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- Create Date November 10, 2023
- Last Updated November 10, 2023
श्रीस्वाधर्मबोधे श्रीयुगलटिलक मंत्र इस प्रकार है:
ऊँ नमः भगवते श्रीकृष्णाय गोविन्दाय नमो नमः। श्रीवल्लभाय नमः। श्रीराधाकृष्णाय नमः।
shreesvadharmabodhe shreeyugalatilak mantrah
इस मंत्र का अर्थ है:
मैं भगवान श्रीकृष्ण को प्रणाम करता हूँ। मैं गोविन्द को प्रणाम करता हूँ। मैं श्रीवल्लभा को प्रणाम करता हूँ। मैं श्रीराधाकृष्ण को प्रणाम करता हूँ।
यह मंत्र श्रीस्वाधर्मबोधे ग्रंथ में दिया गया है। यह मंत्र श्रीकृष्ण और श्रीराधा के युगल रूप की उपासना करता है। यह मंत्र भक्तों को भगवान श्रीकृष्ण और श्रीराधा के प्रेम में लीन होने में मदद करता है।
इस मंत्र का जाप करने से भक्तों को निम्नलिखित लाभ होते हैं:
- भगवान श्रीकृष्ण और श्रीराधा की कृपा प्राप्त होती है।
- भक्ति भाव का विकास होता है।
- मन शांत होता है।
- जीवन में सुख और समृद्धि आती है।
इस मंत्र का जाप करने के लिए निम्नलिखित विधि का पालन करें:
- एकांत स्थान में बैठें।
- अपने सामने श्रीकृष्ण और श्रीराधा की मूर्ति या तस्वीर रखें।
- हाथ में फूल या माला लें।
- मंत्र का जाप 108 बार करें।
आप इस मंत्र का जाप सुबह, शाम या किसी भी समय कर सकते हैं।
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