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- Create Date October 4, 2023
- Last Updated October 4, 2023
श्रीव्यदेश्वर कृपाकवचम् एक संस्कृत स्तोत्र है जो भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने के लिए किया जाता है। यह स्तोत्र भगवान शिव के विभिन्न रूपों का वर्णन करता है जो साधक को उनकी कृपा प्रदान करते हैं।
श्रीव्यदेश्वर कृपाकवचम् में 10 श्लोक हैं। स्तोत्र की शुरुआत में, साधक भगवान शिव से उनकी कृपा प्राप्त करने की प्रार्थना करता है। भगवान शिव उनकी प्रार्थना सुनते हैं और उन्हें अपनी कृपा प्रदान करते हैं। स्तोत्र में, भगवान शिव के विभिन्न रूपों का वर्णन है जो साधक को उनकी कृपा प्रदान करते हैं।
श्रीव्यदेश्वर कृपाकवचम् का पाठ करने से साधक को कई लाभ होते हैं। यह स्तोत्र साधक को भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने में मदद करता है, जिससे उसे आध्यात्मिक उन्नति होती है और वह सभी प्रकार की बुराईयों से सुरक्षित रहता है।
श्रीव्यदेश्वर कृपाकवचम् का पाठ करने के लिए निम्नलिखित विधि का पालन करें:
- सबसे पहले, एक साफ और पवित्र स्थान पर बैठें।
- फिर, एक दीपक जलाएं और भगवान शिव की पूजा करें।
- अब, श्रीव्यदेश्वर कृपाकवचम् का पाठ करें।
- स्तोत्र का पाठ करते समय, भगवान शिव पर ध्यान केंद्रित करें।
- स्तोत्र का पाठ करने के बाद, भगवान शिव से कृपा मांगें।
श्रीव्यदेश्वर कृपाकवचम् का पाठ करने से पहले, किसी योग्य गुरु से निर्देश लेना उचित है।
श्रीव्यदेश्वर कृपाकवचम् के कुछ लाभ निम्नलिखित हैं:
- भगवान शिव की कृपा प्राप्त करना
- आध्यात्मिक उन्नति
- सभी प्रकार की बुराईयों से सुरक्षा
- मनोकामनाओं की पूर्ति
श्रीव्यदेश्वर कृपाकवचम् के कुछ संस्कृत श्लोक निम्नलिखित हैं:
॥ श्रीव्यदेश्वर कृपाकवचम् ॥
अथ श्रीव्यदेश्वर कृपाकवचम्।
ॐ नमः शिवाय।
श्रीव्यदेश्वराय नमः।
त्र्यम्बके गौरीनारायणाय नमः।
ॐ हृदये नमः।
ॐ शिरसे स्वाहा।
ॐ शिखायै वषट्।
ॐ कवचाय हुम्।
ॐ नेत्रत्रयाय वौषट्।
ॐ अस्त्राय फट्।
भूर्भुवः स्वरोमिति दिग्बन्धः।
इस स्तोत्र का अर्थ है:
"मैं भगवान शिव को प्रणाम करता हूं।
मैं श्रीव्यदेश्वर को प्रणाम करता हूं।
मैं त्रिमूर्ति को प्रणाम करता हूं, जो गौरी और नारायण के रूप हैं।
मेरे हृदय में आप निवास करते हैं।
मेरे सिर पर आपका निवास है।
मेरे शिखा पर आपका निवास है।
मेरी कवच में आपका निवास है।
मेरी तीन आंखों में आपका निवास है।
मेरे अस्त्र में आपका निवास है।
मैं चारों दिशाओं में आपकी रक्षा करता हूं।"
श्रीव्यदेश्वर कृपाकवचम् एक शक्तिशाली स्तोत्र है जो साधक को भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने में मदद करता है।
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