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  • Create Date October 3, 2023
  • Last Updated July 29, 2024

श्रीसुब्रमण्य कवचस्तोत्र एक शक्तिशाली मंत्र है जो भगवान कार्तिकेय की कृपा प्राप्त करता है। यह एक स्तोत्र है जो भगवान कार्तिकेय के स्वरूप और शक्तियों का वर्णन करता है।

श्रीसुब्रमण्य कवचस्तोत्र का पाठ करने से निम्नलिखित लाभ होते हैं:

  • भगवान कार्तिकेय की कृपा प्राप्त होती है।
  • सभी प्रकार के भय और खतरों से सुरक्षा प्राप्त होती है।
  • रोगों और कष्टों से मुक्ति मिलती है।
  • मानसिक और शारीरिक शक्ति में वृद्धि होती है।
  • सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।

श्रीसुब्रमण्य कवचस्तोत्र का पाठ करने के लिए निम्नलिखित विधि अपनाएं:

  1. सबसे पहले, एक स्वच्छ स्थान पर बैठें और अपने सामने एक दीपक जलाएं।
  2. फिर, भगवान कार्तिकेय के नामों का उच्चारण करें।
  3. अब, भगवान कार्तिकेय के स्वरूप और शक्तियों का वर्णन करते हुए कवच का पाठ करें।
  4. अंत में, भगवान कार्तिकेय से अपनी रक्षा करने की प्रार्थना करें।

श्रीसुब्रमण्य कवचस्तोत्र का पाठ करने की विधि निम्नलिखित है:

ध्यान

शशिशेखरं शुभ्रवर्णं त्रिनेत्रं चतुर्भुजं शंखं चक्रं गदां धनुं पाशुपतास्त्रं च दधानं

मूल मंत्र

ॐ नमो भगवते श्रीसुब्रह्मण्याय नमः

प्रणव मंत्र

ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं कार्तिकेयाय सर्वशत्रुविनाशाय सर्वार्थसिद्धयर्थं कवचं पठेन्नरः

अर्थ

हे भगवान कार्तिकेय, मैं आपको नमन करता हूं।

आप चंद्रमा के समान सुंदर हैं, आपका रंग सफेद है, आपके तीन नेत्र हैं, और आप चार भुजाओं वाले हैं। आपके हाथों में शंख, चक्र, गदा और धनुष-बाण हैं। आप पाशुपतास्त्र भी धारण करते हैं।

हे कार्तिकेय, मैं आपकी कवच का पाठ करता हूं, जो सभी शत्रुओं का नाश करती है, और सभी प्रकार के कार्यों में सफलता प्रदान करती है।

प्रार्थना

हे भगवान कार्तिकेय, मैं आपकी शरण में हूं। मेरी रक्षा करें, और मुझे सभी प्रकार के भय और खतरों से बचाएं।

फल

श्रीसुब्रमण्य कवचस्तोत्र का पाठ करने से निम्नलिखित लाभ होते हैं:

  • भगवान कार्तिकेय की कृपा प्राप्त होती है।
  • सभी प्रकार के भय और खतरों से सुरक्षा प्राप्त होती है।
  • रोगों और कष्टों से मुक्ति मिलती है।
  • मानसिक और शारीरिक शक्ति में वृद्धि होती है।
  • सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है।

श्रीसुब्रमण्य कवचस्तोत्र का पाठ नियमित रूप से करने से इन सभी लाभों को प्राप्त किया जा सकता है।

कुछ विशेष नियम

  • श्रीसुब्रमण्य कवचस्तोत्र का पाठ किसी भी दिन और किसी भी समय किया जा सकता है।
  • हालांकि, इसे सुबह के समय करना सबसे अच्छा माना जाता है।
  • पाठ करते समय, एक स्वच्छ स्थान पर बैठें और अपने सामने एक दीपक जलाएं।
  • पाठ को ध्यानपूर्वक और स्पष्ट रूप से करें।
  • पाठ के बाद, भगवान कार्तिकेय से अपनी रक्षा करने की प्रार्थना करें।

निष्कर्ष

श्रीसुब्रमण्य कवचस्तोत्र एक बहुत ही शक्तिशाली मंत्र है जो भगवान कार्तिकेय की कृपा प्राप्त करने और सभी प्रकार के भय और खतरों से सुरक्षा प्राप्त करने में मदद कर सकता है।

श्रीसुब्रमण्य कवचस्तोत्र का पाठ करने की कुछ अतिरिक्त बातें

  • पाठ करते समय, भगवान कार्तिकेय के चित्र या मूर्ति के सामने बैठें।
  • यदि आपके पास भगवान कार्तिकेय की कोई मूर्ति या चित्र नहीं है, तो आप अपने मन में उनकी छवि को ध्यान में रख सकते हैं।
  • पाठ करते समय, अपने मन को शांत और केंद्रित रखें

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