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- Create Date October 4, 2023
- Last Updated July 29, 2024
श्रीहनुमदष्टोत्तरशतनामावलीः 7 का पाठ निम्नलिखित है:
सप्तम : पवनसुत महाबल धामा,
अष्ट सिद्धि नौ निधि लामा।
राम दूत अतुलित बलधामा,
चारों भुवन में तुमरो नामा।
भावार्थ:
हे पवनपुत्र महाबली हनुमान! आपके पास आठ सिद्धियाँ और नौ निधियाँ हैं। आप श्री राम के दूत हैं और आपके पास अतुलनीय बल है। आपके नाम से चारों लोकों में सुख और शांति फैली हुई है।
श्रीहनुमदष्टोत्तरशतनामावलीः 7 का अर्थ है कि भगवान हनुमान पवनपुत्र हैं, जो वायु के देवता हैं। वे महाबली हैं, जिनके पास अतुलनीय बल है। वे श्री राम के दूत हैं, जिन्होंने उन्हें भगवान राम की सेवा के लिए भेजा था। उनके पास आठ सिद्धियाँ और नौ निधियाँ हैं, जो उन्हें अलौकिक शक्ति प्रदान करती हैं। वे चारों लोकों में पूजनीय हैं।
श्रीहनुमदष्टोत्तरशतनामावलीः 7 का पाठ करने से भगवान हनुमान की कृपा प्राप्त होती है और भक्तों को निम्नलिखित लाभ होते हैं:
- सभी संकटों से मुक्ति मिलती है।
- जीवन में सुख और समृद्धि आती है।
- रोग और पीड़ा से छुटकारा मिलता है।
- बुरी आत्माओं से रक्षा होती है।
- मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
श्रीहनुमदष्टोत्तरशतनामावलीः 7 का पाठ करने के लिए किसी विशेष समय या स्थान की आवश्यकता नहीं होती है। इसे किसी भी समय और किसी भी स्थान पर किया जा सकता है। हालांकि, हनुमान जी की पूजा के लिए विशेष अवसरों पर, जैसे कि हनुमान जयंती, मंगलवार और शनिवार को इस नामावली का पाठ करना विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है।
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