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  • Create Date November 5, 2023
  • Last Updated November 5, 2023

Srishailapati Dashakam

श्रीशैलपति दशकम एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव की स्तुति करता है। यह स्तोत्र भगवान शिव के एक रूप, शैलपति, की स्तुति करता है, जो शैलों के स्वामी हैं। यह स्तोत्र 12वीं शताब्दी के भक्त और संत श्री सदाशिव द्वारा लिखा गया था।

स्तोत्र का प्रारंभ शिव की प्रार्थना से होता है। भक्त शिव से प्रार्थना करते हैं कि वे उन्हें अपने आशीर्वाद प्रदान करें।

स्तोत्र के बाद, शिव की स्तुति की जाती है। शिव को विभिन्न नामों और उपाधियों से पुकारा जाता है। उनकी शक्तियों और गुणों की प्रशंसा की जाती है।

स्तोत्र के अंत में, शिव से प्रार्थना की जाती है कि वे भक्तों को अपने आशीर्वाद प्रदान करें।

स्तोत्र का हिंदी अनुवाद इस प्रकार है:

भक्त की प्रार्थना

हे शिव, आप सभी देवताओं के स्वामी हैं। आप सभी शक्तियों के दाता हैं। हम आपकी शरण में आते हैं। कृपया हमें अपने आशीर्वाद प्रदान करें।

शिव की स्तुति

हे शिव, आप शैलों के स्वामी हैं। आप अविनाशी हैं। आप सभी ब्रह्मांड के निर्माता हैं। आप सभी शक्तियों के स्वामी हैं। आप सभी जीवों के रक्षक हैं।

हे शिव, आप दयालु हैं। आप करुणामय हैं। आप सभी भक्तों के लिए दयालु हैं। आप सभी भक्तों को अपने आशीर्वाद प्रदान करते हैं।

हे शिव, आप ज्ञान के भंडार हैं। आप शक्ति के भंडार हैं। आप मोक्ष के भंडार हैं।

हे शिव, हम आपकी स्तुति करते हैं। हम आपकी प्रशंसा करते हैं। कृपया हमें अपने आशीर्वाद प्रदान करें।

स्तोत्र का अर्थ

यह स्तोत्र शिव की स्तुति करता है। यह स्तोत्र शिव के विभिन्न गुणों और शक्तियों की प्रशंसा करता है। स्तोत्र में शिव को एक दयालु और करुणामय देवता के रूप में चित्रित किया गया है। स्तोत्र के माध्यम से, भक्त शिव से अपने आशीर्वाद की प्रार्थना करते हैं।

स्तोत्र का महत्व

यह स्तोत्र एक महत्वपूर्ण धार्मिक पाठ है। यह स्तोत्र शिव की स्तुति करता है और उनके आशीर्वाद की प्रार्थना करता है। यह स्तोत्र भक्तों के लिए एक प्रेरणा है। यह स्तोत्र भक्तों को शिव की भक्ति करने के लिए प्रोत्साहित करता है।

स्तोत्र के कुछ महत्वपूर्ण श्लोक इस प्रकार हैं:

  • प्रथम श्लोक: हे शिव, आप सभी देवताओं के स्वामी हैं। आप सभी शक्तियों के दाता हैं। हम आपकी शरण में आते हैं। कृपया हमें अपने आशीर्वाद प्रदान करें।
  • दूसरा श्लोक: हे शिव, आप शैलों के स्वामी हैं। आप अविनाशी हैं। आप सभी ब्रह्मांड के निर्माता हैं। आप सभी शक्तियों के स्वामी हैं। आप सभी जीवों के रक्षक हैं।
  • तीसरा श्लोक: हे शिव, आप दयालु हैं। आप करुणामय हैं। आप सभी भक्तों के लिए दयालु हैं। आप सभी भक्तों को अपने आशीर्वाद प्रदान करते हैं।

यह स्तोत्र शिव की भक्ति करने के लिए एक शक्तिशाली उपकरण है। यह स्तोत्र भक्तों को शिव के प्रति अपने प्रेम और समर्पण को व्यक्त करने में मदद करता है।

Srishailapati Dashakam

स्तोत्र का प्रयोग

यह स्तोत्र आमतौर पर शिव की पूजा के दौरान या किसी विशेष अनुष्ठान के दौरान किया जाता है। स्तोत्र को आमतौर पर तीन बार या दस बार किया जाता है। स्तोत्र को करने से पहले, भक्तों को शुद्ध होना चाहिए और शिव की पूजा करनी चाहिए।

स्तोत्र को करने के लिए, भक्तों को निम्नलिखित मंत्रों का उच्चारण करना चाहिए:

ॐ नमो भगवते महादेवाय
ॐ नमः शिवाय

इन मंत्रों का उच्चारण करते समय, भक्तों को शिव की छवि या प्रतीक पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

स्तोत्र को करने से भक्तों को शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यह स्तोत्र भक्तों को आध्यात्मिक विकास और मुक्ति प्राप्त करने में मदद करता है।

श्रीशैलेशचरणशरणाष्टकम् Sri Shailesh Charan Sharanashtakam


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