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  • Create Date October 9, 2023
  • Last Updated October 9, 2023

श्री निम्बादित्य ने कई ग्रंथों की रचना की, जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं:

  • श्रीमदभागवतम् का भाष्य
  • पंचरात्र तंत्र का भाष्य
  • गोपीगीतकल्याणम
  • श्रीकृष्णाष्टकम्
  • श्रीकृष्णलीलामृतम्
  • श्रीकृष्णरहस्यामृतम्
  • श्रीकृष्णाष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम्

इन ग्रंथों में, श्री निम्बादित्य ने भगवान कृष्ण की महिमा का वर्णन किया है। उन्होंने भगवान कृष्ण के जीवन और लीलाओं का भी विस्तार से वर्णन किया है।

श्री निम्बादित्य के सबसे प्रसिद्ध ग्रंथों में से एक श्रीमदभागवतम् का भाष्य है। यह भाष्य 12 स्कंदों में विभाजित है, और प्रत्येक स्कंद में भगवान कृष्ण की एक अलग लीला का वर्णन किया गया है। श्री निम्बादित्य का भाष्य श्रीमदभागवतम् के अर्थ को समझने के लिए एक महत्वपूर्ण स्रोत है।

श्री निम्बादित्य के अन्य ग्रंथ भी भगवान कृष्ण के भक्तों के लिए महत्वपूर्ण हैं। इन ग्रंथों में भगवान कृष्ण की महिमा और उनकी लीलाओं का वर्णन किया गया है। ये ग्रंथ भगवान कृष्ण की भक्ति को बढ़ावा देते हैं।

श्री निम्बादित्य एक महान भक्त और विद्वान थे। उन्होंने भगवान कृष्ण की भक्ति के लिए कई ग्रंथों की रचना की। उनके ग्रंथ आज भी भगवान कृष्ण के भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण स्रोत हैं।

यहां श्री निम्बादित्य द्वारा प्रकाशित कुछ ग्रंथों का विवरण दिया गया है:

  • श्रीमदभागवतम् का भाष्य: यह ग्रंथ श्रीमदभागवतम् के 12 स्कंदों का भाष्य है। प्रत्येक स्कंद में भगवान कृष्ण की एक अलग लीला का वर्णन किया गया है।
  • पंचरात्र तंत्र का भाष्य: यह ग्रंथ पंचरात्र तंत्र का भाष्य है। पंचरात्र तंत्र एक हिंदू धर्मग्रंथ है जो भगवान कृष्ण की पूजा के तरीकों का वर्णन करता है।
  • गोपीगीतकल्याणम: यह ग्रंथ एक काव्य है जो गोपियों और भगवान कृष्ण के प्रेम का वर्णन करता है।
  • श्रीकृष्णाष्टकम्: यह एक स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण की आठ विशेषताओं की स्तुति करता है।
  • श्रीकृष्णलीलामृतम्: यह एक ग्रंथ है जो भगवान कृष्ण की लीलाओं का वर्णन करता है।
  • श्रीकृष्णरहस्यामृतम्: यह एक ग्रंथ है जो भगवान कृष्ण के रहस्यों का वर्णन करता है।
  • श्रीकृष्णाष्टोत्तरशतनामस्तोत्रम्: यह एक स्तोत्र है जो भगवान कृष्ण के 108 नामों की स्तुति करता है।

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