• Version
  • Download 231
  • File Size 0.00 KB
  • File Count 1
  • Create Date November 5, 2023
  • Last Updated July 29, 2024

Shreeshivasundardhyanashtakam

श्री शिवसुंदरध्यानष्टकम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव की स्तुति करता है। यह एक भक्तिपूर्ण स्तोत्र है जो शिव को एक सुंदर और करुणामय देवता के रूप में स्वीकार करता है। स्तोत्र में आठ श्लोक हैं, प्रत्येक श्लोक में शिव के एक विशेष गुण या विशेषता को उजागर किया गया है।

श्री शिवसुंदरध्यानष्टकम् के कुछ महत्वपूर्ण श्लोकों में शामिल हैं:

  • श्लोक 1: शिव को "कर्पूरगौरं" या कर्पूर के समान सफेद के रूप में स्वीकार करता है।

अर्थ:

हे भगवान शिव, आप कर्पूर के समान सफेद और सुंदर हैं। आप करुणा के अवतार हैं, और आप संसार के सार हैं। आप सर्पों के हार से सुसज्जित हैं, और आप हमेशा युवा रहते हैं। आप हृदय कमल में निवास करते हैं, और आप पार्वती के साथ हैं।

श्लोक 2: शिव को "करुणावतारं" या करुणा के अवतार के रूप में स्वीकार करता है।

अर्थ:

हे भगवान शिव, आप करुणा के अवतार हैं। आप सभी जीवों के दर्द को दूर करते हैं, और आप उन्हें अपने आशीर्वाद से भरते हैं। आप सभी के लिए एक मित्र और मार्गदर्शक हैं।

श्लोक 3: शिव को "संसारसारं" या संसार के सार के रूप में स्वीकार करता है।

अर्थ:

हे भगवान शिव, आप संसार के सार हैं। आप सभी ज्ञान और शक्ति के स्रोत हैं। आप सभी के जीवन में प्रकाश और आशा लाते हैं।

श्लोक 4: शिव को "भुजगेन्द्रहारम्" या सर्पों के हार के साथ के रूप में स्वीकार करता है।

अर्थ:

हे भगवान शिव, आप सर्पों के हार से सुसज्जित हैं। यह हार आपकी शक्ति और ज्ञान का प्रतीक है। आप सभी को अपने आशीर्वाद से बचाते हैं।

श्लोक 5: शिव को "सदा बसन्तं" या हमेशा युवा के रूप में स्वीकार करता है।

अर्थ:

हे भगवान शिव, आप हमेशा युवा रहते हैं। आपके पास कोई बुढ़ापा या मृत्यु नहीं है। आप सभी को अपने आशीर्वाद से जीवन और शक्ति प्रदान करते हैं।

श्लोक 6: शिव को "हृदयारविंदे" या हृदय कमल में निवास करने वाले के रूप में स्वीकार करता है।

अर्थ:

हे भगवान शिव, आप मेरे हृदय कमल में निवास करते हैं। आप मेरे जीवन में प्रकाश और आशा हैं। आप मुझे अपने मार्गदर्शन और आशीर्वाद से भरते हैं।

श्लोक 7: शिव को "भवं भवानीसहितं" या पार्वती के साथ के रूप में स्वीकार करता है।

अर्थ:

हे भगवान शिव, आप पार्वती के साथ हैं। आप दोनों एक साथ प्रेम और आनंद का प्रतीक हैं। आप सभी को अपने आशीर्वाद से प्रेम और खुशी प्रदान करते हैं।

श्लोक 8: शिव को "नमामी" या नमस्कार के रूप में स्वीकार करता है।

अर्थ:

हे भगवान शिव, मैं आपका नमस्कार करता हूं। मैं आपकी कृपा और आशीर्वाद की कामना करता हूं।

श्री शिवसुंदरध्यानष्टकम् एक शक्तिशाली स्तोत्र है जिसका उपयोग शिव की उपासना और उनके आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए किया जा सकता है। यह स्तोत्र शिव के भक्तों के बीच एक लोकप्रिय स्तुति है।

श्लोक 1 का अनुवाद:

कर्पूरगौरं करुणावतारं, संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्। सदा बसन्तं हृदयारविंदे, भवं भवानीसहितं नमामि।।

अर्थ:

हे भगवान शिव, आप कर्पूर के समान सफेद और सुंदर हैं। आप करुणा के अवतार हैं, और आप संसार के सार हैं। आप सर्पों के हार से सुसज्जित हैं, और आप हमेशा युवा रहते हैं। आप हृदय कमल में निवास करते हैं, और आप पार्वती के साथ हैं। मैं आपको नमस्कार करता हूं।

श्रीशिवसुन्दरध्यानाष्टकम् Shreeshivasundardhyanashtakam


Download

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *