• Version
  • Download 280
  • File Size 0.00 KB
  • File Count 1
  • Create Date November 17, 2023
  • Last Updated November 17, 2023

 Shrishankarmahatmyam

श्रीशंकरमाहात्म्यम् एक संस्कृत ग्रंथ है जो आदि गुरु शंकराचार्य की जीवनी और शिक्षाओं का वर्णन करता है। यह ग्रंथ 12 अध्यायों में विभाजित है और इसमें शंकराचार्य के जन्म, शिक्षा, गुरुभक्ति, दर्शन, और कर्मों का वर्णन किया गया है।

श्रीशंकरमाहात्म्यम् की रचना का श्रेय आमतौर पर अज्ञात लेखक को दिया जाता है। हालांकि, कुछ विद्वानों का मानना ​​है कि इसे स्वामी ब्रह्मानंद ने लिखा था।

श्रीशंकरमाहात्म्यम् को हिंदू धर्म में एक पवित्र ग्रंथ माना जाता है। इसे अक्सर पूजा और अनुष्ठानों में पढ़ा जाता है।

श्रीशंकरमाहात्म्यम् के कुछ प्रसिद्ध प्रसंग:**

Shrishankarmahatmyam

  • शंकराचार्य का जन्म और शिक्षा: शंकराचार्य का जन्म 788 ईस्वी में केरल के कांचीपुरम में हुआ था। उनके पिता का नाम शिवगुरु और माता का नाम अन्नपूर्णा था। शंकराचार्य बचपन से ही अत्यंत बुद्धिमान और धार्मिक थे। उन्होंने अपने गुरु गोविंदपाद से शिक्षा प्राप्त की।

  • शंकराचार्य की गुरुभक्ति: शंकराचार्य अपने गुरु गोविंदपाद के प्रति अत्यंत भक्त थे। उन्होंने अपने गुरु के आदेश का पालन करने के लिए अपने घर को छोड़ दिया और भिक्षु बन गए।

  • शंकराचार्य का दर्शन: शंकराचार्य एक महान दार्शनिक थे। उन्होंने अद्वैत वेदांत दर्शन की स्थापना की। अद्वैत वेदांत दर्शन के अनुसार, ब्रह्म (परमसत्ता) ही सत्य है। ईश्वर, जीव और ब्रह्म एक ही हैं।

  • शंकराचार्य के कर्म: शंकराचार्य ने हिंदू धर्म के पुनरुत्थान के लिए महत्वपूर्ण कार्य किया। उन्होंने चार मठों की स्थापना की और हिंदू धर्म के सिद्धांतों और शिक्षाओं का प्रचार किया।

श्रीशंकरमाहात्म्यम् एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है जो आदि गुरु शंकराचार्य के जीवन और शिक्षाओं को जानने के लिए आवश्यक है। यह ग्रंथ हिंदू धर्म के इतिहास और दर्शन के लिए भी एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है।

श्रीशङ्करापराधक्षमापनस्तोत्रम् Sri Shankaraparadhakshamapanastotram


Download

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *