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  • Create Date October 4, 2023
  • Last Updated October 4, 2023

श्रीविद्याकवचम् एक शक्तिशाली स्तोत्र है जो देवी षोडशी की रक्षा प्रदान करता है। यह स्तोत्र भगवान शिव और देवी पार्वती के संवाद के रूप में लिखा गया है। स्तोत्र में, देवी पार्वती भगवान शिव से देवी षोडशी की एक कवच की मांग करती हैं जो उन्हें सभी बुराईयों से बचाए। भगवान शिव उनकी प्रार्थना सुनते हैं और उन्हें एक शक्तिशाली कवच प्रदान करते हैं।

श्रीविद्याकवचम् में 28 श्लोक हैं। स्तोत्र की शुरुआत में, देवी पार्वती भगवान शिव से देवी षोडशी की कवच की मांग करती हैं। भगवान शिव उनकी प्रार्थना सुनते हैं और उन्हें एक शक्तिशाली कवच प्रदान करते हैं। कवच में देवी षोडशी के विभिन्न रूपों का वर्णन है जो साधक की रक्षा करते हैं।

श्रीविद्याकवचम् का पाठ करने से साधक को कई लाभ होते हैं। यह स्तोत्र साधक को सभी बुराईयों से बचाता है, उसे आध्यात्मिक सिद्धि प्रदान करता है, और उसे लंबी और सुखी जीवन देता है।

श्रीविद्याकवचम् का पाठ करने के लिए निम्नलिखित विधि का पालन करें:

  1. सबसे पहले, एक साफ और पवित्र स्थान पर बैठें।
  2. फिर, एक दीपक जलाएं और देवी षोडशी की पूजा करें।
  3. अब, श्रीविद्याकवचम् का पाठ करें।
  4. स्तोत्र का पाठ करते समय, देवी षोडशी पर ध्यान केंद्रित करें।
  5. स्तोत्र का पाठ करने के बाद, देवी षोडशी से आशीर्वाद मांगें।

श्रीविद्याकवचम् का पाठ करने से पहले, किसी योग्य गुरु से निर्देश लेना उचित है।

श्रीविद्याकवचम् के कुछ लाभ निम्नलिखित हैं:

  • सभी बुराईयों से सुरक्षा
  • आध्यात्मिक सिद्धि
  • लंबी और सुखी जीवन
  • धन, समृद्धि और सुख-शांति की प्राप्ति
  • सभी प्रकार के रोगों से मुक्ति
  • ऋणों से मुक्ति
  • भय से मुक्ति
  • मनोकामनाओं की पूर्ति

श्रीविद्याकवचम् का पाठ करने से साधक को आध्यात्मिक उन्नति होती है और वह देवी षोडशी की कृपा प्राप्त करता है।


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