्रकार के गलत विचारों या भावनाओं को मन में न आने दें।
- पाठ करने के बाद भगवान हनुमान से प्रार्थना करें कि वे आपकी सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करें।
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