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- Create Date October 4, 2023
- Last Updated October 4, 2023
श्री हनुमान नमस्कार एक धार्मिक नमस्कार है जो भगवान हनुमान की आराधना के लिए किया जाता है। यह नमस्कार 11 आसनों का एक क्रम है जो भगवान हनुमान की शक्तियों और गुणों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
श्री हनुमान नमस्कार का पाठ करने से भगवान हनुमान प्रसन्न होते हैं और भक्तों को निम्नलिखित लाभ होते हैं:
- सभी संकटों से मुक्ति मिलती है।
- जीवन में सुख और समृद्धि आती है।
- रोग और पीड़ा से छुटकारा मिलता है।
- बुरी आत्माओं से रक्षा होती है।
- मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
श्री हनुमान नमस्कार का पाठ करने के लिए किसी विशेष समय या स्थान की आवश्यकता नहीं होती है। इसे किसी भी समय और किसी भी स्थान पर किया जा सकता है। हालांकि, हनुमान जी की पूजा के लिए विशेष अवसरों पर, जैसे कि हनुमान जयंती, मंगलवार और शनिवार को इस नमस्कार का पाठ करना विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है।
श्री हनुमान नमस्कार का पाठ करने से पहले, भक्तों को भगवान हनुमान की प्रतिमा के सामने बैठना चाहिए और उन्हें फूल, धूप, दीप और फल अर्पित करना चाहिए। इसके बाद, भक्तों को शांत मन से और श्रद्धापूर्वक इस नमस्कार का पाठ करना चाहिए।
श्री हनुमान नमस्कार के कुछ अन्य लाभों में शामिल हैं:
- यह भक्तों को साहस और आत्मविश्वास प्रदान करता है।
- यह भक्तों को बुरी आत्माओं और दुष्ट शक्तियों से बचाता है।
- यह भक्तों को ज्ञान और बुद्धि प्रदान करता है।
श्री हनुमान नमस्कार एक शक्तिशाली नमस्कार है जो भक्तों को भगवान हनुमान की कृपा प्राप्त करने में मदद करता है।
श्री हनुमान नमस्कार के 11 आसन निम्नलिखित हैं:
- भुजंगासन: यह आसन भगवान हनुमान के शक्तिशाली शरीर का प्रतिनिधित्व करता है।
- वज्रासन: यह आसन भगवान हनुमान के ध्यान में मग्न होने का प्रतिनिधित्व करता है।
- पद्मासन: यह आसन भगवान हनुमान के ज्ञान और बुद्धि का प्रतिनिधित्व करता है।
- नौकासन: यह आसन भगवान हनुमान की लंका दहन की घटना का प्रतिनिधित्व करता है।
- कमल आसन: यह आसन भगवान हनुमान की पवित्रता और शुद्धता का प्रतिनिधित्व करता है।
- त्रिकोणासन: यह आसन भगवान हनुमान की त्रिशूल धारण करने का प्रतिनिधित्व करता है।
- हस्तपादासन: यह आसन भगवान हनुमान की शक्ति और पराक्रम का प्रतिनिधित्व करता है।
- दंडासन: यह आसन भगवान हनुमान के समर्पण और सेवा का प्रतिनिधित्व करता है।
- अष्टपदासन: यह आसन भगवान हनुमान के आठ सिद्धियों का प्रतिनिधित्व करता है।
- शवासन: यह आसन भगवान हनुमान के अंतिम विश्राम का प्रतिनिधित्व करता है।
श्री हनुमान नमस्कार का पाठ करने के लिए निम्नलिखित विधि का पालन करें:
- एक आरामदायक स्थान पर बैठें और अपने पैरों को सामने की ओर फैलाएं।
- अपने हाथों को अपने घुटनों पर रखें और अपनी पीठ को सीधा रखें।
- अपने मन को भगवान हनुमान के प्रति केंद्रित करें।
- "ओम हं हनुमते नमः" मंत्र का जाप करते हुए अपने शरीर को धीरे-धीरे ऊपर उठाएं।
- प्रत्येक आसन में थोड़ी देर रुकें और फिर अगले आसन में जाएं।
- अंतिम आसन में, अपने शरीर को ढीला छोड़ें और भगवान हनुमान से आशीर्वाद मांगें।
श्री हनुमान नमस्कार का पाठ नियमित रूप से करने से भक्तों को भगवान हनुमान की कृपा प्राप्त होती है और वे सभी प्रकार के लाभों को प्राप्त करते हैं।
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